हाल के वर्षों में, भारत ने Start-up Ecosystem लैंडस्केप में कई तरह के सकारात्मक बदलाव देखे. लगभग 61,400 स्टार्ट-अप के साथ, भारत अमेरिका और चीन के बाद विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. विस्तार करते Start-up Ecosystem ने महिलाओं की भागीदारी में भी बढ़त देखी.
Start-up Ecosystem में बढ़ी Female entrepreneurs की भागीदारी
बेंगलुरु ने कई incubation programmnes, अनुदानों और फ़ेलोशिप के साथ उद्यमियों को प्रोत्साहित करके स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया है.
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Women innovators के बीच रिस्क लेने को प्रोत्साहित करने के लिए, बेंगलुरु ने शुरुआती चरण में स्टार्टअप के लिए 5 मिलियन रुपये की अनुदान सहायता कार्यक्रम शुरू किया. इस पहल ने महिला उद्यमिता पर ध्यान आकर्षित किया है, जिसकी वजह से प्रभावशाली 30% नए स्टार्टअप का नेतृत्व महिलाओं द्वारा किया जा रहा है. अपनी सफलता के प्रमाण के रूप में, बेंगलुरु में 1,783 महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप हैं, जो समर्थन के सकारात्मक प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं.
Women entrepreneurs को मिल रहा सरकार का समर्थन
इसके अलावा, राष्ट्रीय स्तर पर, भारत सरकार ने महिलाओं के self help groups को सशक्त बनाने के उद्देश्य से योजनाएं शुरू की गई हैं. कृषि कार्यों के लिए ड्रोन उपलब्ध कराने की पहल भी की गई है. कृषि क्षेत्रों से जुड़ी ग्रामीण महिला उद्यमियों को कवर करने के लिए 15 हज़ार ड्रोन के साथ, यह कार्यक्रम न सिर्फ उत्पादकता बढ़ाता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए अवसर भी पैदा करता है.
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Flipkart के साथ Women Entrepreneurs ने लिखी Success Stories
Electric Vehicles के ज़रिये महिलाओं को मिल रहा रोज़गार
ऑटोमोबाइल की वजह से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं को संबोधित करते हुए, भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और मैन्युफैक्चरिंग (फेम इंडिया चरण II) का समर्थन किया. पांच वर्षों में 100 अरब रुपये के बजट के साथ, यह पहल इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों को कम करके उपभोक्ताओं को सीधे प्रोत्साहित करती है. देशभर के कई शहरों में महिलाओं को काम कीमत पर electric vehicle उपलब्ध करवाए जा रहे हैं, जो उनके आत्मनिर्भर बनने का ज़रिया बन रहे हैं.
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इस योजना के ज़रिये, दस लाख से ज़्यादा दोपहिया, हजारों तिपहिया और चार पहिया वाहनों और कई इलेक्ट्रिक बसों को लाभ हुआ है. इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को लगभग 7,500 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा मिलेगा और ऑटोमोबाइल प्रदूषण में कमी आएगी.
DAY NRLM और NABARD के साथ उद्यमी बनीं ग्रामीण महिलाएं
DAY NRLM और DAY NULM के महिला स्वयं सहायता समूहों, या NABARD की Micro Enterprise Development Programme (MEDP) scheme, ग्रामीण महिलाओं को छोटे उद्यम शुरू करने में समर्थन दे रही है.
भारत के गतिशील परिदृश्य में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए, बदलाव की दिशा में कई परिवर्तनकारी पहले देखी जा रही हैं. ये इनोवेटिव समाधान सतत और समावेशी विकास और महिला सशक्तिकरण (women empowerment) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.