National Technology Day: टेक इंडस्ट्री का चेहरा बन रहीं महिलाएं

भारतीय टेक उद्योग में शुरुआत से ही पुरुषों का दबदबा रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में महिलाएं तेजी से अपना स्थान बना रही हैं. यह कहानी उन चुनौतियों और जीत की है जिन्होंने महिलाओं को तकनीकी दुनिया में अपना नाम रोशन करने में मदद की है.

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विधि जैन
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National Technology Day

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भारतीय टेक उद्योग (Indian Tech Industry) में शुरुआत से ही पुरुषों का दबदबा रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में महिलाएं तेजी से अपना स्थान बना रही हैं. यह कहानी उन चुनौतियों और जीत की है जिन्होंने महिलाओं को तकनीकी दुनिया में अपना नाम रोशन करने में मदद की है.

टेक उद्योग को ले कर हमेशा से ही लैंगिक भेदभाव (gender inequality) की विचारधारा रही है. यह क्षेत्र आज भी male dominant मन जाता है. लेकिन कई प्रतिभाशाली महिलाएं आगे आई हैं और साबित किया है कि कड़ी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की जा सकती है. ये महिलाएं आज अपने करियर में भी सफलता के शिखर को छू रही हैं.

महिलाएं बनी tech industry की inspiration

कई महिलाओं ने तकनीकी दुनिया में अपना नाम बनाया है और वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं. आज अपनी सफलता की लिखने वाली भारत की ऐसी ही महिलाओं में से कुछ हैं:

  • देबजानी घोष - नई उम्मीदों की किरण: देबजानी घोष (Debjani Ghosh), जो NASSCOM की पहली महिला अध्यक्ष बनीं, ने न केवल इस संस्था को नई दिशा दी, बल्कि भारतीय तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं के लिए नए अवसर भी सृजित किए. उनका मानना है कि तकनीक जीवन को सरल बना सकती है और हर किसी के लिए समान अवसर प्रदान कर सकती है. उन्होंने 'Think Digital, Think India' रणनीति के माध्यम से देश की डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास किया.
  • रोशनी नादर - तकनीकी सपनों की उड़ान: रोशनी नादर (Roshni Nadar), जिन्होंने तकनीकी दुनिया में अपनी एक विशेष जगह बनाई है, आज HCL Corporation की CEO हैं. उन्होंने न केवल कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि ग्रामीण उत्तर प्रदेश में VidyaGyan स्कूल की स्थापना कर वंचित बच्चों के लिए शिक्षा के नए द्वार भी खोले.
  • नीलम धवन - तकनीकी नवाचारों की मास्टरमाइंड: नीलम धवन (Neelam Dhawan), जिन्होंने तीन दशक से अधिक समय तक तकनीकी दुनिया में अपनी पहचान बनाई, आज उनका नाम उन चुनिन्दा महिलाओं में शामिल है जिन्होंने तकनीकी क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है. Microsoft और HP जैसी कंपनियों में उनका योगदान आज भी सराहनीय है.
  • वनिता नारायण - आईबीएम की डिजिटल योद्धा: वनिता नारायण (Vanitha Narayana), जो लंबे समय तक IBM के साथ जुड़ी रहीं और वहां की प्रबंध निदेशक बनीं, ने कंपनी की भारत में विस्तार योजनाओं को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया. उनके नेतृत्व में IBM ने भारत में कई नवाचारी परियोजनाएं शुरू कीं.
  • लक्ष्य सिवारामाकृष्णन - गूगल की इनोवेशन आइकन: लक्ष्य सिवारामाकृष्णन (Lakshya Sivaramakrishnan), गूगल में इनोवेशन और नई प्रौद्योगिकियों पर कार्यरत, उनका कार्य उन्हें तकनीकी जगत की एक उल्लेखनीय हस्ती बनाता है. उनकी नवीनताओं ने न केवल गूगल बल्कि समूचे तकनीकी उद्योग को नई दिशा प्रदान की है.

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कंप्यूटर कोड से लेकर कॉर्पोरेट तक

ये महिलाएं न केवल तकनीकी दुनिया में अपने निजी योगदान से जानी जाती हैं, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज में लैंगिक समानता के मानदंडों को भी चुनौती दी है. उनकी उपलब्धियां हमें यह दर्शाती हैं कि नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं है और वे जिस क्षेत्र में भी जाएं, अपनी छाप छोड़ सकती हैं.

इन महिलाओं की कहानियां हमें यह सिखाती हैं कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं. आइटी कंपनियों में कोडिंग करने वाली युवतियों से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों की सीईओ तक, ये महिलाएं हर क्षेत्र में अपना दम दिखा रही हैं.

लैंगिक भेदभाव जैसी चुनौतियों का सामना करने के बाद भी ये महिलाएं सफलता के शिखर पर पहुंची हैं. उनकी कहानी हमें यह विश्वास दिलाती है कि अगर हमारे पास जुनून और दृढ़ संकल्प है तो हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं.

भारत का तकनीकी क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और इसमें महिलाओं का योगदान लगातार बढ़ रहा है. उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी ज्यादा महिलाएं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे आएंगी और भारत को गौरवान्वित करेंगी.

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