सोशल चेंज की बोल्ड वॉइस बन रही तापसी

तापसी पन्नू ने लगातार ऐसे किरदारों को चुना है जो रूढ़िवादी भूमिकाओं से दूर हों. थप्पड़, नाम शबाना, रश्मि रॉकेट जैसी फिल्मों में तापसी की भूमिकाएं महिलाओं को आज़ाद, आत्मविश्वासी और समाज में अपनी पहचान बनाने में सक्षम दिखाती हैं.

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मिस्बाह
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Image Credits: Taapsee Pannu/Instagram

बॉलीवुड (Bollywood) जगत में, जहां अभिनेत्रियां अक्सर संवेदनशील सामाजिक मुद्दों पर बात करने से कतराती हैं, वहां एक नाम निडरता से अपनी बात कहने के लिए जाना जाता है. चाहे अपने विटी रिप्लाइज़ (witty replies) से ट्रॉल्स (trolls) को चुप करना हो, ऑन स्क्रीन स्ट्रोंग फीमेल रोल्स (on-screen strong female roles) निभाना, या अन्याय के खिलाफ बोलना, तापसी पन्नू यह सब कर रही है. अपने टैलेंट, अनअपोलोजेटिक एटीट्यूड, और लैंगिक समानता के लिए एक मजबूत आवाज के साथ, वह भारतीय सिनेमा में स्ट्रोंग और बोल्ड वॉइस (bold voice) के रूप में उभरी है.

दिल्ली (Delhi) में जन्मी और पली-बढ़ी तापसी पन्नू (Taapsee Pannu) ने इंजीनियरिंग (engineering) छोड़ 2010 में फिल्म 'झुमंडी नादम' से बॉलीवुड में डेब्यू (Bollywood debut) किया. शुरुआती दौर में चुनौतियों का सामना किया, पर जल्द ही अपने टैलेंट से फिल्म निर्माताओं और दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया. 2016 में आई फिल्म 'पिंक' ने उन्हें फेम दिलवाया. फिल्म में उन्होंने न्याय के लिए लड़ने वाली एक मजबूत इरादों वाली महिला की भूमिका निभाई. यहां से महिलाओं को सशक्त और प्रेरित करने वाली भूमिकाओं के साथ उनके जुड़ाव की शुरुआत हुई.

तापसी पन्नू ने निभाए आज़ाद, आत्मविश्वासी, स्ट्रोंग किरदार 

तापसी पन्नू ने लगातार ऐसे किरदारों को चुना है जो रूढ़िवादी भूमिकाओं (unconventional roles of Taapsee Pannu) से दूर हों. चाहे वह 'बदला' में एक महिला उद्यमी की भूमिका हो या 'मिशन मंगल' में वैज्ञानिक की, उन्होंने स्क्रीन पर महिलाओं के पारंपरिक चित्रण को तोड़ा है. थप्पड़, नाम शबाना, रश्मि रॉकेट जैसी फिल्मों में तापसी की भूमिकाएं महिलाओं को आज़ाद, आत्मविश्वासी और समाज में अपनी पहचान बनाने में सक्षम दिखाती हैं.

ऑफ रील भी कर रही लैंगिक समानता और वीमेंस राइट्स की वकालत 

ऑफ रील भी तापसी पन्नू लगातार लैंगिक समानता (gender equality) और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करती हैं. वह निडरता से फिल्म इंडस्ट्री (film industry) में पे गैप (pay gap) और महिलाओं के लिए सेफ स्पेस (safe space) की ज़रुरत पर खुलकर बोलती हैं. उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platforms) सोशल स्टैंडर्ड्स (social standards) को तोड़ने और महिला सशक्तिकरण (women empowerment) को बढ़ावा देने के लिए आवाज़ का ज़रिया बन गए हैं. 

तापसी द्वारा पर्दे पर निभाई जाने वाली भूमिकाएं (strong roles played by Taapsee) अक्सर महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को दिखाती हैं. अपनी फिल्मों के ज़रिये, वह घरेलू हिंसा, लिंग भेदभाव और महिलाओं की सुरक्षा और अधिकार से जुड़ी सच्चाई को सिल्वर स्क्रीन के ज़रिये सामने लाती है. ये फ़िल्में समाज को आइना दिखाती हैं, इन मुद्दों पर बात करने और विचार करने की जगह बनाती हैं, जिससे बदलाव को बढ़ावा मिल सके.

सिनेमा में तापसी पन्नू का काम मनोरंजन से परे है, जिसका समाज पर गहरा असर पड़ता है. उनकी फिल्मों ने अनगिनत महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़े होने और अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया है. युवा लड़कियों के पास अब एक भरोसेमंद रोल मॉडल है जो साहस और दृढ़ता का उदाहरण है. 

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