एक कहावत बहुत सुनी होगी आपने- 'Love is in the air'. अक्सर फरवरी के महीने में इस कहावत का उपयोग बढ़ जाता है और अगर आप पूछ रही है क्यों, तो जवाब है...इस मौसम का जादू. वसंत के मौसम की शुरुआत होती है इस महीने में. इसी महीने में Vasant Panchami भी मनाई जाती है, जिसे वसंत ऋतू की पहली हवा के झौके का आगमन माना जाता है.
हां, एक और प्यार से भरा त्यौहार मनाया जाता है इस महीने में जिसका नाम है Valentine's day. और मज़े की बात ये है कि इस बार दुनिया का Valentine's day और भारत का Valentine's Day या कहे Vasant Panchami 2024 एक ही दिन पर पड़ रहा है.
Vasant Panchami है नारी और नारीत्व का उत्सव
अक्सर लोग Vasant Panchami उनके पसंदीदा मौसम गर्मियों के आगमन का संकेत समझते क्योंकि यह वसंत ऋतू में मनाए जाने वाले 2 त्योहारों, में से पहला है... दूसरा है होली. लेकिन क्या आप ये जानते है कि भारत में वसंत पंचमी को हम नारी और नारीत्व के सम्मान और उत्सव के रूप में भी मनाते है? भारत में हर त्यौहार के पीछे कोई ना कोई बात ज़रूर होती है, तो Vasant Panchami को इस बात में कैसे शामिल ना किया जाए?
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Vasant Panchami के दिन को ज्ञान की देवी सरस्वती का जन्म दिवस माना गया है. Indian Mythology में 3 देव सर्वोपरि है, जो है- ब्रम्हा, विष्णु, महेश. सरस्वती के पिता ब्रम्हा है, जिन्होंने उन्हें अपनी प्रेरणा से ज्ञान की देवी सरस्वती को जन्म दिया था.
Vasant Panchami को Saraswati Puja कर मनाया जाता है
Vasant Panchami देवी सरस्वती को समर्पित त्यौहार है जो ज्ञान, भाषा, संगीत और सभी कलाओं की देवी हैं. प्रेम, रचनात्मक ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है सरस्वती. यह मौसम और त्यौहार में कृषि क्षेत्रों में सरसों की फसल के पीले फूलों के पकने का जश्न भी मनाते हैं, जिसे हिंदू सरस्वती के पसंदीदा रंग, पीले, से जोड़ते हैं.
जब बात सरस्वती मां की तो महिला की शक्ति का अंदाज़ लगता है. सरस्वती को ब्रम्हा के साथ सृष्टि का रचयिता माना गया है. जिस तरह से एक मां हमें ज़िन्दगी देती है, एक बच्चे की पहली शिक्षक मानी जाती है और उसे आगे बढ़ने के लिए बुद्धि देती है, ठीक उसी प्रकार सरस्वती भी साक्षात हर घर में मां का ही रूप है. ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मा ने अपने माथे से सरस्वती की रचना की. इसीलिए हर महिला को मां सरस्वती का रूप माना गया है.
एक ओर मान्यता के अनुसार Vasant Panchami कामदेव, उनकी पत्नी रति ओर मित्र वसंत के सम्मान का प्रतीक भी है. वसंत ऋतू को श्रृंगार रस से भरा हुआ माना जाता है. इसका कारण है भगवान काम ओर उनकी ख़ूबसूरत पत्नी रति. वे धरती पर अवतरित ही प्रेमभाव को बढ़ाने के लिए हुए थे.
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कामदेव को Shiv Shakti के मिलन का कारण भी माना जाता है
कामदेव को भगवान शिव ओर पार्वती (जिन्हें शक्ति भी कहा जाता है) उनके मिलन का कारण कहा जाता है. जब शिव अपनी पहली पत्नी सती की मृत्यु के दुःख को भूलने के लिए हिमालय पर तपस्या में बैठे थे तब पार्वती के रूप में अवतार लेकर सती वापस शिव के पास आने का प्रयास करती है.
लेकिन अपने ध्यान से ना भटकते हुए शिव उन्हें देखते ही नहीं है. तब सारे देवगण कामदेव से शिव का ध्यान पार्वती की ओर लाने का आग्रह करते है. वे 5 बाण चलाते है जिनमें से एक, शिव का ध्यान भंग कर देता है ओर इस प्रकार शिव-शक्ति का मिलन होता है.
कहानियां तो बहुत है. लेकिन जो बाद सबसे ऊपर है वो है Vasant Panchami के दिन नारीत्व का पूजन. इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि बाकी के दिन यह नहीं करना. अगर देखा जाए तो यह ज़िंदगी ही हमें नारियों की वजह से मिली है तो हर सांस के साथ उनका ध्यान ओर सम्मान करना हमारा कर्त्तव्य है.
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