महिला रेसर्वेशन बिल (Women’s Reservation Bill) को पहली बार संसद में पेश किए जाने के सत्ताईस साल बाद, लोकसभा (Loksabha) में मंज़ूरी मिली है. इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण (33% reservation to women) देने की बात कही गई. बेशक यह विधेयक भारतीय राजनीति में महिलाओं (women in Indian politics) की मौजूदगी को बढ़ाकर उनके विकास का रास्ता आसान करेगा.
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महिला आरक्षण
वर्तमान लोकसभा में, केवल 78 महिला सदस्य (Loksabha women members) हैं जो कुल 543 सदस्यों में से 15 प्रतिशत से भी कम हैं. इसके अलावा, कई राज्यों में विधानसभाओं में मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं (women in assemblies) की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है.
विधेयक (bill) को मंजूरी मिलने के समय पर भी थोड़ा ध्यान दिया जाना चाहिए. जिस विधेयक में पहले कई खामियां देखी गई थी, वह 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha elections) से कुछ महीने पहले पारित होने की संभावना रखता है. रूलिंग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राजनीतिक नेताओं ने 'महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने के नैतिक साहस' के लिए पीएम मोदी (PM Modi) की सराहना की है.
ध्यान इस बात पर भी दिया जाना चाहिए कि किस तरह चुनाव से पहले महिला सशक्तिकरण (women empowerment) से जुड़े मुद्दे नेताओं के भाषण और राजनीति के केंद्रीय बिंदुओं का हिस्सा बन जाते हैं. केंद्र के इस कदम को समय से परे नहीं रखा जा सकता.
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महिला अधिकार (women's rights) चैंपियन कहलाने की इस दौड़ में,राज्य भी पीछे नहीं हैं. राज्यों ने भी चुनाव की तैयारी शुरू करते हुए, महिला केंद्रित योजनाओं को लागू किया है (state wise women centric schemes).
हाल ही में लॉन्च की गई कुछ योजनाओं पर नज़र डालते हैं, जिससे पता चलता है कि चुनाव से पहले महिला सशक्तिकरण (women empowerment) के वादे कैसे चारों ओर गूंजते हैं, लेकिन उनके लागू होने पर प्रश्न चिह्न बना रहता है.
छत्तीसगढ़
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कांग्रेस (congress) शासित राज्य, जहां इस दिसंबर में चुनाव (Chattisgarh elections) होने हैं, वहां कार्यबल में महिलाओं की मौजूदगी को बढ़ाते हुए महिला कल्याण योजनाएं (women welfare schemes in Chattisgarh) शुरू की गई -
राज्य महिला उद्यमिता नीति
अप्रैल 2023 में राज्य सरकार ने महिलाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए 'राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28' (State Women Entrepreneurship Policy) लागू की. इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को अपना उद्योग और व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी.
कौशल्या मातृत्व योजना
पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 'कौशल्या मातृत्व योजना' (Kaushalya Matritva Yojana) शुरू की थी और सुरक्षित मातृत्व के लिए पांच महिला लाभार्थियों को उनके दूसरे बच्चे के पालन-पोषण को प्रोत्साहित करने के लिए 5,000 रुपये के चेक दिए थे.
मध्य प्रदेश
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार ने 'लाडली बहना योजना' (Mukhyamantri Ladli Behna Scheme) के तहत राज्य की 1.25 करोड़ महिलाओं के खातों में 1,000 रुपये ट्रांसफर किए. भाजपा सरकार की इस योजना को 'गेम-चेंजर' बताया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि लाभार्थियों को दिए जाने वाले 1,000 रुपये को तीन गुना बढ़ाया जायेगा.
लाड़ली लक्ष्मी योजना
मुख्यमंत्री बनने के बाद 2007 में, शिवराज सिंह चौहान ने 'लाडली लक्ष्मी' योजना' (Ladli Lakshmi Yojna) शुरू की, जिसका लक्ष्य पात्र बालिकाओं को अच्छी शिक्षा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना था. नवंबर 2022 में, चौहान ने लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 'लाडली लक्ष्मी 2.0' (Ladli Lakshmi 2.0) वित्तीय सहायता योजना शुरू की. इस योजना के तहत बेटी को कॉलेज स्तर पर शिक्षा शुरू करने पर 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी.
राजस्थान
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निःशुल्क स्मार्टफोन योजना
चुनाव से कुछ महीने पहले, राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने राज्य में महिलाओं के लिए मुफ्त स्मार्टफोन योजना (Free smartphone scheme) शुरू की. सरकार ने इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना (Indira Gandhi smartphone scheme) के तहत कहा कि वह केवाईसी प्रक्रिया (KYC process) पूरी होने के बाद लाभार्थी महिलाओं के ई-वॉलेट (E-wallet) में 6,800 रुपये ट्रांसफर करेगी. इसके बाद लाभार्थी सरकार द्वारा लगाए गए शिविरों में अपनी पसंद का मोबाइल फोन खरीद सकता है. योजना के पहले चरण में करीब 40 लाख महिलाओं और छात्राओं को तीन साल तक मुफ्त इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन मिलेंगे.
तेलंगाना
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केसीआर पोषण किट
राज्य चुनावों से पहले तेलंगाना (Telangana) में केसीआर सरकार (KCR government) ने कहा कि पोषण किट योजना (nutrition kit scheme) के तहत राज्य भर में 13.08 लाख किटों के वितरण से 6.84 लाख गर्भवती महिलाओं को लाभ होगा. विशेष पोषण किट प्रोटीन, खनिज, विटामिन कार्बोहाइड्रेट और दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.
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दिल्ली सरकार (Delhi government) ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा (free bus rides for women) शुरु की. कर्नाटक में इसी तरह की योजना 'शक्ति' के तहत महिलाओं को राज्य संचालित सड़क परिवहन निगमों की गैर-प्रीमियम बसों में मुफ्त यात्रा करने का प्रावधान है.
बंगाल (Bengal) में सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के कन्याश्री कार्यक्रम (Kanyashree programme) शुरू किया. महिला छात्रों को छात्रवृत्ति (scholarship) प्रदान करने वाली इस योजना को 2018 में संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार भी मिला. हालांकि, इस योजना के बावजूद, रिपोर्ट में पाया गया कि शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में घर पर बैठी लड़कियों की संख्या बहुत अधिक है.
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हाल के कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा चुनावों में सत्ता में आने के बाद, कांग्रेस (congress) सरकार ने 'गृह लक्ष्मी योजना' (Gruha Lakshmi scheme) शुरू की, जिसमें लगभग 1.1 करोड़ महिलाओं को 2,000 रुपये की मासिक सहायता दी जाती है.
ये सभी योजनाएं महिलाओं के विकास का लक्ष्य रखती हैं. लेकिन, यह समझना ज़रूरी है कि योजनाओं की शुरुआत केवल चुनावी फायदों के लिए नहीं, पर असल में ज़मीनी स्तर पर बदलाव की नियत से की जानी चाहिए.