भारत सरकार की पहलों से महिला सुरक्षा को मिल रही नई दिशाएं

महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए निर्भया फंड की स्थापना, पुलिस की तेज़ प्रतिक्रिया के लिए वन स्टॉप सेंटर्स और महिलाओं के लिए 181 और 112 जैसे हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत, महिला सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुए है.

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विधि जैन
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Government Initiatives for Women Safety

Image - Ravivar Vichar

भारतीय समाज में महिलाओं की सुरक्षा (Women Safety in India) हमेशा से एक महत्वपूर्ण चिंतन का विषय रही है. पिछले कुछ दशकों में, भारत सरकार ने महिला सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है और इस दिशा में कई सार्थक पहलें (Government Schemes for Women Safety) की हैं. ये पहलें विभिन्न आयामों में फैली हुई हैं, जैसे कि कानूनी सुधार, शिक्षा में बढ़ोतरी, सुरक्षा उपायों में सुधार और सामाजिक जागरूकता (social awareness) को बढ़ावा.

महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए 'निर्भया फंड' की स्थापना, पुलिस की तेज़ प्रतिक्रिया के लिए 'वन स्टॉप सेंटर्स' और महिलाओं के लिए 181 और 112 जैसे हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत, इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम रहें हैं. इसके अलावा, शैक्षिक संस्थानों और कार्यस्थलों में sexual harassment के खिलाफ विस्तृत दिशा-निर्देश और सख्त कानून भी लागू किए गए हैं. इन पहलों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण प्रदान करना है जिसमें वे बिना किसी भय के अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सकें.

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महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुख्य पहलें

  • निर्भया फंड (Nirbhaya Fund): निर्भया फंड भारत सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए 2013 में शुरू किया गया एक special fund है. इस फंड की शुरुआत दिसंबर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया बलात्कार मामले के बाद हुई, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस घटना के बाद, महिला सुरक्षा को लेकर समाज में जागरूकता और कार्यवाही की मांग बढ़ गई. निर्भया फंड का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए विशेष परियोजनाओं और पहलों के लिए धनराशि प्रदान करना है.

इस फंड के तहत, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं शुरू की गई, जैसे कि सुरक्षित पब्लिक ट्रांसपोर्ट,  महिला पुलिस वोलंटियर्स की भर्ती, 'सखी केंद्र' जो हिंसा की शिकार महिलाओं को कानूनी, मेडिकल और काउंसलिंग जैसी सहायता प्रदान करते हैं. निर्भया फंड का मुख्य लक्ष्य महिलाओं को एक सुरक्षित और समर्थित वातावरण प्रदान करना है, जिससे वे बिना किसी भय के अपने जीवन और करियर को आगे बढ़ा सकें.

  • महिला पुलिस वालंटियर्स (Women Police Volunteers): महिला पुलिस वालंटियर योजना भारत सरकार द्वारा महिला सुरक्षा के लिए चलाई गई एक पहल है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकना और उनकी सहायता करना है. महिला पुलिस वालंटियर्स सामुदायिक स्तर पर काम करती हैं और पुलिस विभाग के साथ मिलकर महिलाओं को आवश्यक सहायता और सुरक्षा प्रदान करती हैं. 

ये वालंटियर्स महिलाओं के साथ संवाद स्थापित करने, उनकी समस्याओं को सुनने और उन्हें सही मार्गदर्शन देने में मदद करती हैं. वे महिलाओं को कानूनी प्रक्रियाओं की जानकारी देती हैं और जरूरत पड़ने पर पुलिस तक उनकी बात पहुंचाती हैं. इस प्रकार, महिला पुलिस वालंटियर्स समाज में महिलाओं की सुरक्षा और समर्थन की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन जाती हैं, जिससे वे समाज में अधिक सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सकें.

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  • वन स्टॉप सेंटर स्कीम (One Stop Centre Scheme): वन स्टॉप सेंटर स्कीम, जिसे 'सखी' के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा महिला सुरक्षा के लिए शुरू की गई एक प्रमुख योजना है. यह योजना 2015 में शुरू की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य हिंसा का शिकार हुई महिलाओं को तत्काल सहायता प्रदान करना है. इस स्कीम के तहत, देश भर में विभिन्न स्थानों पर 'वन स्टॉप सेंटर्स' (One Stop Centres) या सखी निवास (Sakhi Niwas) स्थापित किए गए हैं जहां पीड़ित महिलाएं एक ही जगह पर कई प्रकार की मदद प्राप्त कर सकती हैं.

इन केंद्रों में महिलाओं को कानूनी सहायता, पुलिस सहायता, मेडिकल केयर, मनोवैज्ञानिक सहायता और आश्रय जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. यह योजना महिलाओं को उनके संकट के समय में व्यापक समर्थन प्रदान करती है और उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी देती है, साथ ही साथ उन्हें सुरक्षित और समर्थनात्मक वातावरण मुहैया कराती है.

  • 181 महिला हेल्पलाइन (181 Women Helpline): 181 महिला हेल्पलाइन भारतीय महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण आपातकालीन सेवा है जिसे विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया. यह हेल्पलाइन देशभर में उपलब्ध है और महिलाएं इसे किसी भी समय डायल कर सकती हैं यदि उन्हें हिंसा, उत्पीड़न या किसी अन्य प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो. इस हेल्पलाइन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को तुरंत पुलिस सहायता, मेडिकल सहायता या अन्य आवश्यक सेवाओं से जोड़ना है.

181 हेल्पलाइन को सरकार द्वारा विशेष रूप से उन महिलाओं की मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अकेली हैं या घरेलू हिंसा या किसी अन्य प्रकार की आपात स्थिति का सामना कर रही हैं. इस सेवा के माध्यम से, महिलाएं तुरंत अपनी समस्याएं साझा कर सकती हैं और जरूरी मदद प्राप्त कर सकती हैं, जिससे उन्हें समय पर और प्रभावी ढंग से सहायता मिल सके.

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  • महिला शक्ति केंद्र (Mahila Shakti Kendra MSK): महिला शक्ति केंद्र भारत सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई योजना है. इसका उद्देश्य महिलाओं को कानूनी, सामाजिक और आर्थिक मदद प्रदान करना है. महिला शक्ति केंद्र प्रत्येक जिले में स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सहायता प्राप्त कर सकती हैं.

इन केंद्रों में महिलाओं को परामर्श, कानूनी सहायता, और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है. साथ ही, यहां महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है. महिला शक्ति केंद्र द्वारा महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी कई पहलें की जाती हैं. ये केंद्र महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में भी मदद करते हैं, ताकि वे समाज में सम्मानपूर्वक और सुरक्षित रूप से जीवन यापन कर सकें.

  • उज्जवला स्कीम (Ujjwala Yojana): उज्जवला योजना भारत सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए शुरू की गई एक ख़ास पहल है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को तस्करी (human trafficking) और अन्य विषम परिस्थितियों से मुक्ति दिलाना है. उज्जवला स्कीम के तहत, पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित आश्रय, पुनर्वास, और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है.

इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा रेस्क्यू और इमीडिएट शेल्टर होम्स प्रदान किए जाते हैं जहां पीड़ित महिलाओं और बच्चों को तुरंत सुरक्षित आश्रय मिल सके. साथ ही, उन्हें नई जिंदगी की शुरुआत के लिए आवश्यक कौशल प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जाती है. आज यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान प्रदान करने का एक माध्यम बन चुकी है.

सरकारी पहलें बनीं करोड़ों महिलाओं के लिए आशा की किरण

भारत सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए शुरू की गई ये पहलें, आज महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सशक्तिकरण पूर्ण माहौल सृजित कर रहीं हैं. इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करना है.

भारत सरकार की ये पहलें देश में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास के रूप में उभर रही हैं. इस प्रक्रिया में, सरकार ना केवल महिलाओं को अधिकार संपन्न बना रही है बल्कि उन्हें विपरीत परिस्थितियों से उबरने के लिए सक्षम भी बना रही है. ये पहलें महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें समाज में एक सक्रिय और सम्मानित भागीदार बनने का मौका भी दे रहीं हैं.

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