भारत में इन schemes से बढ़ेगा हर profession में female participation

भारत में New India के vision के साथ women’s-development से women-led development की ओर से बदलाव देखा जा रहा है, जहां महिलाएं तेज़ गति और sustainable national development में समान भागीदारी दर्शा रही है.

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रिसिका जोशी
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कहते है न जब घर एक महिला चलाए तो कोई परेशानी कभी आ ही नहीं सकती. बस ऐसे ही अगर देश के हर काम में महिलाओं की भागीदारी बराबर की होगी तो देश का विकास होने से कोई नहीं रोक सकता. यह बात समझ चुकी है हमारी सरकार इसीलिए हर समय उनका प्रयास रहता महिलाओं को निरंतर आगे बढ़ने का.

भारत में New India के vision के साथ women’s-development से women-led development की ओर से बदलाव देखा जा रहा है, जहां महिलाएं तेज़ गति और sustainable national development में समान भागीदारी दर्शा रही है.

भारत में women led development को दिया जा रहा बढ़ावा 

भारत वर्तमान में विश्व के उन 15 देशों में से एक है जहां woman Head of State हैं. विश्व स्तर पर, भारत में स्थानीय सरकारों में elected women representatives की संख्या सबसे अधिक है. भारत में वैश्विक औसत की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक महिला पायलट हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला एयरलाइन पायलट सोसायटी के अनुसार, विश्व स्तर पर लगभग 5 प्रतिशत पायलट महिलाएँ हैं.

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भारत में, महिला पायलटों की हिस्सेदारी काफी ज्यादा 15 प्रतिशत से अधिक है. प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों का Gross Enrolment Ratio (GER) लगभग लड़कों के बराबर है. Science, Technology, Engineering and Mathematics (STEM) में लड़कियों/महिलाओं की उपस्थिति 43 प्रतिशत है, जो विश्व में सबसे अधिक में से एक है.

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समाज में healthy gender balance को मापने के प्रमुख संकेतकों में से एक 'Sex Ratio at Birth (SRB)' है. Health Management Information System (HMIS) की Ministry of Health & Family welfare (MoHFW) की latest reports से पता चलता है कि SRB में सुधार के रुझान दिख रहे हैं और 2014-15 से 2022-23 (अनंतिम) के दौरान 15 अंकों के शुद्ध परिवर्तन के साथ राष्ट्रीय स्तर पर 918 से बढ़कर 933 हो गया है.

Women Empowerment के लिए चलाई जा रही Government schemes

सरकार द्वारा की गई कई पहलों ने लड़कियों के प्रति patriarchal mindset वाले सामाजिक दृष्टिकोण, जिसमें लड़कियों को बोझ माना जाता है, में परिवार और समाज के मूल्यवान सदस्य के रूप में बदलाव के लिए केंद्रित दृष्टिकोण सहित sex ratio में सुधार में योगदान दिया है. 

'Beti Bachao Beti Padhao’ scheme ने इस patriarchal mindset को बदलने में अहम भूमिका निभाई है. घर के प्रमुख निर्णयों में भाग लेने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है. National Family Health Survey 5 (NFHS 5) में कहा गया है कि आज 88.7% women participate प्रमुख घरेलू निर्णयों में भाग लेती हैं, जबकि पांच साल पहले यह 84 प्रतिशत थी.

Skill India Mission के तहत महिला श्रमिकों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार Women Industrial Training Institutes, National Vocational Training Institutes और Regional Vocational Training Institutes के नेटवर्क के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर रही है.

महिला सशक्तिकरण और देश के सर्वोच्च राजनीतिक कार्यालयों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए सरकार द्वारा उठाया गया सबसे बड़ा कदम लोक सभा (लोकसभा) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधान सभा सहित राज्य विधान सभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के लिए 28 सितंबर, 2023 को Nari Shakti Vandan Adhiniyam, 2023 (Constitution One Hundred and Sixth Amendment) अधिनियम, 2023 की अधिसूचना है.

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Science, Technology, Engineering and Mathematics (STEM) में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं. Vigyan Jyoti को 9वीं से 12वीं कक्षा तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की विभिन्न धाराओं में लड़कियों के low representation को संतुलित करने के लिए 2020 में लॉन्च किया गया था. 

2017-18 में शुरू हुई Overseas Fellowship Scheme भारतीय महिला वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को एसटीईएम में अंतरराष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करती है. कई महिला वैज्ञानिकों ने भारत के पहले India’s maiden Mars Orbiter Mission (MOM) या मंगलयान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें Space Application Centre में scientific instruments का निर्माण और परीक्षण भी शामिल है.

सरकार कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने के लिए Working Women Hostels की योजना भी लागू करती है. राष्ट्रीय कृषि बाजार या eNAM कृषि वस्तुओं के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, योजना "Kisan Call Centres" किसानों के प्रश्नों का उनकी अपनी बोली में टेलीफोन कॉल पर उत्तर देती है.

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Kisan Suvidha, Agri Market, National Crop Insurance Portal, UMANG (Unified Mobile Application for New-Age Governance) जैसे मोबाइल एप्लिकेशन डिजिटल नवोन्मेषण महिलाओं को सुविधा प्राप्त होने में आने वाली बाधाओं को दूर करने या क्षतिपूर्ति करने में मदद कर रहे हैं.

भारत सरकार "Mission Shakti" कार्यान्वित करती है जिसके दो घटक हैं, संबल और सामर्थ्य.- "संबल" के अंतर्गत Beti Bachao Beti Padhao, One Stop Centre, Women Help Line और Nari Adalat जैसे component हैं. उप-योजना "सामर्थ्य" के घटक हैं Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana, Shakti Sadan, Hub for Empowerment of Women, Sakhi Niwas या Working Women Hostel, Palna, Anganwadi cum Creches जैसे components है.

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi, Pradhan Mantri Kisan Maan Dhan Yojana, Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana, Paramparagat Krishi Vikas Yojana, Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana इत्यादि जैसी किसान कल्याण योजनाएं महिला किसानों के लिए एक सक्षमकारी वातावरण का पोषण कर रही हैं. इन पहलों के माध्यम से सरकार कृषि विस्तार सेवाओं सहित उत्पादक संसाधनों तक कृषक महिलाओं की पहुंच में सुधार कर रही है, जिससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में समग्र सुधार आ रहा है.

National Cooperative Development Corporation महिला सहकारी समितियों के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएँ food grain processing, plantation crops, oilseed processing, fisheries, dairy और livestock, spinning mills, handloom और powerloom weaving, Integrated Cooperative Development Projects आदि से संबंधित कार्यकलापों से निपटने वाली सहकारी समितियों के साथ जुड़ी हुई हैं.

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सरकार की प्रमुख योजना Deen Dayal Antyodaya Yojana – National Rural Livelihood Mission (DAY-NRLM) के तहत, लगभग 10 करोड़ महिला सदस्यों वाले लगभग 90 लाख महिला Self Help Groups (SHGs) महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के संबंध में ग्रामीण परिदृश्य को रूपांतरित कर रहे हैं.

Pradhan Mantri Awaas Yojana के तहत स्वीकृत लगभग 4 करोड़ घरों में से अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं. इन सबसे वित्तीय निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. 'Vocal for Local' का महिला सशक्तिकरण से बहुत बड़ा संबंध है, क्योंकि ज्यादातर स्थानीय उत्पादों की शक्ति महिलाओं के हाथ में है.

सरकार ने सशस्त्र बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए सक्षम प्रावधान किए हैं, जैसे फाइटर पायलटों जैसी लड़ाकू भूमिकाओं सहित महिलाओं को स्थायी कमीशन देना, National Defence Academy (NDA) में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देना, सैनिक स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश देना आदि. 

Indian Air Force (IAF) में महिला अधिकारियों को सभी शाखाओं और क्षेणियों में शामिल किया जाता है. आईएएफ ने पहली बार अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं को अग्निवीरवायु के रूप में अन्य रैंकों में शामिल किया है. वर्तमान में 154 महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले रही हैं.

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सरकार ने विभिन्न महिला केंद्रित पहल भी की हैं जो सरकारी सेवा में अधिक महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही हैं. इनमें, अन्य बातों के अलावा, Child Care Leave (CCL) का लाभ उठाना, मुख्यालय छोड़ना और सीसीएल के दौरान विदेश यात्रा पर जाना, दिव्यांग महिला कर्मचारियों को बच्चे की देखभाल के लिए 3000 रु प्रति माह विशेष भत्ता उत्तर पूर्व कैडर की अखिल भारतीय सेवा की महिला अधिकारियों के लिए विशेष छूट, कथित तौर पर यौन उत्पीड़न की शिकार महिला सरकारी कर्मचारियों को 90 दिनों तक की छुट्टी, महिलाओं को प्रतियोगी परीक्षा से शुल्क में छूट , एक ही स्थान पर पति और पत्नी की पोस्टिंग आदि शामिल है.

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को महिला बस ड्राइवरों, कंडक्टरों और पर्यटक गाइडों की संख्या बढ़ाने की भी सलाह दी गई है. इसके अलावा, सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस कर्मियों की कुल संख्या में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 33 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्शी जारी की है.

Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ने भारत की सभी अनुसूचित एयरलाइनों और प्रमुख हवाईअड्डा संचालकों को 2025 तक International Air Transport Association (IATA) 25 में भाग लेने के लिए परामर्शी जारी किया है. यह पहल एक उद्योग-व्यापी विविधता और समावेशन परियोजना है जिसका उद्देश्य 2025 तक वरिष्ठ पदों पर महिलाओं की संख्या वर्तमान में रिपोर्ट किए गए मेट्रिक्स के मुकाबले 25 प्रतिशत या न्यूनतम 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व तक वृद्धि करना है.

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Airports Authority of India (AAI) ने हवाई यातायात नियंत्रण, अग्निशमन सेवा, हवाईअड्डा प्रचालनों जैसे संगठन के कामकाज के लिए आधारभूत संवेदनशील क्षेत्रों में महिला भागीदारी को सक्षम बनाया है. AAI द्वारा आयोजित सीधी भर्ती प्रक्रिया में महिला उम्मीदवारों को शुल्क में और छूट प्रदान की गई है.

सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ी है. आजादी के बाद देश में पहली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में 81 महिलाएं लोकसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं. पंचायती राज संस्थाओं में 1.45 मिलियन या 46 प्रतिशत से अधिक महिला निर्वाचित प्रतिनिधि हैं (33 प्रतिशत के अनिवार्य प्रतिनिधित्व के मुकाबले). भारत के संविधान में 73वें और 74वें संशोधन (1992) ने महिलाओं के लिए पंचायतों और नगर पालिकाओं में 1/3 सीटों का आरक्षण किया था. 

यह जानकारी दी है महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने. देश का विकास महिलाओं को आगे बढ़ाने से ही संभव है. देश में महिलाएं आजतक जिस स्तिथि में थी उसे बदलकर ही आगे बढ़ने के बारे में सोचा जा सकता है. स्मृति ईरानी ने इन सारी नीतियों के बारे में जानकारी देखा यह स्पष्ट किया है कि भारत महिलाओं सशक्तिकरण हो अपना प्राथमिक मुद्दा बना चुका है. 

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