अगर आप अपनी ज़िंदगी के हर मुकाम को एक Wrestler की सोच और नज़रिए से देखने लगेंगे तो हर परेशानी opponent लगने लगेगी. हर मायने में एक पहलवान की ज़िंदगी से व्यक्ति कुछ ना कुछ ज़रूर सीख सकता है. अपनी हर तकलीफ को धोबीपछाड़ देना और आगे बढ़ाना एक wrestler से अच्छा कोई नहीं समझ सकता.
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सबसे स्ट्रांग Wrestlers में से एक हैं विनेश फोगाट
ऐसी ही एक भारत की पहलवान है विनेश फोगाट, जिसने भारत का नाम Asian games और Commonwealth games जैसे international platform पर ऊँचा कर दिया है. वह देश की पहली महिला हैं (First women wrestler to win gold in Asian games) जिन्होंने एशियाड और कॉमनवेल्थ गेम, दोनों में गोल्ड जीता है.
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हरियाणा में बड़ी हुई विनेश फोगाट
25 अगस्त 1994 में विनेश फोगाट का जन्म हरियाणा के चरखी दादरी में फोगाट परिवार में हुआ. गीता फोगाट और बबिता फोगाट की बहन है विनेश फोगाट. अपनी बहनों से इंस्पायर हुई और भारत के लिए ऐसे ऐसे मुकाम हासिल किए जो किसी भी पहलवान ने नहीं किया. विनेश फोगाट ने कुश्ती की विभिन्न प्रतियोगिताओं में अब तक 16 पदक (Vinesh Phogat Medals )अपने नाम किए हैं. इनमें 5 गोल्ड, 4 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज़ मैडल शामिल है.
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आज तक जीत चुकी है 16 मेडल्स
विनेश एशियन चैंपियनशिप (Vinesh Phogat Asian championship) में एक, राष्ट्रमंडल खेलों (Vinesh Phogat Commonwealth Games) में तीन और एशियन गेम्स (Vinesh Phogat Asian games) में एक गोल्ड मैडल और एक ब्रॉन्ज़ मैडल जीता है. उन्होंने यूथ रेसलिंग चैंपियनशिप (Youth Wrestling Championship) में एक और एशियन चैंपियनशिप में तीन सिल्वर मेडल और चार ब्रॉन्ज़ और वर्ल्ड चैंपियनशिप (World Championship) में दो ब्रॉन्ज़ मैडल जीते है.
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अपने ताऊ से सीखे Wrestling के दाव पेंच
अपने पिता (Vinesh Phogat's father) की एक्सीडेंट में मृत्यु के बाद विनेश पूरी तरह टूट गयीं थी. गीता-बबिता के पिता महावीर सिंह फोगाट ने विनेश और उनकी बहन (Vinesh Phogat sisters) को अपने पास बुला लिया और उन्हें ट्रेनिंग देना शुरू कर दी. विनेश ने हर दुख और परशानी को अपनी ट्रेनिंग के दौरान धोबीपछाड़ देकर ख़त्म कर दिया और आज देश की सबसे प्रिय wrestler में से एक बन चुकी है.
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WFI के खिलाफ़ प्रोटेस्ट में विनेश फोगाट रहीं सबसे आगे
हाल ही Wrestling Federation Of India के खिलाफ़ हुए प्रोटेस्ट में विनेश सबसे आगे खड़ी थी. अपने ग्रुप में जूनियर्स के साथ हुए Sexual Harassment को दुनिया के सामने रखा था विनेश फोगाट, साक्षी मालिक (Sakshi Malik) और बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने.
जिस प्लेयर ने अपने देश के लिए इतनी मेडल्स लाए उन्हें जब देश की हार होते हुए दिखे तो वे सहन नहीं कर पाते. जैसा कल हुआ, भारतीय पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में 'Neutral athletes' के रूप में कम्पीट करनी होगा क्योंकि ad-hoc panel ने चुनाव कराने के लिए 45 दिन की समय सीमा का पालन नही किया. विनेश फोगाट जैसे खिलाडियों के लिए यह बहुत दुख की बात है कि भारत का झंडा international platform पर नहीं फहराया जाएगा.
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भारत की प्रिय है विनेश फोगाट
विनेश भारत की वो बेटी है जिसने हर वक़्त सिर्फ देश की तरक्की के बारे में सोचा और अपने खेल से इस देशप्रेम को सबके सामने भी रखा. हर लड़की के लिए प्रेरणा और गर्व का स्त्रोत है विनेश. अपने सपनो को पूरा करने के लिए बुरे समय से भी लड़ गयी जो लड़की, उस हराना किसी के बस की बात नहीं हो सकती!