सरकार महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) को आगे बढ़ाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. आए दिन नयी पहलों और परियोजनाओं को लॉन्च करती है सरकार ताकि महिलाओं को साथ देश की भी तरक्की हो. लेकिन कुछ ऐसे असामाजिक तत्त्व है जो हर वक़्त परेशानियां पैदा करते ही रहते है. महिलाएं दिन रात एक कर, अपने काम को एस्टब्लिश करती है और ये लोग बिना सोचे समझे, उनके साथ धोखाधड़ी कर देते है.
हरियाणा की फाइनांस कंपनी के फील्ड स्टाफ ने किया लाखों का धोखा
इसी तरह की एक और Self Help Group से जुड़ी ख़बर सामने आई जिसने पुरे फतेहबाद को शर्मिंदा कर दिया. फतेहाबाद, हरियाणा रतिया में महिला SHG को लोन देने के मामले में फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा लाखों का गबन करने का मामला सामने आया है. ब्रांच मैनेजर के अनुसार SHG के 4 लाख से ज़्यादा के लोन का वादा कर उनसे पैसे ले लिए और कंपनी में जमा नहीं करवाए. रतिया पुलिस ने इन तीन कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
महिलाओं का किसी भी यकीन करना हो रहा मुश्किल
अदालत में दायर इस्तगासा में रतिया ब्रांच मैनेजर सुमेर सिंह ने कहा है- "उनकी कम्पनी इंडसइंड बैंक की सहायक कम्पनी है जोकि गरीब महिलाओं के सदस्यों का समूह बनाकर गांव व शहर में स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध करवाती है। विजेन्द्र सिंह, गुरमीत सिंह और मनीष तीनों रतिया में फील्ड स्टाफ के पद पर पैसा बांटने और कम्पनी के पैसे की रिकवरी करने का काम करते थे."
इन लोगों ने किश्त जमा करवाने के नाम पर लोन की राशि 4 लाख 20 हजार 176 रुपये इकट्ठा की है और कम्पनी में जमा करवाने की बजाय अपने पास रख लिया. तीनों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. सवाल ये है कि महिलाएं अब कंपनी के के लोगों पर भी विश्वास ना करे तो किस पर करे? इस तरह से माइक्रो फाइनेन्स कंपनियों कि क्रेडिबिलिटी भी ख़त्म होने का डर है.