New Update
/ravivar-vichar/media/media_files/dG4QFnItzl11yVfIdprR.jpg)
Image Credits: On Manorama (Image for representational purposes only)
Image Credits: On Manorama (Image for representational purposes only)
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं देश में तेज़ी से आगे बढ़ रही है और भारत की सरकार भी इन्हें सशक्त करने के लिए कितनी ही परियोजनाएं, प्लान्स, और ना जाने क्या क्या करती है. देश में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की नई क्रांति सी छिड़ चुकी है. लेकिन आज भी ऐसे कुछ लोग है जो महिलाओं को परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. हाल ही में एक ख़बर सामने आई है जिससे केरल का हर व्यक्ति शर्मिंदा होने की स्तिथि में आ गया है.
केरला के इडुक्की में आदिमाली पुलिस कुदुम्बश्री इकाई के पदाधिकारियों के सामने जालसाजी का एक केस आया. मामला आदिमाली स्थित कुदुम्बश्री स्वयं सहायता समूह (SHG) का है. इस Self Help Group के केरल बैंक अकाउंट से 7.5 लाख का ऋण ले लिया गया. आदिमाली के मन्नमकंदम गांव की मीरम्मा मजीद ने बताया- "तीन आरोपियों ने दस्तावेज इक्कठा करे और नौ SHG सदस्यों के जाली हस्ताक्षर करने के बाद केरल बैंक की आदिमाली शाखा से बिना उद्देश्य बताए 7.5 लाख रुपये का ऋण लिया."
एसएचजी अध्यक्ष रेखा राधाकृष्णन, जो आदिमाली ग्राम पंचायत में सीपीएम की वार्ड सदस्य भी हैं, सचिव शिमोल और सीडीएस अध्यक्ष जीशा संतोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने बताया- "जब हमारे SHG पदाधिकारियों ने दस्तावेज़ मांगे, तो हमने यह सोचकर उपलब्ध कराए कि मुर्गीपालन या पौधे पालने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने वाली कुछ योजनाओं के लिए होगा. जब मुझे यह पता चला कि ऋण लिया गया है, तो मुझे आश्चर्य हुआ कि मेरी सहमति या ऋण आवेदन पर हस्ताक्षर किए बिना ऋण प्राप्त करना कैसे संभव था."
इस तरह की हरकत करने वाले लोगों को क्या बोलेंगे, यह सोचने पर मजबूर हो जाते है. महिलाओं को सर्जकर ने ऋण अपनी सहूलियत और बिज़नेस शुरू करने के लिए देने का फैसला किया है. इस ऋण से वे लोग अपनी आजीविका के स्त्रोत तैयार करते है. लेकिन अगर कोई इन्हीं परियोजनाओं का नाजायज़ फायदा उठाए, तो सवाल उठेगा हर व्यक्ति पर इन बैंक और सरकार से जुड़ा है.