फिंगर प्रिंट से फंसी महिलाएं
मध्यप्रदेश (MP) में 53 लाख समूहों से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाएं तो लागू कीं,लेकिन ट्रेनिंग में कहीं कमी रह गई.इस ट्रेनिंग के आभाव में महिलाएं आत्मनिर्भर तो हुईं लेकिन सजग नहीं हो सकीं. हाल ही में सागर (Sagar) जिले के देवरी ब्लॉक के कुछ समूह (SHG) की महिलाएं भी लालच का शिकार हो गईं. एक निजी माइक्रो फाइनेंस कंपनी (Micro Finance Co.) के कहने पर महिलाएं फिंगर प्रिंट लगाकर फंस गईं. इस लालच में ये महिलाएं अपना लाखों रुपए का नुकसान कर बैठीं. आदिवासी समूह की महिलाएं पुटदेही, रमखिरिया, समनापुर ,धुलतरा, सातापेरी,सगरा आदि गांव की करीब 19 महिलाएं पुलिस थाना देवरी पहुंची. उनका कहना है- "हमारे घर-घर आए और फिंगर प्रिंट लगवा कर पैसे हड़प लिए."
कई जिले की महिलाएं ठगी की शिकार
यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले प्रदेश के डिंडोरी, सिवनी जिले में भी महिलाओं के साथ ठगी और अनियमितता के मामले सामने आए थे. डिंडोरी में योजना में विसंगति के चलते समूह की महिलाओं को परेशान होना पड़ा. सिवनी में भी समूह की महिलाओं को बैंकों के चक्कर काटने पड़े. ये घटनाएं साबित कर रहीं कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं कि ट्रेनिंग में कमी जरूर है.
सतना में भी महिलाएं से साजिश
इस घटना के पहले सतना जिले के आजीविका मिशन (Ajeevika Mission supporting women) के समूह कुछ महिलाएं भी साजिश की गिरफ्त में आ गईं. वेयर हॉउस और गेहूं खरीदी में 56 लाख रुपए से ज्यादा का घोटाला उजागर हुआ. महिलाओं पर प्रकरण दर्ज हुए. सवाल ये कि इतनी बड़ी राशि के लालच में भोली-भाली महिलाओं को किसने फंसाया. इतने बड़े घोटाले में सीधे जुड़ने की बात किसी के गले नहीं उतरती.
कंपनियों पर कसावट जरुरी
सागर (Sagar) के देवरी ब्लॉक में हुई ठगी में माइक्रो फाइनेंस कंपनी (Micro Finance Co.)पर कसावट जरुरी है. हालांकि ब्लॉक मैनजर नीरज डहरवाल कहते है- " समूह की ठगी गई महिलाएं बिना किसी से सलाह लिए सीधे माइक्रो संपर्क में आईं और ठगा गईं " फ़िलहाल ये पूरा मामला थाने में पहुंचा. जिला पंचायत (ZP) सीईओ (CEO) पीसी शर्मा कहते है- "जिले सहित पूरे प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए योजनाएं चल रहीं. लोन सुविधा के साथ रोजगार से जोड़ा जा रहा. बावजूद ये घटना चिंताजनक है. महिलाओं को और काउंसलिंग करेंगे."
बहरहाल प्रदेश में कुछ अपवाद को छोड़ कर समूह की महिलाओं के साथ बिचौलिए समय पर बाहर न किए गए और ऐसी माइक्रो फाइनेंस कंपनी पर नकेल न कसी गई तो समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार से जोड़ने के सरकार के प्रयासों पर पानी फिर जाएगा.