आपने कभी सोचा हैं कि अगर आपसे किसी बात का वादा कर दिया जाए और फिर उसे पूरा न किया जाए तो कैसा लगेगा. अब ऐसे में इस बात पर मैं एक और बात जोड़ना चाहती हूं कि, मान लीजिए आपको किसी इंसान या संस्थान ने कहीं ले जाने का वादा किया. अपने उसके वादे के मुताबिक सारी तैयारियां भी कर ली, लेकिन ऐन-मौके पर वो मुकर जाए और ये भी ना बताए कि ऐसा क्यों किया. ज़रा सोचिए आपको कैसा लगेगा और आप क्या करेंगे?
यह भी पढ़े- गिरोह ने ठगे SHG के 3.80 करोड़
Odisha की महिलाओं के साथ Sambalpur Nagar Nigam ने किया धोका
ऐसा ही कुछ हुआ हैं Odisha के संबलपुर जिले के self help group की महिलाओं के साथ. Sambalpur Nagar Nigam (SMC) क्षेत्र में self help group (SHG) की कुछ महिला सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें Puri Parikrama project की यात्रा पर ना ले जाकर धोखा दिया है.
उसी SHG की एक महिला ने बताया कि वे सब मिलकर अर्पण रथ पर जाना चाहतीं थी. SMC के एक अधिकारी को इन सारे कामों की ज़िम्मेदारियां दी गयीं. SMC administration ने इस SHG महिलाओं से कुछ documents मंगवाए और उन्हें Puri ले जाने का वादा किया. महिलाओं ने सारे दस्तावेज़ जमा कर दिए ताकि कोई परेशानी ना हो.
शिकायत करने वाली एक महिला ममता पांडा ने बताया- "हमने दस्तावेज़ वार्ड अधिकारी को सौंप दिए थे. जब हमें पता चला कि पुरी ले जाने वाले भक्तों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है और हमारा नाम उसमें नहीं हैं, तो हम आयुक्त से मिले. उन्होंने कहा कि हमें बाहर कर दिया गया है. जब हमने कारण जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि यह उन्हें चुनना है कि किसे पुरी ले जाना है और किसे नहीं."
महिलाओं ने सारी तैयारियां कर ली थी और जब उन्हें पता चला कि उन्हें ले जाया ही नहीं जाएगा, वे सब हताश हो गयीं.
यह भी पढ़े- रंग का संसार बसाकर SHG खुद हो गए बर्बाद
महिलाओं के साथ भेदभाव क्यों?
यह एक मौक़ा नहीं है जब किसी काम में महिलाओं को पीछे रखकर सोचा गया हो. अक्सर यह देखा गया है कि देश में कई कामों में महिलाओं को आज भी पीछे रखा जाता है. संविधान में हक़ सारे है, लेकिन वो सिर्फ कागज़ी बातें बनकर रह जाती है.
इस कहानी में हैरानी की बात ये थी कि इन महिलाओं को Puri ले जाने से मना क्यों किया गया? जबकि इन्होंने सारे दस्तावेज़ जमा भी किए थे. पूछने पर कारण ना बताते हुए कहा गया कि 'हम जिसे चाहे उसे ले जाएंगे '. मैंने अपने जीवन में इससे बेतुकी बात कभी नहीं सुनी. इस विषय में कोई क्या तर्क दे सकता है, यह सोचना भी मुमकिन नहीं है.
Ravivar Vichar इस तरह की कहानियों को आपके सामने पेश कर आपका ध्यान गलती की ओर नहीं बल्कि महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव की ओर आकर्षित करना चाहता है. इस सदी में भी अगर हमें हमारे हक़ के लिए लड़ना पड़े, तो कुछ तो ऐसा है जो सही नहीं हो रहा !
यह भी पढ़े- समूह की महिलाओं को महंगा पड़ा लालच