गिरोह ने ठगे SHG के 3.80 करोड़ रूपए

आरोपियों ने महिलाओं को समूह बनाने के लिए राजी किया और बैंकों के ज़रिये निगम द्वारा ऋण स्वीकृत किए जाने के बाद, वास्तविक लाभार्थियों की जानकारी के बिना राशि अपने स्वयं के खातों में ट्रांसफर करवाई है.

author-image
मिस्बाह
New Update
SHG scammed

Image: Ravivar vichar

पूरे देश में स्वयं सहायता समूहों को माइक्रो फाइनेंस तक आसान पहुंच, सब्सिडी और दूसरी तरह के योजनाओं के ज़रिये उद्यम शुरू करने में मदद की जा रही है. तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram self help groups) में भी स्वयं सहायता समूह आर्थिक आज़ादी हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन, सामाजिक चुनौतियों के साथ धोखाधड़ी की परेशानी बाधा बनी हुई है (self help group scammed).

तिरुवनंतपुरम निगम द्वारा स्वीकृत सब्सिडी ऋणों को ठगा 

ऐसे ही एक मामले में, करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी में पांच सदस्यीय गिरोह के खबर सामने आई है. इस गिरोह ने स्वयं सहायता समूहों (fraud with SHG) के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तिरुवनंतपुरम निगम द्वारा स्वीकृत सब्सिडी वाले ऋणों को कथित तौर पर हड़प लिया.

SHG scammed

Image Credits: OnManorama

आरोपियों ने महिलाओं को समूह बनाने के लिए राजी किया और बैंकों के ज़रिये निगम द्वारा ऋण स्वीकृत किए जाने के बाद, वास्तविक लाभार्थियों की जानकारी के बिना राशि अपने स्वयं के खातों में ट्रांसफर करवाई है.

आरोपियों ने की 3.80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने इस तरह से 3.80 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. चेरियाथुरा में पांच SHG ने निगम द्वारा सब्सिडी वाले ऋण के रूप में स्वीकृत 25 लाख रुपये हड़पने के आरोपी के खिलाफ फोर्ट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. 

यह भी पता चला कि ऐसे सैकड़ों स्वयं सहायता समूहों से फर्जीवाड़ा कर पैसे ठगे गये. मनाकौड, विझिनजाम, वलियाथुरा में स्वयं सहायता समूहों ने भी आरोपियों के खिलाफ इसी तरह की शिकायतें की हैं.

यह भी पढ़ें : समूह की महिलाओं को महंगा पड़ रहा लालच

अकाउंट ब्लॉक होने पर हुआ खुलासा 

हर SHG में पांच सदस्य हैं और समूह के सभी सदस्यों को नए उद्यम शुरू करने के लिए 1 लाख रुपये मिलते हैं. कुल ऋण राशि में से 75,000 रुपये निगम द्वारा और 25,000 रुपये संबंधित बैंक द्वारा स्वीकृत किए जाते हैं. लाभार्थियों को कम ब्याज दरों पर ऋण राशि का केवल 70% ही चुकाना होता है.

SHGs scammed

Image Credits: KNN India

धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब एक लाभार्थी का खाता ऋण न चुकाने की वजह से बैंक द्वारा ब्लॉक कर दिया गया. सदस्य अपने पति द्वारा विदेश से ट्रांसफर की गई रकम नहीं निकाल सकीं. जब उसे पता चला कि कॉर्पोरेशन से एक subsidized loan स्वीकृत किया गया था, और इसे दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिया गया.

यह भी पढ़ें : रंगों का संसार बसाकर SHG खुद हो गए बर्बाद

कई धाराओं के तहत हुई शिकायत दर्ज 

"आरोपियों ने खुद को निगम कर्मचारियों के रूप में पेश किया और कुछ स्थानीय निवासी भी उनके साथ थे. उन्होंने हमें एक छोटी सिलाई इकाई बनाकर सब्सिडी वाली ऋण योजना का इस्तेमाल करने के लिए कहा. जल्द ही 5 लोगों ने एक स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया और हर एक ने प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1,500 रुपये का भुगतान किया. बैंक की एनचक्कल शाखा में एक खाता भी खोला गया. बाद में, आरोपी ने हमारी जानकारी के बिना ऋण राशि छीन ली," स्वयं सहायता समूह की सदस्य अजिता एस ने बताया.

फोर्ट पुलिस ने ग्रेसी, अनीस, अनु, अखिला और राजेश के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात के लिए IPC की धारा 406, धोखाधड़ी के लिए 420, 409, 468 और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया. पुलिस ने कहा, "जांच शुरू हो गई है और अधिक जानकारी बाद में ही पता चलेगी."

इस तरह की धोखाधड़ी से स्वयं सहायता समूह क्रान्ति पर नकारात्मक असर पड़ता है. प्रशासन और न्यायतंत्र को इस तरह के गिरोह के खिलाफ सख़्त कार्यवाही कर जल्द उस पर विराम लगाना चाहिए.

self help group scammed Thiruvananthapuram self help groups subsidized loan fraud with SHG