नक्सलियों को नेह की डोरियों से दे रही करारा जवाब

अपने ही सामने परिवार के मुखिया को नक्सलियों ने मार गिराया.मजदूरी छीन ली. एक महिला ने इस क्रूरता का जबाव नेह की डोरियों से दिया. जाबांज महिला की है यह कहानी.

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पर्यावरणीय राखी बनाती मेलदेही देवी और अन्य सदस्य- Image :Ravivar

"एक पल तो लगा जैसे जीवन ख़त्म हो गया.हमारे ही सामने परिवार के मुखिया मेरे जेठ जैतूराम यादव को नक्सलियों ने मार डाला.मजदूरी के सारे रास्ते बंद कर दिए. पति बेरोजगार हो गए. हमें पुनर्वास केंद्र लाया गया. लेकिन मैंने हार नहीं मानी. Ajeevika Mission Bihan से जुड़कर नई ज़िंदगी शुरू की. अभी समूह के साथ राखियां बना रहे." Bastar के Bijapur जिले की रहने वाली मेलदेही ने यह बात स्वाभिमान से कही.

पर्यावरण और प्रेम से गूंथ रही राखियां 

छत्तीसगढ़ के सबसे नक्सल प्रभावित संवेदनशील माने जाने वाले बीजापुर जिला अंतर्गत भैरमगढ़ ब्लॉक की रहने वाली मेलदेही देवी के परिवार पर तब दुखों का पहाड़ टूट पड़ा,जब naxalite  हमले में जेठ मारे गए. मेलदेही बताती है -"हमें प्रशासन गोदाम पारा पुनर्वास केंद्र लाया. मैंने Bihan के सुझाव पर Durga self help group बनाया.हमारा समूह बांस और पत्तियों द्वारा पर्यावरणीय राखियां तैयार कर रहीं.मुझे ख़ुशी है सरकारी ऑफिस में भी हमारे स्टाल्स लगाए जा रहे.हमारी आर्थिक स्थिति वापस ठीक होने लगी."

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राखी बनाती हुई मेलदेही देवी- Image :Ravivar

SHG ये महिलाएं मिलकर पुनर्वास केंद्र में ही समूह की गतिविधियां चला रहीं हैं.
महिलाओं का कहना है इन राखियों को हमने प्रेम से गूंथ कर बनाई.

जंगलों से निकल जीने लगे नया जीवन       

CG राज्य के नक्सलवाद को लगातार केंद्र और राज्य सरकार मिलकर ख़त्म कर रही.Naxalism दम तोड़ रहा,बावजूद पीड़ितों के पुराने घावों पर मरहम लगाने का काम अधिकारी करने में जुटे हुए हैं.
बीजापुर के भैरमगढ़ block project manager Rohit Shori कहते हैं-"हमारी मेहनत रंग लाई.दुर्गा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मेहनत कर खुद को मजबूत बनाया. हमारा प्रयास है समूह द्वारा बनाई गई राखियों को ज़्यादा से ज़्यादा लोग खरीदें.हम स्टॉल्स भी लगवा रहे."
बीजापुर के बीहड़ जंगलों में रहने वाले ये परिवार अब नक्सल प्रभाव और भय से मुक्त होकर नया जीवन जीने लगे.

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समूह सदस्यों को प्रोत्साहित करती हुई डीपीएम कल्पना दीप

Bijapur Ajeevika Mission की DPM Kalpna Deep कहती हैं -"वर्षों से इन जैसे कई परिवार जंगलों में सुविधाओं से वंचित अपना गुजर बसर कर रहे थे. हमने प्रयास कर इन्हें शासन की प्राथमिक योजनाओं जैसे आधार कार्ड,आयुष्मान कार्ड सहित लाभ दिलाना शुरू किए.यहां तक NRLM से जुड़ीं योजनाओं जैसे CIF और RF जैसी योजनाओं से आर्थिक लाभ और लोन सुविधाओं का भी लाभ दिलवाया जा रहा."
इस जिले में जहां नक्सलवाद अब आखरी सांसे गिन रहा वहीं महिलाओं का आत्मनिर्भर होना नई उम्मीद दिखाई देने लगी है.

CIF NRLM Bastar self help group CG naxalite Ajeevika Mission Bihan