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जागरूक करती हुई समता सखी दीपिका सिंह और अन्य सदस्य -Image :Ravivar
" मेरे तो पिता भी नहीं थे.मां और हम तीन बहनें.बड़ी मुश्किल से घर चला पाते. जैसे-तैसे शादी हुई. पता चला ससुराल में भी बाहर जाकर जॉब करने पर रोक थी. घर रहकर ही बीकॉम ग्रेजुएशन किया.2022 से नई शुरुआत हुई. सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए महिलाओं का समूह बनाया और ज़िंदगी बदलने लगी."
काबिलियत से दिखाया कमाल
Bhopal ज़िले के फंदा ब्लॉक अंतर्गत गोलखेड़ी की दीपिका सिंह ठाकुर की यह कहानी है.दीपिका ने अपनी काबिलियत से कमाल कर दिखाया. self help group का गठन कर खुद के साथ दूसरी महिलाओं को भी जागरूक करने काम किया.
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दीपिका सिंह बताती है-"विद्या SHG बनाया. समूह की महिलाओं ने सब्जी और पशुपालन का काम शुरू किया.मेरी सक्रियता को देख आजीविका मिशन के अधिकारियों ने मुझे CLF के लिए प्रेरित किया.मैं 10 गांव की महिलाओं को जागरूक कर आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग कर सकी."
दीपिका ने पांच पंचायतों में महिलाओ सदस्यों के साथ बैठक लेकर प्रेरणा दी. इस समय समर्थन सीएलएफ की सदस्य के रूप में काम कर रही.
गांव से स्टेट स्टेट तक ट्रेनिंग का किया सफर
दीपिका सिंह को काम का अवसर मिलते ही उसने अपने जैसी घरेलु महिलाओं को जागरूक करने की शुरुआत की. Ajeevika Mission के अधिकारियों ने दीपिका को जिला स्तर से राज्य स्तर तक की ट्रेनिंग का मौका दिया.
दीपका आगे बताती है-"ट्रेनिंग से मेरा आत्मविश्वास बढ़ने लगा.मुझे समता सखी बनाया गया.मुझे ख़ुशी है कि क्षेत्र में सैकड़ों महिलाएं रोजगार से जुड़ रहीं हैं."
आजीविका मिशन से जुड़कर महिलाओं ने कई स्वयं सहायता समूह गठित कर लिए.
इस प्रक्रिया में Ajeevika Mission की DPM Rekha Pandey कहती हैं-"फंदा ब्लॉक में कृषि और अन्य रोजगार के कई साधन हैं.लगातार समता सखियां अन्य महिला सदस्यों को सक्रीय कर समूह से जोड़ रहीं. शासन की योजनाओं का लाभ भी लगातार दिलवाया जा रहा."