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सिलाई करती हुई अभिलाषा मलाह -Image :Ravivar
MP के नरसिंहपुर ज़िले के करेली ब्लॉक अंतर्गत छोटे से गांव राम पिपरिया की रहने वाली अभिलाषा मलाह ने ज़िंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे. अभिलाषा बताती है-"गरीबी के हालात ऐसे बने कि गाढ़ी कमाई से ख़रीदे जेवर भी गिरवी रखना पड़े.बाद में स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर नई राह मिली.कर्ज उतारा और जेवर भी छुड़वा लिए."
अभिलाषा की आशाओं पर खरा उतारा समूह
Ajeevika Mission के अधिकारियों ने अभिलाषा को self help group से जोड़ा.
अभिलाषा के लिए समूह वरदान बन गया. अभिलाषा बताती है-"मेरे पति राजमिस्त्री का काम करते और मैं घर में रखी पुरानी सिलाई मशीन से कपड़े सिलती थी. हमने जय बजरंग SHG बनाया.शुरुआत में दस हज़ार रुपए का लोन लिया. नई सिलाई मशीन खरीदी और फिर 45 हज़ार रुपए का लोन लिया.जेवर छुड़ा लिए और कमाई शुरू हो गई."
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समूह से जुड़ने के पहले घर की देखभाल ठीक नहीं हो पा रही थी. सयुंक्त परिवार होने के कारण बीमारी और राशन तक की दिक्क़तें थीं.
self help group की मेहनत देख शिव शक्ति CLF चिकनी से जोड़ा गया.
सिलाई के साथ कपड़े की दुकान बन गई सहारा
करेली ही ब्लॉक अंतर्गत बरमानकला गांव की रहने वाली आरती खरे बताती हैं-"पहले घर पर सिलाई से ही जीवनयापन करती थी.इस काम में पर्याप्त कमाई नहीं होती थी.Ajeevika Mission से जुड़कर हमने आरती self help group बनाया.लगातार बचत और हिसाब से मैंने एक लाख रुपए का लोन लिया.इस लोन की राशि से घर में ही सिलाई के साथ कपड़े की दुकान भी शुरू की.मेरी आर्थिक स्थिति में तेज़ी से सुधार हुआ."
इस समूह को लेकर आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक ज्वाला करोसिया कहते हैं-"हमें ख़ुशी है कि करेली ब्लॉक के ये समूह ऐसे जुड़ीं महिलाएं Lakhapti Didi की श्रेणी में आने लगीं.समूह की सदस्यों को समय समय पर मदद की जा रही."
समूह को राधे ग्राम village organization से जोड़ा और फिर एकता संकुल संगठन बीतली से जोड़कर प्रोत्साहित किया.
Narsinghpur Ajeevika Mission की DPM Meena Parte बताती हैं-"समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक जीवन में लगातार बदलाव आ रहा है."