MP के इंदौर जिले के Sanwer Block अंतर्गत हतुनिया गांव की रहने वाली सीमा तेजराम की ज़िंदगी मजदूरी करते करते बीत रही थी.self help group से जोड़ने के लिए Ajeevika Mission के अधिकारी पहुंचे.समूह से जुड़ने के बाद कमाई के कई रास्ते मिलते चले गए.
SHG से मिली मदद और सिलाई से स्टोर्स तक मालकिन
हतुनिया गांव सीमा अब मजदूरी पर नहीं जाती.मां संतोषी स्वयं सहायता समूह की सीमा तेजराम बताती है-"समूह से जुड़ने से पहले मैं मजदूरी करती.SHG से जुड़ने की बाद मुझे लोन सुविधा मिली.शुरुआत में मैंने Beauty Parlor शुरू किया.फिर जनरल स्टोर्स खोला.काम जमने लगा जिससे सिलाई मशीन भी खरीद कर सिलाई का काम शुरू किया.मैं अब 15 से 20 हज़ार रुपए तक कमा लेती हूं."
सिलाई काम करते हुए सीमा तेजराम (Image: Ravivar)
हतुनिया गांव में सीमा के सिलाई काम के लिए कई महिलाएं काम देने लगीं.
सांवेर ब्लॉक के BM Vijay Panchal कहते हैं-"हतुनिया गांव में सीमा ने बहुत मेहनत की. Village Organization से जुड़ने के बाद उनको नारी शक्ति महिला CLF से जोड़ा.सीमा लगातार अपना लोन उतारती रही."
लखपति दीदी बनाने में नहीं कोई कसर
इंदौर जिले में आजीविका मिशन से जुड़ीं महिलाओं को लगातार नए रोजगार से जोड़कर कर आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे.
सांवेर ब्लॉक समूह की हाट बाजार में हिस्सा लेती सदस्य (Image: Ravivar Vichar)
Ajeevika Mission Indore के DPM Himanshu Shukla कहते हैं-"जिले के सभी ब्लॉक में self help group की महिलाओं को लगातार ट्रेनिंग दी जा रही.लगातार समूह की महिलाओं को Lakhpati Didi की श्रेणी में शामिल करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे.योजनाओं का लाभ दिया जा रहा."
जिले में SHG की महिलाएं Pashu sakhi, BC, Health Sakhi के अलावा CRP के लिए अच्छा काम कर रही.
Indore के कलेक्टर DM IAS Ashish Singh और जिला पंचायत के CEO IAS Siddharth Jain भी हाट बाजार सहित कई आयोजन में शामिल होने के लिए समूह की सदस्यों को प्रमोट कर रहे.