लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन: उत्तर भारत का पहला पूरी तरह महिला संचालित रेलवे स्टेशन

लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन बना उत्तर भारत का पहला पूरी तरह महिला संचालित रेलवे स्टेशन. टिकट बुकिंग से लेकर सुरक्षा तक, अब हर काम महिला कर्मचारियों के हाथों में. पढ़िए कैसे भारतीय रेलवे में महिलाओं की भागीदारी नेतृत्व की नई मिसाल बन रही है.

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रिसिका जोशी
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lucknow first women operated railway station

लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन (Lucknow City Railway Station) ने इतिहास रच दिया है. अब यह उत्तर भारत का पहला महिला संचालित रेलवे स्टेशन बन गया है — जहाँ हर जिम्मेदारी, हर भूमिका और हर संचालन पूरी तरह महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है.

लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन पर महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने इसे महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है. अब टिकट बुकिंग से लेकर प्लेटफॉर्म प्रबंधन, स्टेशन मास्टर के ऑफिस से लेकर RPF की सुरक्षा तक — हर विभाग में महिला कर्मचारी काम कर रही हैं. यह सिर्फ़ महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment in India) का प्रतीक नहीं है, बल्कि भारतीय रेलवे में महिला नेतृत्व (Women Leadership in Railways) की नई शुरुआत भी है.

स्टेशन पर नई ऊर्जा और आत्मविश्वास

सुबह-सुबह जब ट्रेनें आती हैं, तो लखनऊ सिटी स्टेशन पर एक अलग ही ऊर्जा महसूस होती है. टिकट खिड़की पर मुस्कुराती महिलाएँ, प्लेटफॉर्म पर सलीके से चलता काम, और हर दिशा में आत्मविश्वास का माहौल. यह नज़ारा बताता है कि जब महिलाओं को समान अवसर (Equal Opportunities for Women) मिलते हैं, तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता दिखा सकती हैं.

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, सभी कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है ताकि स्टेशन संचालन और यात्रियों की सुरक्षा दोनों बेहतर रहें. यह पहल उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment in Uttar Pradesh) की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.

देश का पहला पूरी तरह महिला संचालित स्टेशन मुंबई का माटुंगा स्टेशन (Matunga All Women Station, Mumbai) था, जिसे 2017 में यह दर्जा मिला था. अब लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन ने उस परंपरा को उत्तर भारत में आगे बढ़ाया है. महिलाओं की यह टीम यह साबित कर रही है कि भारतीय रेलवे में महिला सशक्तिकरण अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक सच्चाई बन चुका है.

यह पहल सिर्फ़ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि उस सोच का प्रतीक है जो भारत में बदल रही है. जहाँ पहले महिलाएँ सहयोगी मानी जाती थीं, अब वे नेतृत्व कर रही हैं.लखनऊ सिटी स्टेशन की ये महिलाएँ बता रही हैं कि जब भरोसा किया जाए, तो बदलाव संभव है. यह स्टेशन सिर्फ़ ट्रेनों का नहीं, बल्कि उस सफ़र का प्रतीक है जो समान अवसर और लैंगिक बराबरी (Gender Equality) की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

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