Mechanical engineering करने के बाद अपनी Civil services की तैयारी में इनकी चौथी चॉइस थी IRTS. IAS बनाना चाहती थी, Prashasti Srivastava. पर कहते है न किस्मत में जो होता है वो मिलकर ही रहता है. तो बस IRTS को crack किया इन्होंने और आज railway ministry के highest rank वाले अवार्ड से नवाज़ा गया है Prashasti Srivastava को. लेकिन ये इस award तक पहुंची कैसे? आइये जानते है!
2017 batch की IRTS officer है Prashasti srivastava
रेल मंत्रालय की हालिया घोषणा में, 2017 batch की एक कुशल IRTS officer Prashasti srivastava को 'Ati Vishisht Rail Seva award' से सम्मानित किया गया, जो railway ministry द्वारा दिया जाने वाला top award है. फ़िलहाल North Central Railway के Agra division के DCM (Divisional Commercial Manager) के रूप में काम कर रही, Ms. Prashasti को 15 दिसंबर, 2023 को railway minister से पुरस्कार प्राप्त हुआ.
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Prashasti srivastava को मिला Ati Vishisht Rail Seva award
30 वर्षीय अधिकारी को wagons से माल लोड करने और उतारने के लिए एक conveyor belt system के implementation से जुड़ी एक innovative initiative का नेतृत्व करने के लिए मान्यता मिली, जिससे मालगाड़ी संचालन को अनुकूलित किया गया और समय की बचत हुई. अपने काम के महत्व पर जोर देते हुए, Prashasti srivastava ने रेलवे की आय पर positive impact और मालगाड़ी की गति में वृद्धि पर प्रकाश डाला.
Prashasti Srivastava का project शुरू हुआ यमुना ब्रिज और कुबेरपुर गुड्स शेड में
इस आविष्कारी अवधारणा की उत्पत्ति Prashasti Srivastava के वरिष्ठ अधिकारियों के सहयोग से शुरू हुई. बहुमूल्य सुझाव प्राप्त करने के बाद, इस विचार को 2021-22 की अवधि के दौरान यमुना ब्रिज और कुबेरपुर गुड्स शेड में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था.
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Prashasti shrivastava का project सिर्फ 45 मिनिट में करता है काम ख़त्म
Prashasti Srivastava ने conveyor belt system के सकारात्मक परिणामों पर जोर दिया, जिसमें लोडिंग और अनलोडिंग गति में वृद्धि, कार्यस्थल जोखिम में कमी और कम श्रम लागत शामिल है. स्थिर स्टील रैक के विपरीत, conveyor belt system ने माल freight racks की continuous movement की सुविधा प्रदान की. इस प्रणाली के लागू होने से, वैगनों को 6 घंटे की अधिकतम समय सीमा के साथ, 45 मिनट के भीतर कुशलतापूर्वक उतार दिया गया.
Agra Railway division में पायलट प्रोजेक्ट की सफलता ने इस project को रेलवे बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया और इसके result के मुताबित रेलवे बोर्ड ने पायलट प्रोजेक्ट के सफल implementation में prashasti srivastava के नेतृत्व की जीत को रेखांकित करते हुए, अपने नेटवर्क के सभी goodes shades में इस परियोजना के विस्तार को मंजूरी दे दी.
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Prashasti srivastava कौन है?
Prashasti srivastava का जन्म गोरखपुर में हुआ, जहां उनके पिता, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने एक सरकारी अधिकारी के रूप में काम किया. उनकी नौकरी के लिए बार बार transfers देखने पड़े prashati को जिससे उन्हें विभिन्न शहरों में अपनी शिक्षा प्राप्त करनी पड़ी.
उनके दादा नानक सहाय का गोरखपुर में रेलवे सेवा में उल्लेखनीय करियर था. Prashasti srivastava ने अपनी हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई एटा के सेंट पॉल स्कूल से पूरी की. बाद में, उन्होंने ग्रेटर नोएडा विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. Graduation की पढ़ाई के बाद, वह सिविल सेवाओं की तैयारी में लग गईं. शुरुआत में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और उसके बाद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और Income tax में कोई पद हासिल करना चाहती थी. लेकिन उनका नसीब उन्हें उनकी चौथी और अंतिम पसंद भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) तक ले आया.
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IRTS officer Prashasti Srivastava ने लागू की कई पहलें
एक IRTS officer के रूप में, Prashasti srivastava ने आम जनता को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों को लागू किया. उन्होंने आगरा कैंट और मथुरा जंक्शन स्टेशनों को विशेष रूप से विकलांग यात्रियों के लिए सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए परिवर्तन किए.
इन पहलों में सुविधाजनक बोर्डिंग के लिए पोर्टेबल रैंप और व्हीलचेयर की शुरुआत, प्लेटफॉर्म नंबर बताने वाले ब्रेल संकेतक, बेहतर सुरक्षा के लिए सीढ़ियों पर प्रतिबिंबित पट्टियां, पूछताछ काउंटर पर ब्रेल सूचना पुस्तकें और सांकेतिक भाषा में वीडियो के लिए क्यूआर कोड का समावेश शामिल है.
इसके अलावा, उनके नेतृत्व में, आगरा मंडल द्वारा आरक्षण फॉर्म की छपाई को निजी संस्था को आउटसोर्स करने की पहल सफल साबित हो रही है. इस पहल के तहत, एक निजी फर्म आगरा मंडल को 21 लाख आरक्षण फॉर्म मुफ्त प्रदान करेगी, साथ ही 4.4 लाख का राजस्व भी प्रदान करेगी.
Prashasti srivastava ने यह award receive कर देश की हर महिला का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है. आज भारत में हर महिला अपने स्तर पर आगे बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन फिर भी कुछ लोग उन्हें पीछे खींचने की कोशिश करते है. लेकिन आज भारत में prashasti जैसी इतनी महिलाएं सामने आ चुकी है जिन्हें रोकना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.