13 सितंबर, 2022 के दिन ईरान की एक लड़की को गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि उसने ढंग से अपना हिजाब (Head Cover) नहीं पहना था. गिरफ्तारी के बाद उसे इतना मारा गया कि 3 दिन बाद पुलिस कस्टडी में ही उसकी मौत हो गयी थी. 16 सितंबर को माशा अमीनी की मौत के बाद ईरान में क्रांति शुरू हुई. 'लड़की क्या पहनेगी', 'कैसे पहनेगी', यह तय करने का अधिकार एक लड़की के अलावा किसी और का नहीं होना चाहिए. प्रोटेस्ट शुरू हो गए, लड़कियों ने रैली में उतर कर भीड़ के सामने अपने हिजाब फाड़े, बाले काटे और अपने हक़ की मांग की. मिलकर “वीमेन, लाइफ, फ्रीडम” के नारे लगा रही थी हर लड़की!
ब्राज़ील की महिला टीम ने किया ईरान के प्रोटेस्टर्स को सपोर्ट
पूरी दुनिया थी ईरान की हर लड़की के साथ! आग हर व्यक्ति के मन में लगी थी, लेकिन इस आग को हद से ज़्यादा भड़का दिया एक ऐसे फैसले ने. आमिर नस्र अज़दानी जिसने उस बेक़सूर लड़की के लिए आवाज़ उठाई. वह एक इरानियन फुटबॉलर था. सिर्फ ये कहने के लिए कि, 'एक लड़की को हर हक़ मिलने चाहिए और उसे हर तरीके की आज़ादी होनी चाहिए,' ईरान की सरकार ने उसे 26 साल की जेल की सज़ा सुना दी. हर इंसान हैरान था, भड़का हुआ था.
Image Credits: Fox News
2022 में क़तार में पुरुष विश्व कप के दौरान, ईरान के हर मैच में प्रदर्शन किये गए. ईरान को जुलाई और अगस्त में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में होने वाले महिला विश्व कप में भी शामिल नहीं किया जा रहा. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में महिला विश्वकप में ब्राज़ील से आई टीम के प्लेन पर माशा और आमिर की तस्वीर लगी थी और लिखा था- 'किसी भी महिला को अपना सिर ढकने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए' और 'ऐसा कहने के लिए किसी भी पुरुष को फांसी नहीं दी जानी चाहिए.'
Image Credits: Geo Super TV
यह चार्टर प्लेन, ड्रीमलाइनर 787, की बैकस्टोरी ह्यूमैनिटेरिअन है. यह अर्जेंटीना के फिल्म निर्माता एनरिक पिनेरो का है, और इसका उपयोग रेफ्यूजीज़ को निकालने के लिए किया गया है. ब्राज़ील का यह कदम एक बहुत बड़ी पहल की ओर ले जाएगा. महिला सशक्तिकरण सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक लहर की तरह फ़ैल चूका है और अब हर महिला तब तक नही रुकेगी जक तक उसे हर वो चीज़ नहीं मिल जाता, जिसकी वे हक़दार है.