ढोल-ताशे बजाकर अपने बाप्पा का स्वागत करना और मस्ती में मग्न हो जाना, गणपति उत्सव (Ganpati utsav 2023) में ना हो ऐसा कभी हो ही नहीं सकता. बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, हर व्यक्ति की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं होता. वैसे तो पुरे देश में इस त्यौहार का बहुत धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र की बात ही कुछ और है. बच्चा बच्चा जनता है कि गणपति के घर आते ही किस तरह से ढोल पर नांचना है और पूरी उमंग के साथ गणपति को घर लाना है.
गणेशोत्सव में ढोल के थाप पर झूमता महाराष्ट्र
रैलियां और बड़े-बड़े झुंड में लोग सड़कों पर आकर डांस करते हुए, गाते हुए, ढोल बजाते हुए, गणपति पंडाल लगाते है. ऐसे बहुत सारे ढोल बैंड्स (Dhol Bands) है जो ढोल बजाकर बाप्पा की आराधना कर उन्हें विराजमान करने में हमेशा आगे होते है. सोचने में लगता है ना कि ढोल बैंड्स तो लड़के ही conduct करते होंगे? लेकिन ये शायद आपकी सबसे बड़ी ग़लतफैमी साबित होगी. बस एक बार इन लड़कियों को ढोल बजाते हुए अगर देख लिया जाए तो इन से बेहतर कोई नहीं लगेगा.
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बच्चियां हो, लड़कियां हो या महिलाएं... सब उतने ही जोश के साथ गणपति बाप्पा के लिए ढोल बजाती है. पुरुषों के जोश में कमी आ सकती है, लेकिन इन मराठी मुल्गियों का जोश देखते ही बनता है. हर रैली में महिलाओं की संख्या में कोई कमी नहीं होती.
महिलाओं को मिलेंगे सामान अधिकार
हाल ही में Women Reservation Bill भी पास करवाया गया जिसमें लोकसभा और बाकी राज्यों के assemblies में महिलाओं के लिए 33% प्रतिशत seats reserve की गयी है. यह कदम महिलाओं का politics में वर्चस्व ऊँचा करने में बहुत बड़ा साबित होगा. Politics हो या job लड़कियां और महिलाएं किसी काम में पीछे नहीं है और अब उन्हें politics में भी ये साबित करने का मौका मिलेगा.
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गणपति बाप्पा का आशीर्वाद उनके हर भक्त पर होता है, तो जब बात उनकी भक्ति करने वाली देवियों की आए तो वे उनके लिए कुछ भी कर सकते है. गणपति की आरतियां, ढोल बजाना, उमंग में रहना महिलाओं से बेहतर शायद कोई नहीं कर सकता.