दुनियाभर के कई विकासशील देशों ने स्वयं सहायता समूह की ताकत को पहचाना है. समूह से मिली एकता की शक्ति का इस्तेमाल देश सामुदायिक विकास और महिला सशक्तिकरण (women empowerment with SHG) के लक्ष्य पूरा करने के लिए कर रहे हैं.
Ex-MP Nyokabi ने महिलाओं से समूहों में शामिल होने का किया आग्रह
केन्या के सबसे बड़े शहर और राजधानी नैरोबी (Nairobi SHG) में भी स्वयं सहायता समूह क्रान्ति ज़ोर पकड़ रही है. पूर्व किंबु महिला प्रतिनिधि एन न्योकाबी (Ex-MP Nyokabi) ने महिलाओं से महिला समूहों (women self help group) में शामिल होने का आग्रह किया है. उनका मानना है की इन समूहों से जुड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी.
न्योकाबी ने कहा कि मौजूदा अर्थव्यवस्था में लोगों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए साथ मिलकर एक-दूसरे का समर्थन करने की जरूरत है (SHG).
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न्योकाबी ने आगे कहा, "जब महिलाएं एक साथ आती हैं तो वे चामास शुरू कर सकती हैं जो उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा."
चामा एक अनौपचारिक सहकारी समिति है जिसका इस्तेमाल आम तौर पर पूर्वी अफ्रीका और विशेष रूप से केन्या में लोगों द्वारा बचत करने और निवेश करने के लिए किया जाता है.
बढ़ती cost of living के चलते समूह से मिलेगी मदद
न्योकाबी ने कहा कि लगातार बढ़ती कॉस्ट ऑफ़ लिविंग के चलते महिलाएं कई आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही हैं. इसकी वजह से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में भी बढ़ोतरी देखि गई है. इन मुद्दों पर काम करने के लिए महिलाओं को एक-दूसरे का साथ देना होगा.
समाज में अलग-अलग वजहों से मौजूद आर्थिक परेशानियों से महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं क्योंकि उन्हें पूरी तरह से वहां रहते हुए परिवार का भरण-पोषण करना होता है, चाहे वे नौकरीपेशा हों या नहीं.
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न्योकाबी ने महिलाओं को सुझाव दिया कि वे कुछ ऐसे व्यवसाय में शामिल हों जिससे उन्हें आजीविका मिल सके.
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महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए किया प्रेरित
न्योकाबी ने कहा, "आइए हम खुद पर विश्वास करें, यह विश्वास रखें कि हम इस व्यवसाय को स्थापित कर सकते हैं और समय के साथ उसका विस्तार भी कर सकते हैं. यह केवल तभी मुमकिन हो सकता है जब हम बदलाव लाने और एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए तैयार हों."
उन्होंने कहा कि किसी भी महिला को व्यवसाय योजना बनाने से डरना नहीं चाहिए, भले ही व्यवसाय कितना भी छोटा क्यों न हो, क्योंकि कुछ समय बाद यह बढ़ सकता है. उन्होंने महिलाओं से कहा कि वे बरसात के मौसम में खेती और सूखे मौसम के दौरान पानी का संचयन करें.
उन्होंने कहा, "समूह के ज़रिये संगठित होकर हम जीवनयापन की उच्च लागत की परेशानी को कम कर सकते हैं जो आज केन्यावासियों को प्रमुख रूप से प्रभावित कर रहा है."
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