अफगान में ड्रग की लत से जूझ रही महिलाओं की सहायता करने के लिए भारत ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए United Nations Office on Drugs and Crime (UNODC) के साथ साझेदारी की. इस साझेदारी के तहत, भारत ने UNODC, काबुल को स्वच्छता किट, शिशु आहार व स्वच्छता किट, खिलौने, कंबल, महिलाओं के कपड़े, जूते, चिकित्सा सहायता और दूसरी ज़रूरी वस्तुओं के 11 हज़ार यूनिट्स पहुचाएं.
NRLM और Karnataka सरकार ने organic colours से बनाए खिलौने
राष्ट्रीय आजीविका मिशन (NRLM) और कर्नाटक सरकार के कौशल विकास, उद्यमिता और आजीविका विभाग ने अफगान बच्चों के लिए चन्नापटना के जैविक रंग से तैयार लकड़ी के खिलौने बनाए. चन्नापटना के लकड़ी के खिलौने (organic channapatna toys) अपने जैविक रंगों और पारंपरिक शिल्प कौशल के लिए जाने जाते हैं.
![SHG sent relief material to Afghan drug addicts](https://img-cdn.thepublive.com/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/kW7WN0GoFUZcEbGIk4G6.png)
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इन खिलौनों को World Trade Organization के तहत भौगोलिक संकेत (geographical indication -GI) के रूप में मान्यता देकर संरक्षित किया गया है, जो इनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को उजागर करता है. खिलौनों में चुंबकीय अक्षर/वर्णमाला सेट, लकड़ी के बिल्डिंग ब्लॉक और हाथ की कठपुतलियां शामिल थीं. रचनात्मकता को जगाने के साथ-साथ, ये खिलौने कल्पनाशील खेल और ज़रूरी विकासात्मक कौशल को बढ़ावा देंगे.
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फ़िज़ा हस्तशिल्प की SHG महिलाओं ने बनाए चन्नापटना खिलौने
अफगानी बच्चों के लिए चन्नापटना खिलौने, चन्नापटना में स्थित ग्रामीण स्वयं सहायता समूह (eco-friendly products by SHG), फ़िज़ा हस्तशिल्प की महिला कारीगरों ने बनाए हैं. इन महिलाओं द्वारा बनाया गया लकड़ी का हर खिलौना कला के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जरूरतमंद बच्चों में खुशी फैलाने की इच्छा को दर्शाता है. उनका समर्पण न सिर्फ अफगान बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाता है बल्कि चन्नापटना की शिल्प कौशल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित करता है.
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UPHDMC ने Afghanistan को भेजा relief material
Uttar Pradesh Handicrafts Development & Marketing Corporation (UPHDMC) ने अफगानिस्तान के लिए तरह-तरह की वस्तुएं प्रदान करके सहायता प्रयास में अहम भूमिका निभाई है. इनमें महिलाओं के कपड़े, 10 हज़ार मीटर क्लॉथ मटेरियल, स्नीकर्स, चप्पल, रंगीन किताबें, रंगीन पेंसिल और टेबल और कुर्सियां जैसे कक्षा फर्नीचर शामिल थे.
भूकंप के बाद, UNODC ने हेरात में पीड़ितों की सहायता के लिए इन वस्तुओं का इस्तेमाल किया. बची हुई वस्तुओं को ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर्स में उपयोग के लिए और देश भर में वंचित अफगान बच्चों की सहायता के लिए रखा गया है. आज तक, भारत, वहां भोजन की कमी को कम करने में मदद करने के लिए 50 हज़ार मीट्रिक टन से ज़्यादा गेहूं भेज चुका है.
![eco friendly channapatna toys by SHG](https://img-cdn.thepublive.com/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/bXjkZs9DbQBWVOL0Uhi2.jpg)
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इसके अलावा, भारत ने 250 टन चिकित्सा सहायता, 28 टन भूकंप राहत सहायता, स्टेशनरी और सर्दियों के कपड़े जैसी आवश्यक वस्तुएं प्रदान की हैं. इन योगदानों ने खासकर हबीबिया स्कूल में प्राइमरी छात्रों की जरूरतों को लक्षित किया है, जो मानवीय सहायता (relief material sent by SHG) के लिए भारत के दृण संकल्प का प्रमाण है.
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