केन्या में महिला सशक्तिकरण (women empowerment initiative in Kenya) का लक्ष्य हासिल करने में स्वयं सहायता समूह अहम भूमिका निभा रहे हैं. स्थानीय महिलाएं इन समूहों को अपनी ताकत बनाकर, आर्थिक आज़ादी हासिल कर सामाजिक बदलाव का सपना पूरा कर रही हैं.
Mama ni Mwangaza Initiative दे रहा Women Empowerment को बढ़ावा
पूर्वी अफ्रीका (SHGs in south Africa) में इन चेंजमेकर महिलाओं के प्रयासों को सराहने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए BIC द्वारा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तीसरे संस्करण 'मामा नी म्वांगाज़ा' का आयोजन किया गया.
Image Credits: nairobinews.nation
न्येरी और नाकुरू में स्वयं सहायता समूहों (self help groups in South Africa) से जुड़ी 6 हज़ार महिलाओं ने हिस्सा लिया. चार चामाओं ने मौद्रिक पुरस्कार जीते जिनका इस्तेमाल उनकी स्थानीय सामुदायिक परियोजनाओं के समर्थन में किया जाएगा. चामा एक अनौपचारिक सहकारी समिति है जिसका इस्तेमाल आम तौर पर पूर्वी अफ्रीका और विशेष रूप से केन्या में लोगों द्वारा बचत करने और निवेश करने के लिए किया जाता है.
चामास ने जीता 90,000 KES का नकद पुरस्कार
नूनिक्स सेल्फ हेल्प; इलीट; लेट्स ग्रो टुगेदर; और स्ट्रैट फॉरवर्ड प्रोग्रेसिव की चामास को पुरुस्कृत किया गया. नैरोबी में BIC कार्यालयों में आयोजित एक समारोह में कुल 90,000 KES नकद पुरस्कार प्राप्त किया.
कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण की दिशा में हो रहे प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, BIC में विपणन प्रबंधक सैलोम न्गुगी ने कहा: “हमें अपनी महिला सशक्तिकरण पहल के तीसरे संस्करण का समापन करते हुए खुशी हो रही है.
केन्या (SHG in Kenya) में पहल ने आज तक हजारों महिलाओं को प्रभावित किया है. मामा नी म्वांगाज़ा के ज़रिये हमने जिन महिलाओं के साथ काम किया है, उन पर सकारात्मक प्रभाव दिखा. हम केन्याई महिलाओं को सशक्त बनाने और स्थानीय लोगों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
Financial Management Skill सीखने में मिली मदद
2020 में लॉन्च किए गए मामा नी म्वांगाज़ा का उद्देश्य महिलाओं को ज्ञान से लैस करना, उनकी वित्तीय और सामाजिक स्थिति को बढ़ाने के लिए ज़रूरी रिसोर्सेस तक पहुंच देना, बेहतर भविष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करना, और सामुदायिक बदलाव लाने के लिए उनमें लीडरशिप भावना को बढ़ावा देना है.
Image Credits: wacm.info
आज तक, इस पहल ने 14 हजार से ज़्यादा महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, जिसके बाद ये महिलाएं उनके समुदायों में योगदान देने में सक्षम हुई हैं. सामुदायिक परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 90,000 KES से ज़्यादा की नकद सहायता दी गई है.
साथ ही कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया. वर्कशॉप्स के ज़रिये महिलाओं के कौशल विकास, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, और पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर जागरूकता को बढ़ाने पर ध्यान दिया गया. इन पहलों के ज़रिये नैरोबी, न्येरी और नाकुरू की महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव दिखा.
यह भी पढ़ें: यूगांडा में SHG गरीबी के खिलाफ लड़ाई में आगे