चुनाव, विजेता शिव राज चौहान और उनकी 'लाड़ली बहनें'

भाजपा ने 163 सीटों के साथ राज्य में एक शानदार जीत दर्ज़ करवाई. राज्य में यह भाजपा की अबतक की दूसरी बड़ी जीत थी. भाजपा की जीत का सबसे बड़ा श्रेय लाड़ली बहना स्कीम को जाता है.

author-image
मैत्री
एडिट
New Update
cm shivraj singh chouhan contributed in BJP win in MP with ladli behna yojana

Image: Ravivar vichar

पिछले अंक में हमने कहा था कि मध्य प्रदेश चुनाव में महिलाओं का बड़ी संख्या में मतदान करना भाजपा और ख़ासकर शिवराज सिंह चौहान के लिए एक शुभ संकेत है. मध्यप्रदेश में चलाई गईं जनकल्याण योजनाएं यानि कि 'वेलफेयर स्कीम्स' भाजपा (BJP welfare schemes) को एक बार फ़िर सत्तारूढ़ करने में अहम भूमिका निभाएंगी. इनमें से सबसे अहम और प्रचलित योजना थी 'लाड़ली  बहना' (women SHGs impacting MP election).

Ladli Behna Yojana बनी BJP की जीत की वजह 

रविवार को 2023 विधानसभा चुनावों (2023 vidhansabha election) के नतीजे आए और वो हुआ जिसकी उम्मीद खुद भाजपा को भी नहीं थी. भाजपा ने 163 सीटों के साथ राज्य में एक शानदार जीत दर्ज़ करवाई. राज्य में यह भाजपा की अबतक की दूसरी बड़ी जीत थी. 

indore

Image Credits: File Photo

भाजपा की जीत का सबसे बड़ा श्रेय लाड़ली बहना स्कीम (ladli behna scheme impact) को जाता है. चुनाव के पहले के कई सर्वे, यहां तक की भाजपा के आंतरिक सर्वे भी कांग्रेस को जीता हुआ दिखा रहे थे. लेकिन लाड़ली बहना योजना और जिस तरीके से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने चुनाव के आख़िरी दिनों में जमकर इस योजना का प्रचार किया, उससे सारा गणित ही बदल गया. 

भाजपा की इस जीत ने अब आगे आने वाले चुनावों के लिए भी एक खांचा तैयार कर दिया है. 

Ladli Behna DBT ने जीता महिलाओं का विश्वास

सवाल ये है कि जनकल्याण योजनाओं की तो राजस्थान और तेलंगाना सरकार ने भी भरमार लगा रखी थी. लेकिन क्यों इन योजनाओं ने उन सरकारों के लिए वो नहीं किया जो लाड़ली बहना ने शिवराज सिंह चौहान के लिए किया. इसका एक बड़ा कारण रहा इस स्कीम का कैश ट्रांजेक्शन (direct benefit transfer- DBT) के फॉर्मूला पर आधारित होना. वो योजनाएं जहां सीधे सीधे पैसे लाभकारिओं के खाते में आ जाते हैं, वहां पे वोटरों के लिए कई वजहों से फ़ैसला लेना आसान हो जाता है. 

CM shivraj MP election win

Image Credits: ABP Live

सबसे पहले वोटर साफ़ साफ़ देख पाते हैं कि योजना का लाभ मिला है या नहीं. यानि की खाते में पैसे आएं हैं या नहीं. ऐसी योजनाओं का ढांचा ही इस तरह का है कि सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी दिखता है. मध्य प्रदेश में भी यही हुआ. लाड़ली बहना स्कीम कैश ट्रांजेक्शन पर आधारित एक स्कीम है. मार्च महीने में शुरू की गई इस स्कीम में हर महीने लाभकारी महिलाओं के खाते में पहले 1000 रुपए और अब 1250 रुपए जमा कराए जाते हैं.

यह भी पढ़ें : राजनीती के केंद्र में SHG

लाड़ली बहना योजना में पहले दिन से ही दिखे नतीजे

स्कीम के शुरू होने से चुनाव तक बिना किसी नागा, तय तारीख़ को रुपए महिलाओं के खाते में जमा हो जाते थे. ऐसे में महिलाओं को साफ़ साफ़ नज़र आ रहा था कि स्कीम काम कर रही थी या नहीं. दूसरा, इस तरह की कैश ट्रांजेक्शन वाली योजनाओं में वोटर ये देख पाते हैं जितनी रकम जमा करने का वादा सरकार ने किया था, उतनी ही रकम जमा हो रही है या नहीं. 

CM shivraj

Image Credits: File photo

ऐसी योजनाओं में चूंकि सारा पैसे सीधे वोटर के खाते में जमा होता है तो बिचौलियों के हेर फेर कर देने की गुंजाइश खत्म हो जाती है. लाड़ली बहना स्कीम के चल पड़ने और चुनाव में भाजपा के लिए कारगर साबित होने के ये बड़े कारण रहे. सीधे कैश ट्रांजेक्शन पर आधारित ये स्कीम फ्री बिजली की यूनिट, ऋण माफ़ी और इस तरह की बाकी योजनाओं से ज्यादा कारगर साबित हुई. बाकी योजनाएं वादों पे आधारित थीं और लाड़ली बहना योजना में पहले दिन से ही नतीजे दिख रहे थे. 

यह भी पढ़ें : राजनीति को राह दे रही महिला केंद्रित योजनाएं 

शिवराज सिंह चौहान का प्रदर्शन बना भाजपा की जीत का बड़ा कारण

दूसरी तरफ़ शिवराज सिंह चौहान का प्रदर्शन भी भाजपा की जीत का बड़ा कारण रहा. एक तरफ़ राजस्थान सरकार थी जो सभी वादों और जनकल्याण योजनाओं को पूरी तरह से लागू नहीं कर पाई. 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने राजस्थान के किसानों को पूर्ण ऋण माफ़ी देने का वादा किया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने उन किसानों का ऋण तो माफ़ कर दिया जिन्होंने राज्य के सहकारी बैंकों के ऋण लिया था. लेकिन बाकी सरकारी और निजी बैंकों से लिए गए लोन, जो कि संख्या में बहुत ज्यादा थे, माफ़ नही हुए.

Second installment transferred to ladali Behna account by CM

Image Credits: Google News

कांग्रेस ने कहा कि उन्हें केंद्र की भाजपा सरकार से सहयोग नहीं मिला जो कि सरकारी और निजी बैंकों से लिए गए ऋण की माफ़ी के लिए ज़रूरी था. इसलिए पूर्ण ऋण माफ़ी नहीं हो सकी. वजह चाहे जो भी रही, किसानों को ये दिखा कि उनसे किया गया वादा पूरा नहीं हुआ. दूसरी तरफ़ लाड़ली बहना स्कीम से शिवराज सिंह चौहान ने दिखाया कि उन्होंने जो वादा किया वो सही समय पर और लगातार पूरा हो रहा है. इन कारणों ने वोटरों का मन बनाने में अहम भूमिका निभाई. 

2024 लोकसभा चुनाव पर टिकी निगाहें 

विधानसभा चुनाव तो खत्म हुए. अब 2024 लोकसभा चुनाव सर पर हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि लाड़ली बहना की तर्ज पर और कई योजनाएं इन चुनावों से पहले देखने को मिल सकती हैं. 

सरकारें किस तरह इन योजनाओं का आर्थिक भार उठाएंगी और कैसे इन योजनाओं का राजस्व पर पड़ता हुआ असर कम होगा, ये एक अलग किस्सा है. लेकिन फ़िलहाल मध्य प्रदेश चुनाव ने लाड़ली बहना जैसी योजनाओं और इनके कैश ट्रांजेक्शन के फॉर्मूला को जीत के रास्ते पर एक लंबी छलांग के रूप में स्थापित कर दिया है.

Direct Benefit Transfer DBT CM Shivraj Singh Chouhan BJP welfare schemes women SHGs impacting MP election 2023 vidhansabha election ladli behna scheme impact