नई सरकार गठन की शिल्पकार बनी 'लाड़लियां'

आखिरकार लाड़लियां ही इस बार सरकार बनाने में शिल्पकार साबित हुईं. चुनाव के कुछ महीने पहले ही इसकी नींव भाजपा सरकार ने रख दी. लाड़ली यानी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक रूप से तैयार योजनाएं 'रिटर्न गिफ्ट' में वोट बन कर लौट आईं.

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नई सरकार गठन की शिल्पकार बनी

Image: Ravivar Vichar

हाल ही में हुए तीन हिंदी भाषी राज्यों (Hindi Language States) में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) की सरकारों के आधार में महिलाओं का प्रभाव दिखाई दिया. मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव (Assembly Election) 2023 में भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के फोकस में लाड़ली बहनें ही रहीं.

'लाड़ली बहना' (Ladli Behna Yojana) वर्सेस 'नारी सम्मान योजना' (Nari Samman Yojana) के असली मायने में 'वोटिंग इन फेवर' (Voting In Favour) ही रहा. आखिर लाड़ली बहनों ने भाजपा (BJP) की 'लाड़ली सरकार' बनवा दी.

बहनों ने तय कर दिया था भाजपा का भविष्य 

तीन हिंदी भाषी राज्यों में होने वाले Assembly Election में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) और कांग्रेस (Congressमें ही सीधा मुकाबला था. सरकार के गठन में वर्तमान भाजपा की सरकार के सामने बड़ी चुनौती मध्यप्रदेश (MP) में मानी जा रही थी. छत्तीसगढ़ (CG) और राजस्थान (Rajsthan) में एंटी इन्कमेंसी (Anti Incumbency) का भी फायदा मिला. पर MP में Bhartiya Janata Party की सरकार की वापसी में सरकार का आखरी दांव 'लाड़ली बहना योजना' (Ladli Behna Yojana)  का चला. और यह पार्टी के लिए 'Trump Card' साबित हुआ.सरकार खुद ने मान लिया कि एंटी इकम्बेंसी (Anti Incumency) के बीच लाड़लियों ने एक बढ़ा कर बाजी पलट दी. महिलाओं का वोट पर्सेंटेज 2018 के विधानसभा चुनाव से अधिक रहा.

Women Power : मुंह तक आते-आते खींचा 'जीत का निवाला'

चार महीने पहले कांग्रेस ने 'नारी सम्मान योजना' (Nari Samman Yojana) के फॉर्म गांव-गांव,घर-घर जाकर भरवाना शुरू किए. हर महीने 3 हजार रुपए खातों में जमा करने के वादे किए. इधर भाजपा ने पहले महिलाओं के वोट की ताकत का अंदाज़ा लगा कर 'Ladli Behana Yojana' लॉन्च कर दी. महिलाओं की महीने की कमाई 1 हजार से 1250 रुपए की. यहां तक कि 3 हजार रुपए महीने तक बढ़ाने का वादा कर जबरदस्त होर्डिंग-बैनर से गांव से लगाकर शहरों की दीवारों को पाट दिया.

vote counting

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इसके पहले भाजपा सरकार (BJP Goverment) ने अपने बल पर कराए सम्मेलनों में स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganbadi Karyakarta) के महिला सैलाब को पंडालों में आगे बैठा कर अपना बना लिया.  Self Help Group की महिलाओं  के लिए बैंक लोन से लगा कर उनके बनाए प्रोडक्ट्स ने कॉन्फिडेंट बना दिया.

आत्मनिर्भर होती महिलाओं ने फिर किसी एक की न सुनी और 50 % वोट पॉवर ने भाजपा को वापस सिंहासन पर बैठा दिया. आखरी में 'उज्ज्वला योजना' (Ujjawla Yojana) में महिलाओं की नब्ज़ गैस सिलेंडर (Gas Cylinderके दाम घटा कर जहां कांग्रेस की बोलती बंद की, वहीं इन्हीं लाड़लियों ने कांग्रेस के मुंह तक आते-आते 'जीत के स्वाद का निवाला' खींच लिया.  

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