दुनिया भर की नजरें इस वक्त भारत पर हैं. और हों भी क्यों ना! भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनाव हैं. इसलिए इन चुनावों से जुड़ी हर बात ध्यान खींचने वाली है.
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Kangana Ranaut को मंडी से मिला टिकिट
हाल ही में जो एक और ध्यान खींचने वाली बात सामने आई है वो है फिल्म अदाकारा Kangana Ranaut को भाजपा की तरफ़ से टिकट मिलना. भाजपा ने कंगना को उनके शहर मंडी, हिमाचल प्रदेश से टिकट दिया है. काफ़ी वक्त से Kangana Ranaut को टिकट मिलने की कयास लगाए जा रहे थे. Kangana Ranaut का नाम भी अब उन अभिनेत्रियों की श्रेणी में आ गया है जिन्होंने कई बार सिनेमा के साथ या सिनेमा के बाद राजनीति में अपना हाथ आजमाया है.
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अब Kangana Ranaut को ये टिकट क्यों मिला, Kangana ने इतने सालों से भाजपा के एजेंडे को सोशल मीडिया के ज़रिए कैसे आगे बढ़ाया, उनके कुछ बेहद आपत्तिजनक बयान, सामाजिक सौहार्द को खराब करने वाले उनके सोशल मीडिया के पोस्ट, हिंदी फिल्म सिनेमा में उन्होंने परिवारवाद के खिलाफ़ जो लड़ाई शुरू की उसे किस तरह से उन्होंने खुद ही अपने प्रतिद्वंदियों पर निजी आक्रमण करने का हथियार बनाया, किस तरह से उन पर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को भुनाने के आरोप हैं, इन सब बातों पर बहुत चर्चाएं हो चुकी हैं.
हम आज बात करते हैं अभिनेत्रियों के राजनीतिक करियर की और जीतने के बाद उनके अपने सभा क्षेत्र में किए गए कामों की. आप कहेंगे कि जी सिर्फ़ अभिनेत्रियों की ही बता क्यों, कितने अभिनेताओं ने भी राजनीति में अपना हाथ आजमाया है. तो देखिए अब रविवार के ज़रिए बात कर रहे हैं तो फोकस महिलाएं ज़्यादा रहेंगी.
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सबसे ताकतवर मुख्यमंत्री थी J. Jayalalithaa
अभिनेत्रियों का राजनीति में परफॉर्मेंस अमूमन अच्छा रहा है. बहुत ज्यादा पीछे ना जाते हुए शुरुआत करते हैं देश की सबसे मशहूर और ताकतवर मुख्यमंत्रियों में से एक, J. Jayalalithaa की. Jayalalithaa ने राजनीति में आने से पहले सिनेमा जगत में अपना लोहा मनवाया था.
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Jayalalithaa का राजनीतिक करियर भले ही बहुत ज़्यादा उतार चढ़ाव और कंट्रोवर्सी से भरा हुआ हो लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता की उनका राजनीतिक करियर बेहद सफ़ल था. और दक्षिण भारत ही नहीं, देश भर के सबसे बड़े राजनेताओं में से एक रहीं हैं Jayalalithaa.
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Jaya Bachchan भी एक है strong politician
Jaya bachchan का उदहारण हम सबके सामने में. जया जी सिर्फ़ नाम के लिए राजनीति में नहीं हैं. वे पूरी शिद्दत और प्रभाव के साथ राज्यसभा में अपनी बात रखतीं हैं. अपना राजनीनिक धर्म निभाते हुए सरकार की आलोचना करती हैं और समाज में देश में चल रहे मुद्दे उठाती हैं.
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Smriti Irani एक और उदहारण
Smriti Irani की राजनीतिक कामयाबी किसी से छिपी नहीं है. हालांकि Smriti Irani का कार्यकर्ता से मंत्री तक का सफ़र कंगना को मिले टिकट के मुकाबले बहुत ज़्यादा कठिन रहा है. लेकिन राजनीति उनके लिए कोई फॉल बैक ऑप्शन या साइड हसल नहीं है वो स्मृति ईरानी साबित कर चुकी हैं.
जया प्रदा से लेकर नगमा से लेकर उर्मिला मातोंडकर तक कई सारी अभिनेत्रियों ने राजनीति का रुख़ किया है. अब सभी अभिनेत्रियां राजनीति में आने के बाद सफ़ल रहीं ये भी सच नहीं. और ऐसा भी नहीं कि राजनीतिक जीत हासिल करने के बाद सभी अभिनेत्रियों ने अपना राजनीतिक धर्म और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है.
हेमा मालिनी इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण हैं. हेमा मालिनी को आपने अक्सर उनके राजनीतिक सभा क्षेत्र से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए घबराते हुए या कुछ भी अनाप शनाप कहते हुए सुना होगा. हेमा जी अपने कार्य क्षेत्र में अपने द्वारा किए काम तक बता पाने में अक्सर असफ़ल रहीं है. हाल ही में बंगाल से सांसद मिमी चक्रवर्ती ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की है.
ऐसे में Kangana Ranaut का राजनीतिक पड़ाव क्या मोड़ लेगा ये देखना दिलचस्प रहेगा. कंगना परदे पर J. Jayalalithaa का क़िरदार निभा चुकी हैं. अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या Kangana Ranaut असल जिंदगी में, अपने राजनीतिक करियर में, Jayalalithaa की तरह कामयाबी हासिल करके लंबे वक्त के लिए राजनीति में सक्रिय रहेंगी या नहीं.
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