समाज में लैंगिक समानता लाने के लिए राजनीति में महिलाओं की भागीदारी अहम हो जाती है. राजनीति में ग्रामीण महिलाओं को जगह देने के लिए, भारत के इक्कीस राज्यों ने महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थानों (PRI) में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की हैं.
आधी दुनिया का मानना है 'राजनीतिक पदों पर पुरुषों की तुलना में कम सक्षम हैं महिलाएं'
लेकिन, राजनीतिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए यह कानून ज़मीनी स्तर पर कारगर साबित होता नहीं दिखा. महिलाओं को नागरिकों, नामांकितों, निर्वाचित सदस्यों और नेताओं के रूप में तरह-तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (EWR) को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, न सिर्फ नामांकन दाखिल करने से पहले, पर लीडर बन जाने के बाद भी.
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UNDP Gender Social Norms Index 2023 के अनुसार, लगभग आधी दुनिया अभी भी मानती है कि महिलाएं राजनीति में सत्ता के पदों पर पुरुषों की तुलना में कम सक्षम हैं. इस तरह के मानदंडों, सूचना और प्रौद्योगिकी तक सीमित पहुंच, और सामुदायिक नेतृत्व के लिए समान अवसर नहीं होने की वजह से पॉलिटिक्स में महिलाओं के लिए अपनी जगह बनाना मुश्किल हो जाता है.
महिलाओं के Political Empowerment के लिए काम कर रहा ANANDI
महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए ANANDI—Area Networking and Development Initiatives ने अहम कदम उठाया और 1995 में गुजरात में पंचमहल और दाहोद के आदिवासी जिले में काम शुरू किया. आनंदी-क्षेत्र नेटवर्किंग और विकास पहल-भारत में पंचायती राज संस्थानों (PRI) में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (EWR) के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान कर रही है.
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146 देशों में से 127वें स्थान पर भारत की वैश्विक लिंग अंतर रैंकिंग मौजूदा असमानताओं को उजागर करती है. लैंगिक आधार पर काम का बोझ और अवैतनिक कार्यों के लिए समर्थन की कमी की वजह से महिलाओं के लिए चुनाव लड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है.
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गांव साथियां फैला रहीं मतदाता जागरूकता अभियान
आनंदी ने देवगढ़ महिला संगठन नामक एक आदिवासी महिला नेतृत्व वाले समूह के साथ मिलकर क्षेत्र में 130 से ज़्यादा युवाओं को गांव साथियों के रूप में पहचाना और प्रशिक्षित किया. प्रशिक्षण सत्र, मतदाता जागरूकता अभियान और मॉडल पंचायतों में एक्सपोज़र विजिट का लक्ष्य महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना है.
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संगठन EWR के लिए आसान लीडरशिप ट्रेनिंग, चुनौतियों का समाधान खोजने और ट्रेनिंग कंटेंट को यूज़र फ्रेंडली बनाने की ज़रुरत पर जोर देता है. अधिकारों और विकास एजेंडा के निर्माण में नागरिक की भूमिकाओं के बारे में दो से तीन साल के अनुभव के बाद, प्रतिभागियों ने सीखा कि अपने चुनाव घोषणापत्र को कैसे आकार दिया जाए.
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लैंगिक हिंसा के खिलाफ लड़ रही महिला न्याय समिति
महिलाओं और युवाओं के ग्राम-स्तरीय समूह संवाद और gender-responsive planning को बढ़ावा देते हैं, निर्वाचित सदस्यों की सहायता करते हैं. महिला न्याय समिति (सामाजिक न्याय समिति) का गठन महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों का समाधान करता है.
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आनंदी ब्यूरोक्रेटिक बाधाओं को कम करने, निर्वाचित PRI सदस्यों के लिए बेहतर मानदेय और डिजिटल इन्क्लूशन की वकालत करता है. इस तरह की पहल देश के दूसरे क्षेत्रों में भी लागू की जा सकती है ताकि ग्रामीण महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण का लक्ष्य पूरा किया जा सके.
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