भारत में ना महिलाओं पर एक तंज़ अक्सर कसा जाता है कि वे गाड़ी बिल्कुल अच्छी नहीं चलाती...कहते है- 'एक महिला को गाड़ी चलाने के लिए देना तो अपनी श्यामत को न्यौता देने के बराबर है'...'कुछ भी करो लेकिन महिलाओं को गाड़ियां चलाने मत दो'... और ना जाने क्या क्या. मज़ाक में ही सही, लेकिन ऐसी एक भी लड़की नहीं होगी जिसने ये बात ना सुनी हो.
ना जाने क्यों लेकिन पुरुषों को ये लगता है कि केवल महिलाएं ही गाड़ी ख़राब चलाती है, जबकि देखा जाये तो सबसे ज़्यादा सड़क दुर्घटनाएं पुरुषों के कारण होती है. और ये बात सिर्फ कहने के लिए नहीं कही जा रही. अभी जाकर google करेंगे तो भी सामने आ जाएगा की भारत देश में सबसे ज़्यादा रोड दुर्घटनाएं किसके कारण होती है.
यह बात जाने अनजाने में पुरुषों ने हम महिलाओं के मन में भी बिठा दी है कि हम अच्छी गाड़ियां नहीं चलाते. तो ऐसे में automobile industry में महिलाएं बेहद काम आती है क्योंकि आज भी ये ही माना जाता है कि यह एक male-dominated क्षेत्र है, जिसमें महिलाओं का कोई काम नहीं है !
ऐसे में अगर एक महिला सामने से इस क्षेत्र में आगे आने की कोशिश करें तो हमारा समाज उसे इतना कुछ बोलेगा कि वह खुद ही हार मान कर पीछे हट जाएगी. आज तक ये ही होता आ रहा था. लेकिन इस महिला ने अपने business को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाकर साबित कर दिया कि एक महिला जो चाहे वो कर सकती है.
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नौकरी छोड़ शुरू की pick up and drop service
आज एक ऑटो या कैब बुक करते वक़्त आप में से ऐसे कितने होंगे जो एक महिला चालक की उम्मीद करेंगे. मै बताती हूं- 'कोई भी नहीं'. यह मान्यता बन चुकी है कि एक ऑटो या कैब driver महिला हो ही नहीं सकती! अब ज़रा सोचिए, ऐसी विचारधारा को तोड़कर आरती ने अपनी pick and drop service शुरू की. कितना कुछ सुना होगा, सहा होगा... हम तो शायद अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते.
आरती ने अपनी private नौकरी छोड़ दी क्योंकि वह उस वक़्त pregnent थी और साथ ही कुछ और करना चाहती थी, खुद का काम करना चाहती थी. जब बेटी का जन्म हुआ तो उसने कुछ वक़्त तो अपनी बेटी के साथ गुज़ारा लेकिन फिर कुछ समय बाद सोचा कि अब कुछ काम शुरू करना चाहिए.
अपनी कार का इस्तेमाल pickup और drop service में करने लगी आरती. उसने काम चालु कर दिया था और उसे यकीन था कि वह उसे बहुत आगे बढ़ा सकती है. लेकिन साथ ही डर भी था कि लोग बहुत सी बातें करेंगे. जैसा उसने सोचा था वैसा ही हुआ... हर कदम, हर मोड़ पर परेशानियों का सामना कर रही थी आरती. लेकिन ठान चुकी थी कि चाहे कुछ हो जाए हार नहीं मानेगी.
आरती का जज़्बा देखकर उसकी कज़न बहन ने भी उसके साथ काम करने का फैसला कर लिया. दोनों ने मिलकर एक tour and travel agency चालू करी. जब इन महिलाओं ने मिलकर काम शुरू किया तो सबसे ज़्यादा सवाल करने वाले लोग थे खुद उनके customers. वे इस बात को मंज़ूर ही नहीं कर पा रहे थे कि एक महिला भी इस business को आगे बढ़ा सकती है.
आरती बताती हैं, "Men-dominated industry को चुनने के लिए मुझे आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन मैंने इस काम को पूरे विश्वास के साथ करने का दृढ़ संकल्प कर लिया था मैंने. इस क्षेत्र में एक महिला के रूप में कई लोगों को मेरी क्षमताओं पर शक़ था, लेकिन मैंने उनकी बातों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. कड़ी मेहनत और दृढ़ता के साथ, मैंने और मेरी बहन ने एक संपन्न व्यवसाय बनाया और आज मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है."
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आरती ने तैयार किया बिज़नेस को बढ़ाने का एक प्लान
आरती जानती थी कि इस काम को आगे बढ़ाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि industry में पहले से ही ऐसी companies है जो बहुत established है. लेकिन फिर भी वह डरी नहीं. उनसे अपनी बहन के साथ मिलकर एक plan of action तैयार किया.
उसने तय किया कि वह इस service को पहले अपने परिवार के साथ शुरू करेगी. उसके परिवार और दोस्तों को कही भी जाना होगा तो उन्हें car की सुविधा देने का फैसला किया आरती ने. वह पूरी ईमानदारी से अपना काम रही थी. हर ग्राहक को सारी सहूलियत देने और उनके यात्रा को हर प्रकार से सुविधाजनक बनाने की वजह से उसका customer base बहुत स्ट्रांग हो गया. इसी कारण वह अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के सामने अपने काम को मज़बूत दिखा पाई.
आरती कहती हैं, "बड़े खिलाड़ियों के dominance वाले बाज़ार में अपने काम को बढ़ाने के लिए मुझे पता था कि मुझे कुछ अलग करना होगा. यह एक जोखिम तो था, लेकिन उसका फल भी उतना ही अच्छा मिला हमें. अब, हमारे पर एक strong customer base था जो अपनी यात्रा आवश्यकताओं के लिए मुझ पर भरोसा करता है."
सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन 2020 में सब कुछ बदल गया जब कोरोना के कारण हर business पर मानो ताला लग गया हो. आरती के काम पर भी बहुत गहरा असर हुआ. वह मानो टूट गयी हो, क्योंकि अभी कुछ ही वक़्त हुआ था उसे अपना काम स्थाई करे हुए. कोरोना ने उस जैसे और भी कई व्यापारों को अपना काम बंद करने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन आरती ने ठान लिया था कि वह अपने काम को बंद तो किसी भी हाल में नहीं करेगी.
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एक मित्र से पता चला Mahila Money loan के बारे में
आरती की एक मित्र है जो एक cafe चलाती है. आरती उसके साथ अपने काम को लेकर और अपनी ज़िंदगी को लेकर सारी बातें कर रही थी कि कैसे वह एक अकेली मां होने के साथ साथ अपना business भी संभाल रही है. जब उसकी मित्र ने यह सब सुना तो वह उसकी मेहनत को देखकर उस पर गर्व महसूस करने लगी.
आरती की परेशानी ख़त्म करने के लिए उसकी मित्र ने आरती को Mahila Money loan के बारे में बताया. वह नहीं चाहती थी कि आरती अब किसी परेशानी का सामना करे. अक्सर business में investment या capital सबसे बड़ी परेशानी होती है. आरती को loan के रूप में अपनी दिक्कतों को ख़त्म करने की चाबी मिल गई थी.
आरती ने इस fintech company के बारे में जानने लिए सबसे पहले उनका app download किया ताकि वह तय कर पाए कि सब कुछ सही भी है.
वह बताती है- "उनकी application बहुत user friendly है और मुझे सारी चीज़ें आसानी से समझ आ गई. मैंने tradional banks में ना जाने कितनी बार loan apply करने की कोशिश करी थी लेकिन हर समय कोई ना कोई परेशानी आ ही जाती. बैंक में एक महिला को loan मिलना वैसे भी बहुत मुश्किल है. लेकिन यह परेशानी मुझे इनके साथ बिल्कुल भी महसूस नहीं हुई."
Mahila Money से 2 लाख का loan sanction हो गया था. आरती को यकीन नहीं हुआ कि उसे इतना बड़ा loan इतने कम समय में मिल गया था. अब वह अपना हर काम कर सकती थी, वह चाहती थी कि वह एक और car ख़रीदे ताकि business को और बढ़ा पाए. लोन लेना इतना आसान भी हो सकता है इस बात पर विश्वास ही नहीं कर पा रही थी आरती. उसी के साथ Mahila Money उनके हर customer को हर प्रकार की मदद भी देता है ताकि उन्हें कोई परेशानी ना देखनी पड़े.
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आरती ने business से तैयार किया 67% turnover
Capital की सहायता से, आरती ने न केवल एक और कार खरीदी, बल्कि व्यवसाय के नए रास्ते तलाशने के लिए भी प्रेरित महसूस किया. कुछ ही हफ्तों में, उनके कारोबार में 67% बढ़त देखी गई, जो 80,000 से बढ़कर 1,20,000 तक पहुंच गई थी.
आरती Mahila Money को धन्यवाद देते हुए कहती है कि- "मेरी ज़रूरत के समय में उनके समर्थन के लिए मैं आभारी हूं. Mahila Money जैसे मंच capital देने के तरीके को बदलने में बहुत अहम भूमिका निभा रहे है. मुझे यह जानकर हैरानी भी हुई और खुशी भी हुई कि इस loan को लेने में मुझे किसी भी गारंटर की आवश्यकता नहीं थी. इस एक ऋण ने न केवल मेरी बल्कि मेरे बच्चे की जिंदगी भी बदल दी है."
आरती की कहानी देशभर के युवा महिला उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है. हम आरती जैसे उद्यमियों की सफलता और उनकी #JiyoApneDumPe कहानियों को आपके सामने इसलिए ला रहे है ताकि आपके अंदर भी कुछ कर दिखाने का जोश और जज़्बा जाग सकें और आप भी अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित महसूस करें.
इस RavivarVicharXMahilaMoney impact series में, हम आरती जैसी अन्य महिलाओं की कहानियां आपके साथ शेयर करते रहेंगे, जो न केवल आगे बढ़ना चाहती है बल्कि अपने सपनों को सच में बदलने के लिए हरसंभव कदम भी उठा रहीं हैं.