कॉफी लवर्स की पसंदीदा कॉफी शॉप्स में से एक कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) किसी पहचान की मोहताज नहीं है. लोगों के इस पसंदीदा मीटिंग पॉइंट को कुछ समय पहले पूरी तरह बंद करने के हालात बन गए थे. साल 2015 से कंपनी के हालात बिगड़ना शुरू हुए, रियल एस्टेट और लॉजिस्टिक्स के कारोबार में नुक्सान हुआ, जिसका असर CCD पर पड़ा. समस्या तब बढ़ी, जब इनकम टैक्स ने कंपनी पर 700 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप लगाया. साल 2019 तक कंपनी पर 6547 करोड़ रुपए कर्ज हो गया था. कोई रास्ता न नज़र आने पर फाउंडर वीजी सिद्धार्थ (Veerappa Gangaiah Siddhartha Hegde ) ने आत्महत्या कर ली (cafe coffee day owner). सबको लगा, ये CCD के अंत की शुरुआत है. पर, ऐसा नहीं हुआ.
पति की मृत्यु और क़र्ज़ के बोझ से उभरीं मालविका हेगड़े
सिद्धार्थ (CCD founder VG Siddhartha) की पत्नी मालविका हेगड़े (Malavika Hegde) ने इस कंपनी को फिर से खड़ा करने की ठानी, जिसका नतीजा सबके सामने है. पति की मृत्यु और क़र्ज़ का बोझ उनकी हिम्मत को न तोड़ सका. मालविका हेगड़े ने साल 2020 में सीसीडी की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (Malavika Hegde CEO of CCD) के तौर पर पद संभाला. CCD पर साल 2019 तक 7 हज़ार करोड़ रुपये का क़र्ज़ था, लेकिन मार्च 2021 तक वह घटकर 1,779 करोड़ रुपये रह गया. धीरे-धीरे कंपनी की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी. CCD 36,326 वेंडिंग मशीन के साथ देश का सबसे बड़ा कॉफी सर्विस ब्रांड बना हुआ है.
CEO बन क़र्ज़ किया 95 % तक कम
CEO मालविका ने ब्लैकस्टोन और श्रीराम क्रेडिट कंपनी से हाथ मिलाया, खर्च कम किये, और रेवेन्यू (revenue) बढ़ाने पर पूरा फोकस किया. नतीजा यह रहा कि क़र्ज़ 95 % तक कम हो गया (loan on CCD). 1996 में बेंगलुरु (CCD first outlet in Bengaluru) से शुरू हुआ CCD का सफर आज 165 शहरों में 572 आउटलेट्स के साथ आगे बढ़ रहा है.
महिला एंट्रेप्रेन्योर्स के लिए बनीं मिसाल
कंपनी की कमान संभालने के बाद मालविका ने 25 हजार एम्पलॉईस को पत्र लिखकर उन्हें विश्वास दिलाया कि वह कंपनी को बेहतर पोज़िशन पर लाकर रहेंगी. उन्होंने जो कहा, वह करके भी दिखाया. मालविका ने महिलाओं को हालात से टूटने की जगह फिर खड़े होने और चुनौतियों को मुंह तोड़ जवाब देने का जज़्बा दिया.