SHG से जुड़ा पूरा गांव, घर-घर सुनाई देती सिलाई मशीन की आवाज़

MP में एक गांव ऐसा भी है जहां पूरा गांव SHG से जुड़ गया.हर घर से अब सिलाई मशीन चलने की आवाज़ आती है. यह गांव कई तरह से समाज के लिए उदाहरण बन गया.गांव की महिलाएं और परिवार का सदस्य सिलाई के हुनर में माहिर हो गया.

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देवास जिले के लालाखेड़ी गांव में सिलाई में व्यस्त समूह सदस्य (Image: Ravivar Vichar)

MP के Dewas जिले में छोटा सा गांव है लालाखेड़ी.इस गांव के पूरे 42 परिवार  self help group से जुड़ा.समूह से महिलाओं के जुड़ने से परिवार के हर सदस्य को रोजगार मिल गया.अब आर्थिक स्थिति में तेज़ी से सुधर हो रहा.            

छोटी सी शुरुआत से खड़े किए रोजगार के कई साधन 

Dewas जिले के बागली विकासखंड अंतर्गत लालाखेड़ी गांव मिसाल बना हुआ है.यहां चार साल पहले परिवार मजदूरी पर ही निर्भर थे. गांव के युवा शहरों में बड़े शोरूम पर सिलाई करते. Self Help Group से जुड़ने के बाद इस गांव का माहौल बदल गया.
SHG से जुड़ी निर्मला लोधी बताती है-"एक समय हमें ठीक से मजदूरी भी नहीं मिला पा रही थी.अब पूरा परिवार सिलाई के काम से कमाई कर रहा.मेरे बेटे को संकुल की मदद से नेवरी गांव में दुकान मिल गई,जहां वह किराने की दुकान चलाने लगा." 

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नेवरी गांव में संकुल से मिली दुकान पर  मिला रोजगार  (Image: Ravivar Vichar)

Village Organization (VO) की अध्यक्ष भूरी लोधी कहती हैं-"हमारे गांव के बच्चे इंदौर और देवास जाकर दूसरे व्यापारियों के यहां शो रूम पर सिलाई की मजदूरी करते थे.अब गांव में ही सिलाई के साथ खेती,पशु पालन भी करने लगे.इससे हमारी कमाई बढ़ गई."

Bagali Block Manager (BM) Dinesh Parihar कहते हैं-"यहां समूह की महिलाओं के साथ अन्य सदस्य सूट,कुर्ते,लेडीज़ सूट्स और सफारी जैसे आधुनिक कपड़े बना लेते.आर्थिक स्थिति सुधर जाने से ज़मीन और प्लॉट भी ख़रीदे."      

नशे से दूर हुआ पूरा लालाखेड़ी गांव 

इस गांव में युवा जहां रोजगार से जुड़ गया वहीं संस्कारों से भी पहचान बना ली. ग्राम नोडल देवेंद्र चौहान बताते हैं-"हमारी मेहनत सफल हुई.Ajeevika mission के जरिए गांव में 4 स्वयं सहायता समूह बनाए.गांव में महिलाओं ने सिलाई का काम शुरू किया.ख़ास बात यहां पूरा गांव नशे से दूर है.यहां तक कि गुटखा तक नहीं खाते.आजीविका मिशन के  CLF माध्यम से नेवरी में दुकान बनवाई.SHG की निर्मला के परिवार के सदस्य को रोजगार भी मिला गया."

dewas nevari 500   लालाखेड़ी में SHG परिवार के हर सदस्य दे रहे सहयोग  (Image: Ravivar Vichar)

इस गांव में तैयार सूट को जिला पंचायत (ZP) के तत्कालीन CEO पहन कर 26 जनवरी के समारोह में शामिल भी हो चुके.
Ajeevika Mission District Project Manager (DPM) Sheela Shukla कहती हैं-"देवास जिले में लालाखेड़ी गांव एक मिसाल बन चुका है.रोजगार के साथ नशे दूर हुए युवा खुशहाल जीवन बिता रहे.हम पूरी टीम के साथ समूह सदस्यों का प्रोत्साहन कर रहे."      

SHG self help group CLF Ajeevika Mission Village Organization