एक कहावत बड़ी ही प्रचलित है भारत में, "पैर उतने ही फैलाओ जितनी लंबी चादर हो." लेकिन अगर एक महिला ठान ले तो वह इस कहावत को भी उल्टा साबित कर सकती है. बागपत की 90 महिलाएं ऐसा ही कर रहीं है. वे चादरों का बिज़नेस (Bedsheet business in UP) ही इतना बड़ा और अच्छा बना रहीं है, की पैर पसारने में कोई अड़चन ही न आए.
Image Credits: Amar Ujala
SHG महिलाएं बना रहीं चादरें
उत्तरप्रदेश के बागपत (Baghpat UP news) के खेकड़ा में रहने वाले इरशाद के साथ मिलकर ये महिलाएं चादर बनाने का बिज़नेस शुरू कर चुकीं है. इरशाद राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के अंतर्गत ओवेश स्वयं सहायता समूह (SHG) चला रहे है. इरशाद पिछले 17 सालों से कपड़ा बनाने का काम कर रहे थे.
वे चाहते थे कि अपने काम को और बड़े स्तर पर ले जाए और साथ ही अपने गांव की महिलाओं को भी सशक्त बनाने के लिए योगदान दे. इस कारण उन्होंने सरकार के राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़कर ओवेश Self Help Group की शुरुआत की. अपने काम को बढ़ाने के लिए इरशाद ने 15000 का कर्ज लिया और काम शुरू कर दिया.
Image Credits: SHG E-Shop
समूह की महिलाएं हो रही है सशक्त
जब प्रशासन ने उनकी और महिलाओं की मेहनत देखी तो उन्होंने इरशाद के SHG को 1 लाख रुपए का लोन दिया. महिलाओं की खुशी सातवे आसमान पर थी, और काम करने का जोश भी दोगुना हो चुका था. तभी से इरशाद और ये 90 महिलाएं दिन रात एक कर अपने बिज़नेस को तेजी से आगे बढ़ाने में लग गईं.
आज इन लोगों की चादरें कई प्रदेशों में बिकती है. डिमांड बढ़ चुकी है और इसी के साथ मुनाफे भी डबल हो चुके है. ओवेश SHG की महिलाएं बताती है कि वे सब अपने परिवार को चलाने में सक्षम हुई है, इस काम की वजह से. इरशाद के एक छोटे से कदम से अगर इतना बड़ा बदलाव आ सकता है तो अगर हर बिज़नेस से जुड़ा इंसान ठान ले कि, महिलाओं को आगे बढ़ाने में वह योगदान देगा, तो ज़रा सोचिए देश में कितनी तेजी से बदलाव आएगा.