Gender Perspective in Agriculture 2021-22 रिपोर्ट के अनुसार कृषि में कार्यरत कुल महिलाओं में से 33% कृषि मजदूर हैं और 48% सेल्फ एम्प्लॉयड हैं. कृषि में ज़्यादा संख्या में होने के बावजूद, महिला किसानों को अभी 'किसान' का दर्जा नहीं मिला हैं (female farmer challenges). 2015-16 के कृषि क्षेत्र सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य में महिलाओं के पास 14% operational landholdings है. महाराष्ट्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य और देश का आर्थिक और वित्तीय केंद्र है. राज्य भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 15% का योगदान देता है.
Female Farmers के साथ बढ़ेगी Food Security : FAO
भारत की तरह, विकासशील देशों में महिला किसानों को वित्तीय, कृषि संसाधनों, शिक्षा और प्रशिक्षण तक सीमित पहुंच के साथ-साथ अनुचित मजदूरी और बाजार के अवसरों तक पहुंच की कमी जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. UN के Food and Agriculture Organization के अनुसार, अगर महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि, प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिले तो वैश्विक कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा 20-30% तक बढ़ सकती है.
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महाराष्ट्र सरकार कृषि क्षेत्र और अर्थव्यवस्था को आकार देने में महिला किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, उभरती कृषि तकनीक तक उनकी पहुंच बढ़ाने का प्रयास कर रही है. इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि वह इस डिजिटल दौर में पीछे न रह जाएं और डिजिटल ताकत का इस्तेमाल कर राज्य के विकास में योगदान दे.
Self Help Groups को मिल रहा MAVIM का साथ
महाराष्ट्र सरकार का राज्य महिला विकास निगम (MAVIM) World Economic Forum की AI4AI (कृषि नवाचार के लिए AI) पहल के सहयोग से समावेशी कृषि तकनीक के दृष्टिकोण को लागू करने में सबसे आगे रहा है. MAVIM राज्य भर में 1.8 मिलियन महिलाओं के साथ काम करता है, जिसमें ग्रामीण स्तर पर स्वयं सहायता समूहों (self help group) और जिला स्तर पर संघों के ज़रिये संगठित 1 मिलियन smallholder women farmers भी शामिल हैं, ताकि उनकी आजीविका और वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार हो सके.
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MAVIM का लक्ष्य महिला किसानों की वित्त, इनपुट और बाजारों तक पहुंच बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के संगठनों के साथ सहयोग करना है. क्षमता निर्माण, सामुदायिक सशक्तिकरण और वित्तीय पहुंच पहल के ज़रिये स्वयं सहायता समूहों (SHG) ने पिछले दशकों में अनाज और सब्जियों के उत्पादन में बढ़ोतरी की है.
MAVIM से मिल रहा Agritech को बढ़ावा
MAVIM ने 361 महासंघों के ज़रिये 150,000 SHG को supply chain firms, वित्तीय सेवाओं और इनपुट/आउटपुट खरीदारों जैसे बाजार सहभागियों के साथ जोड़ने की योजना बनाई है. इस रणनीति का लक्ष्य समावेशी Agritech पहल को बढ़ावा देना है, जिसमें मोबाइल प्रौद्योगिकियों, वितरित कंप्यूटिंग और रिमोट सेंसिंग सेवाओं का उपयोग किया जाता है. इसका उद्देश्य महिला किसानों की बाजार पहुंच में सुधार करना, जानकारी और इनपुट प्रदान करना, उपज बढ़ाना, supply chain में सुधार लाना और खर्चों को कम करना है.
Agritech सेवाएं SHG और उनके फेडरेशंस के लिए वैकल्पिक आजीविका के रूप में काम करेंगी. 'Phygital' मॉडल को अपनाने से, किसानों को कृषि तकनीक सेवाओं को समझने और उनका इस्तेमाल करने में सहायता मिलेगी.
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Agritech से होगा Women Empowerment
MAVIM के नेतृत्व में Agritech विभिन्न चैनलों और डेटा स्रोतों के ज़रिये सटीक कृषि ज्ञान और कृषि सलाहकार सेवाएं महिला किसानों तक पहुचायेगा. परियोजना supply chain में सुधार लाएगी. तकनीक से लैस प्लेटफार्मों के ज़रिये बाजार पहुंच चुनौतियों का समाधान निकल सकेगा, जिससे उच्च रिटर्न मिलेगा और फसल के बाद का नुकसान कम होगा.
MAVIM का लक्ष्य महासंघों को डिजिटल बनाना, उनके व्यवसाय संचालन में सुधार करना और एग्रीटेक सेवाओं के लिए डेटा तैयार करना है. एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, MAVIM ने सम्मेलन का आयोजन किया, जिससे जनवरी 2024 में लॉन्च होने वाले डिजिटल कृषि ढांचे का मार्ग प्रशस्त हुआ और निजी क्षेत्र की कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ साझेदारी को बढ़ावा मिला.
MAVIM सशक्त और समावेशी कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, डिजिटल उपकरणों, सामुदायिक मजबूती और कौशल विकास के ज़रिये टिकाऊ और न्यायसंगत परिवर्तन में योगदान देता है, महिला किसानों की समृद्धि के लिए समान समावेशी डिजिटल प्रौद्योगिकी पहल करने वाले क्षेत्रों और देशों के लिए उदाहरण स्थापित करता है.
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