डीजीपे सखी सुरता देवी ला रही डिजिटल क्रांति

सुरता देवी कुछ अलग करने की ठान जोधपुर के ब्लॉक पीपाड़ जिले में कृष्णा स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHG) के गठन का काम दिसंबर 2020 में शुरू हो चुका था.

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मिस्बाह
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Image Credits: The Economics Times

जिस समाज ने महिलाओं के हाथ में बस बेलन, चिमटा, और घड़ा थमाया, स्वयं सहायता समूह ने उसी समाज में महिलाओं को बदलाव लाने के काबिल बनाया (SHG women driving social change). स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ी सफलताओं की कहानी देश के हर कोने से आ रही हैं. समूहों के ज़रिये डिजिटल और तकनीकी रिसोर्सेस ग्रामीण इलाकों तक पहुंच रहे हैं (SHG pulling digital and technological resources to villages). राजस्थान में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. सुरता देवी कुछ अलग करने की ठान जोधपुर के ब्लॉक पीपाड़ जिले में कृष्णा स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (RAJIVIKA) के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHG) के गठन का काम दिसंबर 2020 में शुरू हो चुका था.

स्वयं सहायता समूह में हुई शामिल 

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सुरता देवी

रूढ़िवादी परिवार से आने वाली सुरता देवी पैसों की कमी को दूर करना चाहती थी, पर कैसे, ये सवाल हमेशा उन्हें परेशान करता रहता. समूह से जुड़ी महिलाओं ने उन्हें SHG से जुड़ने का होंसला दिया. उनके कई बार कहने और आत्मविश्वास जगाने के बाद सुरता देवी (Surta Devi) श्री कृष्णा स्वयं सहायता समूह में बुक कीपर (book keeper) के रूप में शामिल हो गईं. 

बन गई डीजीपे सखी 

उनका मनोबल बढ़ा और उन्होंने कुछ नया सीखने का सोचा. डीजीपे सखी (DigiPay Sakhi) की ट्रेनिंग लेने का मन बनाया. यह ट्रेनिंग लेकर सुरता देवी वह पुल बन गई, जिन्होंने डिजिटल तकनीक और अपने गांव की दूरी को कम कर दिया. डीजीपे सखी बन उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाएं देना शुरू किया.सुरता देवी आज अपने गांव में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, समाज कल्याण पेंशन से लोगों को जोड़ रही है. इसके अलावा, वह प्रधानमंत्री ग्रामीण साक्षरता अभियान के तहत गांव की महिलाओं को मुफ्त कंप्यूटर प्रशिक्षण (free computer training to rural women) भी दे रही है. वे ग्रामीणों को ऑनलाइन  बैंकिंग सेवाएं देने का काम कर रही है. DigiPay के ज़रिये, ग्रामीणों को लगभग 40 से 50 लाख रुपये का मासिक लेनदेन करने में मदद कर रही है. ओल्ड ऐज पेंशन (old age pension) के पैसे निकालने में उनकी मदद बुज़ुर्गों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है.

SHG महिलाएं ला रहीं डिजिटल क्रांति 

सुरता देवी कहती हैं: "CSC ने मुझे आस-पास के गांवों में सम्मान और प्रसिद्धि पाने के लिए एक मज़बूत मंच दिया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेंस को बढ़ाने में सीएससी कारगर साबित होंगे. मुझे यकीन है कि इससे ग्रामीण नागरिक और सभी वीएलईएस (VLE- Village Level Entrepreneur) को फायदा मिलेगा.

सुरता देवी जैसी कई महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर आर्थिक क्रांति के साथ डिजिटल क्रांति का भी नेतृत्व कर रही हैं. ई-गवर्नेंस (E-Governance) जैसी डिजिटल सेवाओं को ग्रामीण इलाकों तक पंहुचा कर डिजिटल इंडिया का लक्ष्य पूरा करने में सरकार की मदद कर रही हैं.

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