सक्सेस लेडी पर लाइट कैमरा एक्शन

लगातार संघर्ष और मेहनत से सफलता पाने वाली एक महिला इन दिनों चर्चा में है. बनारस जिले के SHG से जुड़ी इस महिला कुसुम है. ज़मीन से उठ कर मेहनत के बल पर कमाई के साधन ढूंढे और अब सम्मान की ज़िंदगी जी रही. कुसुम सफलता से लाइट कैमरा एक्शन फेस कर रही.  

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KUSUM BAI BANRAS BANNE

बनारस की कुसुम बाई की सफलता पर दिल्ली की टीम ने डॉक्युमेंट्री शूट की (Images: Ravivar Vichar)

उत्तर प्रदेश के बनारस (Banaras) जिले के पहाड़िया (Pahadiya) गांव की रहने वाली कुसुम बाई (Kusum Bai)की सफलता की कहानी सभी जगह दिखाई जाएगी. स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ी कुसुम (Kusum Bai) की मेहनत की सभी लोग तारीफ कर रहे. इस डॉक्यूमेंट्री (Documentary) को तैयार किया जा रहा.

KUSUM BAI BANARAS

SHG की कुसुम बाई अन्य सदस्यों के साथ बैठी हुई शूटिंग के दौरान  (Images: Ravivar Vichar)

गरीबी को हराकर बनी लखपति 

लखपति योजना में शामिल हुई बनारस (Banaras) जिले के चिरईगांव ब्लॉक (Chirai Block) के पहाड़िया (Pahadiya) गांव की कुसुम के घर इन दिनों डॉक्यूमेंट्री बनाने वालों का जमावड़ा रहा. दिल्ली (Delhi) से आई पांच सदस्यीय टीम कुसुम पर डॉक्यूमेंट्री  (Documentary) तैयार की. इस डॉक्यूमेंट्री (Short Films) का निर्देशन स्मिता ने किया. इस डॉक्यूमेंट्री को देशभर में दिखाया जाएगा.          
गरीबों का रोल मॉडल बनी कुसुम की कहानी

साल 2018 के पहले कुसुम के परिवार के हालात ख़राब थे. पति मजदूरी करते और जैसे-तैसे घर चलता था.कुसुम (Kusum) बताती है - "जय मां दुर्गा  स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) का गठन हुआ. मैं सदस्य बन गई. 7 हजार रुपए का लोन लेकर बकरी पाली. कुछ कमाई हुई लोन चुकाया. अगली बार 50 हजार रुपए का लोन लिया. किराने की दुकान चलने लगी. कमाई बढ़ी तो अच्छा लगने लगा. समय पर लोन चुका दिया. एक बार और हिम्मत की. मैंने इस बार तीन लाख का लोन ले लिया. अबकी बार मेरे पति को ऑटो दिलवा दिया. इससे वे मजदूरी की जगह ऑटो चल कर कमाई करने लगे."

वक़्त के साथ कुसुम का परिवार आर्थिक परेशानी से बाहर आ गया. लखपति की योजना में शामिल हो गई. तीनो बच्चे भी अच्छे स्कूल में भर्ती करवा दिए. आज कुसुम गरीबों के लिए इस इलाके की रोल मॉडल है.

KUSUM BAI

कुसुम बाई   (Images: Ravivar Vichar)

महिलाओं को कर रही जागरूक
 
कुसुम बाई (Kusum Bai) गांव और आसपास के समूह से जुड़ी महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही. जिले के प्रभारी उपायुक्त एनआरएलएम डीडीओ (DDO) अशोक कुमार (Ashok Kumar) ने बताया- "डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए नई दिल्ली से टीम आई थी। पूरे देश से ऐसी महिलाओं का चयन कर डाक्यूमेंट्री  (Documentary) बनाई जा रही है जो खुद तो सशक्त हैं, और दूसरों को भी बनाने में मदद कर रही हैं।"    

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