महासमुंद में जंगल को बनाया रोजगार मॉडल

महासमुंद जिले में जंगल के हिस्से को ही मॉडल बना दिया. आवर्ती चराई योजना और गौठान निर्माण ने रोजगार के कई रास्ते खोल दिए. पशु पालकों के मवेशियों को लाभ पहुंचाने के साथ स्वयं सहायता समूह की कमाई के साधन बढ़ा दिए. वन मंडल की यह पहल रंग ले आई.

New Update
gauthan mahasamund

महासमुंद में गौठान कैम्प्स में लगातार बढ़ती हुई मवेशियों की संख्या (Image Credits: Naidunia, CG)

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के महासमुंद (Mahasamund) जिले में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अंतर्गत वनमंडल (Forest zone) के फॉरेस्ट रेंज पिथौरा (Pithaura) में आवर्ती चराई विकास कार्य (Charai Awarti Devplopment Kary) और गौठान (Gauthan) का निर्माण किया गया. इस इलाके में कई सुविधाएं जुटाई गई.

गौठान में समूह सदस्य ऊगा रही सब्जियां 

वन मंडल (Forest zone)  के अधिकारियों के अनुसार इस गौठान क्षेत्र में वर्मी कम्पोस्ट पीट 10 नग, अंजोला टैंक 12 नग तथा 0.20 हेक्टेयर क्षेत्र में तीन स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group) को जुड़ने का मौका दिया. ये समूह सब्जी-भाजी का उत्पादन कर अपनी कमाई  बढ़ा कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे. समूह सदस्यों का कहना है कि इस  गौठान (Gauthan) इलाके में जगह मिल जाने से सब्जियों का उत्पादन बढ़ा. यह इलाका पूरी तरह सेफ है. जिले में इसके अलावा भी समूह दूसरे काम कर रोजगार से जुड़े हैं. 

gauthan mahasamund

CG के सीएम भूपेश बघेल गौठान में अवलोकन करते   (Image Credits: PRO CG)

चरागाह में स्वस्थ रहेंगे मवेशी 

कृषि क्षेत्र (Agriculture Area) को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel)  ने कहा- "छत्तीसगढ़ में नरवा, गरुवा,घुरुवा एवं बाड़ी योजना शुरू की. योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आवर्ती चराई क्षेत्र विकास व गौठान निर्माण कर पालतू मवेशियों की संख्या बढ़ाने और पशुओं को चारागाह के जरिए पशुओं के लिए आसानी से चारा उपलब्ध करवाना है. इससे मवेशी स्वस्थ रहेंगे."

इस इलाके में "30 जगह आवर्ती चराई"  और  "गौठान निर्माण कार्य " के लिए 16 स्थानों को चयन कर बनाया गया. आवर्ती चराई एवं गौठान गोड़बहाल को परिक्षेत्र में मॉडल के रूप में चयन किया गया।

 pithaura cg pic 02 NEW

CG  में किसानों और SHG के लिए गौठान योजना सफल रही   (Image Credits: PRO CG)

चराई केंद्र मवेशियों के लिए नेपियर चारा 

वन मंडल के अनुसार ही यहां 10 हेक्टेयर इलाके में  नेपियर घास (Napier Grass) का रोपण किया गया. स्थानीय निवासियों द्वारा चक्रीय निधि मद के तहत लोन लेकर  ढाई सौ गायों (Cow) के लिए बढ़िया चारा उपलब्ध हो पा रहा है, जिससे दूध उत्पादन (Milk Productions) बढ़ गया. अंजोला टैंक से भी पशुओं के लिए चारा उपलब्ध हो रहा है. पशुपालकों, ग्रामीण महिलाओं  को बहुत फायदा हो रहा. पशुपालक बताते हैं- "हम अपने मवेशियों को चराई केंद्र में लाते हैं, जिससे हम निश्चिंत होकर खेती में अपना पूरा समय दे पाते हैं."  

Mahasamund Bhupesh Baghel Gauthan Chief Minister Chhattisgarh Milk Productions Napier Grass Charai Awarti Devplopment Kary Forest zone