छत्तीसगढ़ (CG) के नारायणपुर (Naraynpur) जिले के कोलियारी (नेतानार गोठान) गांव में लगी इस यूनिट की कमान बजरंगी स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) संभाल रहा. इस समूह की महिलाओं ने समूह की 10 महिलाओं को जोड़ा और Rural Industrial Park (RIPA) के अंतर्गत यह ऑइल यूनिट (Oil Unit) की पैकेजिंग के साथ मार्केटिंग भी कर रहीं.
पड़ोसी राज्यों से भी बढ़ी डिमांड
इस यूनिट में तैयार ऑइल की क्वालिटी से पहुंच बढ़ी. बजरंगी समूह (SHG) की अध्यक्ष फुलबती बाई बताती है- "हमारे समूह की टीम बहुत मेहनत कर रही. साफ पैकेजिंग और क्वालिटी की वजह से पड़ोसी जिले और यहां तक दूसरे राज्यों में ऑइल की डिमांड बनी है."
यूनिट में तैयार पैकेजिंग ऑइल (Image : Ravivar Vichar)
इस यूनिट में लगातार प्रोडक्शन किया जा रहा. आसपास के किसानों से भी तिलहन खरीद कर ऑइल बनाने में मदद ली जा रही. समूह की सचिव प्रियंका ने बताया- "हमने अभी तक 600 लीटर ऑइल का उत्पादन कर लिया. पहले हम लोग मजदूरी करते थे. बमुश्किल 1500 रुपए भी नहीं कमा पाते थे. अब लगभग 6 से 7 हजार रुपए महीने कमा लेते हैं."
लाखों की बिक्री से यूनिट चर्चा में
इस यूनिट में अब तक 600 लीटर ऑइल प्रोडक्टशन हुआ. इस समूह ने अब तक 1.50 लाख रुपए की बिक्री की. आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) के डीपीएम (DPM) और रीपा (RIPA) के जिला नोडल ऑफिसर आशुतोष हलदर ने बताया- "इस यूनिट को हर महीने लाभ हो रहा. पैकेजिंग भी खुद कर करने से मुनाफा ज्यादा मिल रहा. ख़ुशी की बात है कि ऑइल के लिए 10 लाख रुपए का सप्लाई ऑर्डर अभी तक मिल चुका है. लोकल मार्केट में भी बिक्री लगातार बढ़ रही."
ऑइल यूनिट से जुड़ी सदस्य ट्रेनिंग लेते हुए (Image : Ravivar Vichar)
जिला प्रशासन में कलेक्टर (DM) अजीत बंसत (Ajeet Basant) और जिला पंचायत (ZP) के सीईओ (CEO) देवेश ध्रुव (Devesh Druv) खुद SHG के सदस्यों का हौसला बढ़ा रहे. यहां तक कि विशेष ट्रेनिंग (Training) की व्यवस्था की गई. इससे महिलाओ को कॉन्फिडेंस और बढ़ रहा.