भारत की पहली HIV/AIDS Researcher और Activist- Dr. Suniti Solomon

1986 में डॉ. सोलोमन ने इस दृढ़ विश्वास से प्रेरित होकर कि HIV सिर्फ पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं है, अपनी स्टूडेंट सेलप्पन निर्मला के साथ, चेन्नई में 100 सेक्स वर्कर्स की टेस्टिंग की. परिणाम ग्राउंडब्रेकिंग थे.

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मिस्बाह
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HIV AIDS Researcher और ActivistDr. Suniti Solomon

Image: Ravivar Vichar

1980 के दशक की शुरुआत में, दुनिया HIV और इसके विनाशकारी प्रभावों के बारे में जागरूक होना शुरू हो रही थी. उस समय, HIV अमेरिका और दूसरे देशों में कहर बरपा रहा था. हालांकि, भारत में यह धारणा थी कि HIV सिर्फ पश्चिमी देशों तक ही सीमित रहने वाली बीमारी है. 

उस समय, भारतीय चिकित्सक और माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. सुनीति सोलोमन (Microbiologist Dr. Suniti Solomon), जो अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिकाओं में HIV के बारे में पढ़ रही थी, इस बात पर विश्वास नहीं करना चाहती थी.

Indias first HIV AIDS researcher and activist Dr Suniti Solomon

Image Credits: American Society for Microbiology

1986 में भारत में पहली बार Dr. Suniti Solomon ने की HIV testing 

1986 में डॉ. सोलोमन ने इस दृढ़ विश्वास से प्रेरित होकर कि HIV सिर्फ पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं है, अपनी स्टूडेंट सेलप्पन निर्मला (Sellappan Nirmala) के साथ, चेन्नई में 100 सेक्स वर्कर्स की टेस्टिंग की. परिणाम ग्राउंडब्रेकिंग थे - छह नमूने HIV Positive पाए गए, जो भारत में HIV संक्रमण का पहला डॉक्युमेंटेड प्रमाण थे.

Indias first HIV AIDS researcher and activist Dr Suniti Solomon

Image Credits: Hindustan Times

चिकित्सकों ने ये समझा कि यदि इलाज नहीं किया जाता है, तो वायरस एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशियेंसी सिंड्रोम (AIDS) का कारण बन सकता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण या बीमारी से लड़ने में असमर्थ होती है. इस खोज को शुरू में संदेह और इनकार का सामना करना पड़ा. लेकिन टेस्टिंग के बाद, भारत सरकार ने HIV के पैमाने को पहचाना और सरकार राष्ट्रीय HIV स्क्रीनिंग और रोकथाम कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रेरित जो गई.

चेन्नई में शुरू किया Y.R. Gaitonde Centre for AIDS Research and Education 

आलोचना से विचलित हुए बिना, डॉ. सोलोमन ने चेन्नई में एड्स अनुसंधान और शिक्षा के लिए वाईआर गायतोंडे केंद्र की स्थापना की. केंद्र HIV/AIDS अनुसंधान, उपचार और सहायता का केंद्र बन गया. डॉ. सोलोमन के नेतृत्व ने एपिडेमिक से लड़ने में परिवर्तनकारी प्रभाव डाला. 

Y.R. Gaitonde Centre for AIDS Research and Education 

Image Credits: YRG Care

डॉ. सोलोमन का मिशन लेबोरेटरी से आगे बढ़ा. Healthcare Leadership का प्रमाण देते हुए, वह HIV/AIDS से जुड़े कलंक से निपटने के लिए सामुदायिक आउटरीच (community outreach for AIDS awareness) और शिक्षा में सक्रिय रूप से शामिल हो गई, और आज देखी जा रही प्रगति के लिए मंच तैयार कर दिया. अपने पूरे करियर के दौरान, उन्होंने HIV महामारी विज्ञान, रोकथाम, देखभाल और सहायता (HIV Epidemiology, Prevention, Care and Support) पर बड़े पैमाने पर प्रकाशन किया और इस क्षेत्र पर एक अमिट छाप छोड़ी.

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चिकित्सा के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से हुई सम्मानित 

डॉ. सुनीति सोलोमन के प्रयासों से HIV/AIDS के प्रति लोगों में जागरूकता और इलाज तक पहुंच बढ़ी. उनके अथक प्रयासों ने उन्हें कई अवॉर्ड्स दिलवाये, जिसमें राष्ट्रीय महिला जैव-वैज्ञानिक पुरस्कार और चिकित्सा के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं.

Indias first HIV AIDS researcher and activist Dr Suniti Solomon

Dr Sunil Solomon receives Padmashri posthumously awarded to his mother Dr Suniti Solomon (Image Credits: YRG Care)

उनके बेटे और जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन और महामारी विज्ञान के प्रोफेसर सुनील सोलोमन अपनी मां की सफलता का श्रेय उनकी दृढ़ता को देते हैं. डॉ. सुनीति सोलोमन की विरासत भारत में HIV/AIDS के खिलाफ लड़ाई में एक योद्धा के रूप में जीवित है.

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अभी भी 2.4 मिलियन लोग हैं HIV से संक्रमित 

भारत में HIV अभी भी एक चिंताजनक मुद्दा बना हुआ है. 2.4 मिलियन (current HIV cases in India) लोग इस वायरस से पीड़ित हैं. हालांकि, संक्रमण कम करने में प्रगति देखी गई है. 2010 के बाद से भारत में HIV के वार्षिक नए मामलों की संख्या में लगभग आधी गिरावट आई है. HIV से संक्रमित लगभग 77% लोग अपने पॉजिटिव होने के बारे में जानते हैं, 65% एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी ले रहे हैं और 55% लोगों को मिल रहे उपचार ने वायरल लोड को कम कर दिया है. 

Indias first HIV AIDS researcher and activist Dr Suniti Solomon

Image Credits: Indulge Express

HIV के प्रसार को नियंत्रित करने के भारत के प्रयासों को 2 युगों में विभाजित किया जा सकता है: सुनीति सोलोमन, एम.डी. (1939-2015) के काम से पहले, और उसके बाद. उनके काम से पहले, HIV/AIDS के उपचार या रोककथाम तो दूर की बात, उसका नाम भी नहीं जाना जाता था. डॉ सुनीति की लेगेसी आज माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट्स के लिए प्रेरणा बनी है.

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