उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य में हर जगह कृष्णा जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023) के पावन पर्व का उत्साह है. जन्माष्टमी 2023 (janmashtami meaning) हिंदू त्यौहार (Festivals of hindu) है. इस दिन आदर्श नायक श्री कृष्ण का जन्म (lord krishna birth date) हुआ था.
मथुरा में जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जा रही है (when is janmashtami celebrated in mathura 2023). इस्कॉन टेम्पल में भी जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों शोरों से हो रही हैं (iskcon janmashtami 2023). वृन्दावन में जन्माष्टमी (vrindavan festival 2023) के त्यौहार पर हर तरफ उत्साह और धूम है. बांके बिहारी जी मंदिर को फूलों और दियों से सजाया गया है. पूरे मथुरा वृन्दावन (mathura vrindavan janmashtami) में जन्माष्टमी त्यौहार का उत्साह है.
जन्माष्टमी त्यौहार बना SHG के रोजगार का जरिया
लोग जन्माष्टमी (Janmashtami) के लिए लड्डू गोपाल की मूर्ती, सजावट के सामान की खरीदारी कर रहे हैं. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी स्वरोजगार के नए अवसर मिले. जन्माष्टमी त्यौहार (janmashtami festival) पर सहारनपुर (saharanpur, uttar pradesh) की रहने वाली सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी कविता गर्ग ने मैक्रेम से लड्डू गोपाल के लिए झूला (macrame krishna jhula), टोकरी और वस्त्र बनाने का व्यवसाय शुरू किया.
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समूह से मिली कौशल विकास की ट्रेनिंग
कविता बताती है कि Self Help Group से जुड़कर उन्हें काफी फायदा हुआ, उन्होंने अलग-अलग कौशल विकास की ट्रेनिंग ली, जिसकी वजह से आज वह अपने व्यवसाय की शुरुआत कर पाई है. समूह में तीस महिलाएं हैं जो अलग-अलग कार्य कर लाभ कमा रही हैं. SHG महिलाएं घर से ही काम कर रही हैं. अपने साथ-साथ उन्होंने समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं को भी अपने व्यापार से जोड़कर आमदनी कमाने में मदद कर रही हैं.
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SHG महिलाएं कई राज्यों में कर रहीं बिक्री
महिलाएं सर्दी और गर्मी में बच्चों के कपड़े बनाने के साथ दीपावली (deepawali 2023) के लिए भी चीज़ें बनाती हैं. समूह से महिलाओं को स्वरोजगार स्थापित करने में मदद मिली है. महिलाएं संकुलों, बाज़ारों और शहरों में अपने उत्पादों को बेच रही हैं. रुड़की (Roorkee), हरिद्वार (Haridwar) और देहरादून (Dehradun) आदि शहरों में लोग एसएचजी महिलाओं के उत्पादों को काफी पसंद कर रहे हैं.
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कविता बताती है कि अभी उत्पाद ऑफलाइन बेचे जा रहे हैं, लेकिन आगे चलकर ऑनलाइन उत्पादों की बिक्री करने की भी तैयारी है. गांव की महिलाओं को समूह के जरिये रोजगार मिलने से वह आर्थिक रूप से सशक्त हुईं हैं.