घर में बैंक से जुड़ा कोई भी काम हो, चाहे पैसे जमा करा, अकाउंट खुलवाना, लोन लेना, या कुछ और, अक्सर पुरुषों को ही याद किया जाता है. लेकिन आज हालात ये है कि इन्हीं पुरुषों को ये महिलाएं बैंकिंग से जुड़ी हर सेवा घर तक लाकर दे रहीं है.
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झारखंड की महिलाएं बैंक सखी बनकर पहुंचा रही बैंकिंग सेवाएं
झारखंड में ऐसे कई गांव आज भी है जहां बैंकिंग से जुड़ी सेवाएं आज तक नही पहुंच पा रही है. ऐसे में झारखंड सरकार ने इन्हीं गांव की करीब 5000 महिलाओं को बैंक सखी बना दिया है. अब ये महिलाएं अपने गांव के हर घर में जाकर बैंक से जुड़ी सेवाएं हर व्यक्ति तक पहुंचा रही है.
JSLPS से जुड़कर महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड के कतंगदिरी गांव की एक महिला जिनका नाम चिंतामणी देवी है, इन्हे लोग अब बैंक वाली दीदी कहकर बुलाते है. इन्होंने अपने गांव की पंचायत में एक ग्रहणी होने के साथ बिज़नेस corresspondent होने ओए ज़िम्मा भी संभाल रखा है. जब वह अपने गांव के गुलाब जल स्वयं सहायता समूह से जुड़ी, उस दिन से उनका जीवन बदल गया. इस Self help group में एक सदस्य के रूप में चिंतामणी देवी ने JSLPS (Jharkhand State Livelihood Promotion Society) और ग्रामीण विकास विभाग से जुड़कर bank of india में बीसी सखी के रूप में काम करना शुरू कर दिया.
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प्रशिक्षण और अपनी सूझबूझ से आज चिंतामणी अपने गांव के हर व्यक्ति की बैंक से जुड़ी परेशानी का निवारण कर रहीं है. सब ज्यादा फायदा हुआ है बुजुर्गों और विकलांग लोगों को जो चाह कर भी बैंक तक नही जा पा रहे थे.
चिंतामणी ने उन लोगों का काम भी आसान करा है जिन्हे पेंशन के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ता था. अब उन सब को घर बैठे पैसे मिल जाते है. महियाओं ने लोगों को बीमा करने के लिए भी जागरूक किया है. झारखंड की महिलाएं तेज़ी से आगे बढ़कर खुद को अपने बलबूते पर खड़ा कर रहीं है. हर प्रदेश में महिलाऐं स्वावलंबन और सशक्तिकरण की ओर बढ़ रही है. वह दिन दूर जब देश को आगे बढ़ाने में महिलाओं का सबसे बड़ा हाथ होगा.