पानी फाउंडेशन के फार्मर कप से मिली गहरी मित्रता

पानी फाउंडेशन के फार्मर कप से सिर्फ महिलाएं सशक्त ही नहीं बन रहीं बल्कि उनके बीच इतनी गहरी मित्रता करवाने के लिए भी 'सत्यमेव जयते फार्मर कप' और 'माज़ा गट माज़ा कुटुंब' की ट्रेनिंग बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है.

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रिसिका जोशी
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Paani foundation farmers cup

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पानी फाउंडेशन के सत्यमेव जयते फार्मर कप (paani foundation satyamev jayate farmer's cup) ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में अपनी पहचान बनाई. ग्रामीण महाराष्ट्र के कोने कोने तक इस कॉम्पिटिशन की चर्चा थी. सबसे बड़ा फायदा था इसमें भागीदारी से मिलने वाली ट्रेनिंग. यह बात खुलताबाद तालुका के घोडेगांव की महिलाओं को भी पता चली. इनमें से 14 महिलाओं ने अपना गट (समूह) बनाने का फैसला लिया और नाम रखा जीज़ाऊ शेतकरी गट.

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शुरू की शेतकरी गट को बड़ा करने की तैयारी

पानी फाउंडेशन (paani foundation) के फार्मर कप को जीतने का उत्साह और साथ में एकजुट होने की भावना, बस फिर क्या था तैयारी शुरू हुई. इन महिलाओं ने बीजे खरीदने से लेकर, बुआई, कटाई, फर्टिलाइज़र की ख़रीद तक सब कुछ प्लान किया. समूह की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए इन्होंने अपने और आसपास के गाँव में चल रहे गटों को भी जोड़ा. इस तरह ज़्यादा फायदे से सबने मिलकर बीज़ और उर्वरक खरीदे. जैसे बीज़ का बैग जो 850 रुपये में मिलता वही थोक में एक साथ खरीदने से 780 रुपये में मिला. बचत हुई और उमंग दुगनी हुई , तो ज़ज़्बा और भी मजबूत हुआ.

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अपने गहने रखे गिरवी

ज़ोर शोर से तैयारियां चल रही थी कप में भाग लेने के लिए. इसी बीच गट की एक सदस्य नंदा ताई के चेहरे की चमक कहीं गुम थी. "पूरे गट को हँसाने वाली नंदा ताई को ऐसा क्या हुआ जिससे वे इतनी शांत हो गयी?" यही सोचकर सब परेशान थे. सबने पूछने की कोशिश करी, लेकिन जवाब नहीं मिल रहा था. कुछ समय बीता और यह पता पड़ा की नंदा ताई ने गट में पैसे जमा करने के लिए अपने सोने की बालियां गिरवी रखी थी. गट में पैसे जमा करवाने और स्वाभिमान के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया और अपनी बालियां गिरवी रख दी. जब यह बात गट को पता चली, तो सबका दिल टूट गया.

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पानी फाउंडेशन की ट्रेनिंग से मिली हिम्मत

उसी दौरान (pani foundation training camp) पानी फाउंडेशन की ओर से एक ट्रेनिंग कैंप करवाया गया- "माज़ा गट माज़ा कुटुंब" (My group my family). इस ट्रेनिंग में इन महिलाओं को यही समझाया गया कि जब हर समूह सदस्य को अपने परिवार का हिस्सा समझोगे और उनके दुःख दर्द में साथ रहोगे, तभी पूरा गट एक साथ आगे बढ़ेगा. समूह को परिवार समझने से ही नयी ऊंचाइयों तक पहुंच सकेंगे. जीज़ाऊ शेतकरी गट की ताइयों ने पानी फाउंडेशन की इस सीख को समझा. सभी ने मिलकर नंदा ताई की मदद करने का फ़ैसला कर लिया.

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गट की महिलाओं ने हिसाब लगाया कि अगर सारी महिलाएं 1384 रुपये एक साथ मिलायेंगी तो नंदा ताई की बालियां वापस लायी जा सकती है. सबने यह रकम इक्कठा कर ताई के हाथों में रख दी. नंदा ताई के पास शब्द नहीं थे, थे तो बस आँखों में ख़ुशी के आंसू.समूह की ताक़त को नंदा ताई और बाक़ी सबने समझ लिया.

Paani foundation के farmer cup के साथ बढ़ी आगे

पानी फाउंडेशन के फार्मर कप से सिर्फ महिलाएं सशक्त (Women empowerment) ही नहीं बन रहीं बल्कि उनके बीच इतनी गहरी मित्रता करवाने के लिए भी 'सत्यमेव जयते फार्मर कप' और 'माज़ा गट माज़ा कुटुंब' की ट्रेनिंग बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है. समूह न केवल आर्थिक स्वतंत्रता ला रहे है बल्क़ि सामाजिक चेतना और एकजुटता को आगे बढ़ा रहे है. रविवार विचार सलाम करता है इन ताइयों की गाड़ मित्रता को, जिन्होनें गट की सदस्य की परेशानी को अपना समझकर उसे ख़त्म करने के लिए दिन रात एक कर दिए.

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