एक गांव में रहना का मज़ा ही कुछ होता है. साफ़ ठंडी हवा, हरियाली, और हर जगह बस प्राकृतिक ख़ूबसूरती. दुनिया भर से लोग आते है और भारत की इन्ही गांव और कस्बों में रह कर बहुत से नए एक्सपीरिएंस करते है. और ऐसा ही कुछ अनोखा एक्सपीरिएंस है नॉर्थ- ईस्टर्न और ईस्टर्न राज्यों यहाँ पर एक बार जाए तो वापस आने का मन ही नहीं करता!
आइये जानते है दार्जिलिंग के मकइबारी टी गार्डन के बारे में
कुछ ऐसी ही कहानी है दार्जिलिंग के कुर्सियोंग सब डिवीज़न के मकइबारी टी एस्टेट की. सुनकर लगेगा की एक नॉर्मल सा चाय का बागान है. लेकिन यह कुछ अलग है. यहां है एक होमस्टे जो बाकियों के मुकाबले कुछ अनोखा है. मकइबारी टी प्लांटर्स इस बागान को सँभालने के साथ यहां पर एक बहुत सुन्दर होमस्टे भी संभाल रहे है. जनरेशन्स से यहां पर मकइबारी के टी प्लकर्स इस होमस्टे को संभाल रहे है.
मीरा तमंग का मकइबारी टी गार्डन
इस होमस्टे को चला रही है मीरा तमंग और उनके पति इंद्र कुमार लामा. साथ ही वॉलेंटियर्स के रूप में मकइबारी के Self Help Group भी इस होमस्टे को चलाने में मीरा की मदद करते है. जब उन्होंने यह बिज़नेस शुरू किया था, तब ग्रोथ बिलकुल नहीं थी. 2008 के बाद से यहां पर लोगों का आना शुरू हुआ. अपने बिज़नेस पर पूरा ध्यान देते हुए आज मीरा और उनके पति ने सब कुछ इतना सुंदर कर लिया है कि यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति को जाने की इच्छा ही नहीं होती.
मीरा कहती है- "यहां आने वाले अधिकतर पर्यटक विदेशी होते हैं. हम उन्हें घर का बना भोजन खिलाते हैं जो इस क्षेत्र के स्थानीय व्यंजनों को दर्शाता है. और हम उन्हें घर जैसा महसूस कराने की पूरी कोशिश करते हैं."
उन्होंने अपनी बात पूरी करते हुए कहा- "पर्यटक यहां अपने प्रवास के दौरान ग्रामीण जीवन का अनुभव करने की उम्मीद कर सकते हैं. हमारा यात्रा कार्यक्रम आमतौर पर तीन रात और चार दिन तक चलता है.पर्यटक टी प्लांटर्स के साथ मिलकर टी प्लकिंग और बाकी के काम भी कर सकते है. कारखाने में जाकर देख सकते हैं कि चाय का निर्माण और प्रसंस्करण कैसे किया जाता है, चाय का स्वाद चखने का आनंद ले सकते हैं, स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करके उनके जीवन के बारे में और अधिक समझ सकते हैं, गाँव और जंगल की सैर और पक्षियों को देखने की यात्राओं पर जा सकते हैं."
स्वयं सहायता समूह (SHG) इन टी प्लांटर्स के साथ जुड़कर अपनी ज़िंदगियों को सवारने के लिए बहुत काम कर रहे है. ऐसे राज्य जहां टी प्लांटेशन होते है, SHG महिलाओं को इन जगहों पर इस तरह का के होमस्टेस शुरू करने चाहिए, ताकि पर्यटकों के लिए एक नए एक्सपीरिएंस को तैयार किया जा सकें और महिलाओं के लिए भी रोजगार तैयार किया जा सके.