400 साल पुरानी कला में महिलाएं भर रहीं उम्मीदों के रंग

400 साल और रंगों का संसार... इस कला को महिलाएं पूरी ताकत से न केवल बचा रही बल्कि उम्मीदों के नए रंग भर रहीं. रंग और पहनावे की परंपरा को आगे बढ़ा रही. अलग-अलग रंग और कपड़ों को रंगने की इस कला का हर कोई कायल है.

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Image- Ravivar Vichar (बांधनी मटेरियल तैयार करती समूह सदस्य)

देशभर के साथ MP में भी कपड़ों को रंग कर नई-नई पौशाकों का ट्रेंड लगातार बढ़ रहा.ऐसे में Neemuch जिले की Self Help Group की महिलाओं ने बांधनी या बंदेज पैटर्न को अपने रोजगार का जरिया बनाया.अपनी मेहनत के बल पर इस प्रिंट को नए सिरे से बाज़ार में उतारा.

कपड़ों पर बिखेर रहीं प्राकृतिक रंग और बना रहीं आकर्षक ड्रेस 

Neemuch जिले के उम्मेदपुरा गांव में चली आ रही 400 साल पुरानी कपड़े रंगने की कला को नया बाज़ार मिलने लगा. पहचान मिलने के कारण यहां काम में जुटीं महिलाओं में उत्साह है.

उम्मेदपुरा की Jagriti SHG कीअध्यक्ष Jyotiprabha Makrana बताती हैं-"यह हमारी पैतृक कला है. SHG बनाने के बाद हमें और मदद मिली. हम Natural Colors का उपयोग कर कपड़े रंगते हैं.हम दुपट्टे,सूट,साड़ी,बेडशीट सहित कई तरह के आइटम्स तैयार करते हैं. ख़ास कर साड़ियों को महिलाएं बहुत पसंद करती हैं. हमारा कारोबार 8 से 10 लाख रुपए सालाना हो जाता है.हमने CCL लोन भी लिया जिसकी मदद से कच्चा माल खरीदने में आसानी हुई."

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बांधनी मटेरियल को कलर करती महिला और समूह सदस्य (Image: Ravivar Vichar)

यहां चेतना स्वयं सहायता समूह और प्रेरणा समूह भी बनाए और  Ajeevika Mission की सुविधाओं का फायदा मिला.

 

बंदेज प्रिंट से मिला 200 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार 

जावद ब्लॉक के उम्मेदपुरा में इस  traditional Print के काम से 200 से ज्यादा महिलाओं सहित उनके परिवार को काम मिला. ज्योतिप्रभा के पति उमेश मरकाना कहते हैं-"SHG से जुड़ने से पहले रोजगार चलाने की लिए लोन वगैरह लेने में परेशानी आती थी.अब काम आसान हो गया.इस traditional art को टाई-डाई प्रक्रिया कहते हैं." 

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बांधनी मटेरियल साड़ी तैयार होने के बाद सूखाते हुए (Image: Ravivar Vichar)

Ajeevika Mission Jawad Block Manager (BM) Vijay Soni कहते हैं-"यहां की बंदेज प्रिंट और दाबु प्रिंट काम से जुड़ी महिलाओं को 8 से अधिक self help group से जोड़ा.उन्हें CCL सहित कई तरह की सुविधा मुहैया करवाई. यह लोग कच्चा माल Bhivandi, Bihar, Chanderi, Maheshvar आदि जगह से मंगवाते हैं."

लगातार पहचान बना रहे इस गांव के समूह को लेकर District Project Manager (DPM) Shambhu Maida कहते हैं-"समूह द्वारा तैयार मटेरियल की डिमांड बढ़ी.यह मटेरियल बड़े शहरों के साथ राजस्थान,दिल्ली,साउथ स्टेट सहित फेम इंडिया को भेजते हैं.क्राफ्ट बाज़ार और exhibition में भी यहां के समूह हिस्सा ले रहे."

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समूह अध्यक्ष ज्योतिप्रभा सीएम मोहन यादव को दुपट्टा गिफ्ट करते हुए (Image: Ravivar Vichar)

Neemuch Sonal Saree Show Room की संचालक Shalini Ashish Khabiya कहती हैं-"राजस्थान सीमा से लगे इस जिले में महिलाओं में काम का हुनर है.बांधनी प्रिंट की साड़ियों सहित ड्रेस मटेरियल की लगातार मांग बढ़ रही.बांधनी प्रिंट मटेरियल तीज-त्यौहार में ख़ास पसंद की जाती है."      

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