कई तरह की सामजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के बाद भी, ग्रामीण महिलाएं अपने मज़बूत इरादों से बदलाव की लहर ला रही हैं. रविवार विचार (Ravivar Vichar) कोशिश करता है ऐसी पॉवरफुल महिलाओं की कहानियों को आप तक पहुंचाने की, जो पितृसत्ता के अंधेरों से निकल, शिक्षा, न्याय, और समानता की रोशनी फैला रही हैं.
पूजा आप्टे (Pooja Apte) ने पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) में योगदान देने के लिए टायर स्क्रैप से अनोखा प्रोडक्ट बनाया.
Image Credits: nemital_blinkgreen
टायर स्क्रैप से बनाये Eco - Friendly Footwear
कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए पूजा आप्टे बदामिकर अपने 'फुटप्रिंट्स' पर ध्यान दिया, असली वाले फुटप्रिंट्स पर. भारत दुनिया में स्क्रैप्ड टायरों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. देश में हर साल करीब 15 लाख टन टायर डिस्कार्ड किये जाते हैं. इनमें से ज़्यादातर बेकार टायर लैंडफिल में जाते हैं, जिससे कई तरह की पर्यावरणीय और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं (eco friendly products).
रिन्यूएबल एनर्जी में MBA के बाद, पूजा आप्टे ने फुटवियर की अनोखी रेंज डिजाइन करना शुरू की. अनोखी इसलिए क्योंकि, फुटवियर बनाने के लिए उन्होंने अपसाइकल टायर स्क्रैप का इस्तेमाल किया. युवा महिला उद्यमी पूजा का फुटवियर ब्रांड नेमितल ब्लिंक ग्रीन (Nemital blink
Green) व्यापक औद्योगिक रिसर्च और रीसाइक्लिंग और अपसाइक्लिंग (recycling and upcycling) के बारे में गहन विशेषज्ञता का प्रोडक्ट है.
Image Credits: nemital_blinkgreen
यूनिक प्रोडक्ट ने जीता 50 हज़ार रुपये का कैश प्राइज
युवा उद्यमी (sustainable startups in India) होने के नाते स्टार्टअप इंडिया यात्रा में भाग लिया और अपने यूनिक प्रोडक्ट के लिए 50 हज़ार रुपये का कैश प्राइज जीता. इसके बाद पूजा ने अपनी कंपनी ब्लिंक ग्रीन के तहत अपना ब्रांड नेमितल लॉन्च किया. शुरुआत में, उन्होंने डिज़ाइन को सरल रखा और स्थानीय मोची से जूते बनवाए. अब वह अपने डिजाइनर की मदद से कोल्हापुरी चप्पल से लेकर ऑक्सफोर्ड जूते, बेली, मोजड़ी जैसे कई तरह के ट्रेंडी जूतों की रेंज पेश कर रही है.
Image Credits: nemital_blinkgreen
टायर के स्क्रैप इकट्ठा करने के लिए, पूजा का सफर पुणे में गंदगी भरे इलाकों से शुरू हुआ. पूजा बताती है कि 80 वर्षीय कूड़ा बीनने वाले ने उन्हें मुफ्त में स्क्रैप टायर कराया दिया ताकि वह अपना काम शुरू कर सके.
महिला उद्यमियों को भी कर रही प्रेरित
“अगर मैं चुनौतियों का सामना कर, अपने दम पर व्यवसाय शुरू कर सकती हूं, तो कोई भी महिला ऐसा कर सकती है. आपको प्रेरणा ढूंढनी होगी और जहां जुनून है, वहां कमजोरी के लिए कोई जगह नहीं है,'' पूजा कहती हैं. पूजा का कहना है, "फुटवियर मैनुफेक्चरिंग फील्ड में 80% उत्पादन महिलाओं के लिए और 5% पुरुषों के लिए है; फिर भी, इस क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व बना हुआ है."
Image Credits: nemital_blinkgreen
पूजा आप्टे के ईको-फ्रेंडली फुटवियर ग्रीन फुटप्रिंट छोड़ पर्यावरण संरक्षण के लिए समाज को सस्टेनेबल विकल्प चुनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.