दुर्गा का रुप... रानी दुर्गावती

रानी दुर्गावती हर भारतीय महिला के लिए मिसाल है. अपने हक़ के लिए लड़ना और परिवार को संभालना भारत की महिला के रग रग में बसा है, क्यूंकि हमारी पूर्वज दुर्गावती, लक्ष्मीबाई, ताराबाई, अहिल्या बाई, और ऐसी ना जाने कितनी और रानियां थी, जो किसी राजा से कम नहीं थी.

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रिसिका जोशी
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Rani Durgavati

Image- Ravivar Vichar

जब उसकी तलवार चलती थी, तो दुश्मन और उसकी हिम्मत, सब टूट के चूर हो जाती थी. अपनी प्रजा के लिए देवी, साम्राज्य के लिए लक्ष्मी, और घुसपैठों के लिए काली और दुर्गा का रूप धारण किया था रानी दुर्गावती (Rani Durgavati) ने. जन्म हुआ चंदेल सम्राट किरात राय के परिवार में. 5 अक्टूबर 1524 थी वो तारीख, जब इस योद्धा और माँ का जन्म हुआ. अपने पिता की तरह रानी दुर्गावती भी कला की प्रेमी थी. अपनी उपलब्धियों के साथ साहस और कला के संरक्षण की मिसाल थी दुर्गावती. 1542 में उनका विवाह गोंड राजवंश के राजा संग्राम शाह के सबसे बड़े बेटे दलपतशाह से हुआ.

Rani Durgavati

Image Credits: TV bharatvarsh

रानी दुर्गावती ने संभाला पूरा साम्राज्य

लेकिन उनके पहले पुत्र के जन्म के बाद ही दलपतशाह की मृत्यु हो गयी. रानी ने पूरे राज्य की बागडोर अपने हाथ में ली. ऐसा कहा जाता है कि इस काल में व्यापार खूब फला-फूला. अपने पति के पूर्वजों की तरह उन्होंने अपने क्षेत्र को बढ़ाया और साहस, उदारता और चातुर्य के साथ गोंडवाना, जिसे गढ़ा-कटंगा भी कहा जाता है, का राजनीतिक integration पूरा किया. उनके राज्य के 23,000 गांवों में से 12,000 का मैनेजमेंट सीधे तौर पर उनकी सरकार करती थी. 

उन्होंने अपने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई उपयोगी सार्वजनिक कार्य किये और अपनी जनता का दिल जीत लिया. वह बहादुर, सुंदर और साहसी (Female freedom fighters of india) होने के साथ-साथ प्रशासनिक कौशल वाली एक महान नेता भी थीं. उसके स्वाभिमान ने उसे दुश्मन के सामने आत्मसमर्पण करने के बजाय मृत्यु तक लड़ने के लिए मजबूर किया. 

Rani durgavati

Image Credits: India Times

सरकार बना रानी रानी दुर्गावती के नाम को अमर

उसकी बहादुरी और सहास के चर्चे आज तक भारत की हवाओं में जुंग रहे है. सोलवी सदी से लेकर आज तक, उनका वर्चस्व कम नहीं हुआ. मध्य प्रदेश सरकार (Madhya pradesh queens) ने दुर्गावती की लेगसी को बरक़रार रखते हुए, 1983 में जबलपुर यूनिवेर्सिटी का नाम बदल कर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय रखा. जबलपुर से जम्मूतवी स्टेशन तक जाने वाली ट्रैन का नाम भी दुर्गावती एक्सप्रेस रखा गया. भारतीय तट रक्षक ने 14 जुलाई 2018 को तीसरा इनशोर पेट्रोल वेसल (IPV) ICGS रानी दुर्गावती को शुरू किया.

Rani Durgavati

Image Credits: The Jaipur Dialogues

रानी दुर्गावती हर भारतीय महिला (Women Empowerment) के लिए मिसाल है. अपने हक़ के लिए लड़ना और अपने परिवार को संभालना भारत की महिला के रग रग में बसा है, क्यूंकि हमारी पूर्वज दुर्गावती, लक्ष्मीबाई, ताराबाई, अहिल्या बाई, और ऐसी ना जाने कितनी और रानियां थी, जो किसी राजा से कम नहीं थी.

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