गांव-गांव पहुंच रहा रीपा नमकीन का स्वाद
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) जिले के छोटे से गांव में महिलाओं ने घर से निकल ऐसा मोर्चा संभाला की आज वे उद्यमी बन कर नई पहचान के साथ स्वाभिमान की ज़िंदगी जी रहीं हैं. स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं ने अपने हाथों से गांव में ही नमकीन (Namkeen) प्रोडक्ट्स (Products) तैयार किए. कुछ महीने में ही इस नमकीन का स्वाद और स्वाद आसपास के गावों तक पहुंच गई. जिले के अकलतरा ब्लॉक (Akaltara Block) के तिलई की महिलाओं ने मेहनत कर गांव को भी अलग पहचान दिला दी. रीपा (Rural Industrial Park) योजना और आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) से मिली ट्रेनिंग (Training) से ये प्रोजेक्ट सफल हो गया.
कमाई से बढ़ी घर की रौनक
तिलई (Tilai) गांव के गीतांजलि स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की ज्योति कटारे कहती हैं -"शुरू में मैं घरेलु महिला ही थी. लगता था कि कुछ काम कर घर की आय बढ़ाएं. जिससे परिवार को भी मदद हो सके. हमने समूह बनाया. नमकीन यूनिट का काम हमें मिला. मुझे ख़ुशी है कि 'रीपा नमकीन' (RIPA Namkeen) ब्रांड को कुछ समय में ही लोग पसंद करने लगे. धीरे-धीरे घर में कमाई बढ़ने लगी. इस यूनिट (Unit) में हम कई महिलाएं काम कर रहीं." अप्रैल महीने में यह यूनिट शुरू हुई. इसी यूनिट से जुड़े दूसरे आशीर्वाद समूह (SHG) की फुलेश्वरी बताती हैं- “इस यूनिट से जुड़ कर नई उम्मीद बन गई. कुछ टाइम में ही नमकीन का प्रोडक्शन बढ़ने लगा. हमारे परिवार के लोग भी साथ दे रहे. मेरे पास भी समूह से जुड़ने के पहले कोई काम नहीं था. मुझे अच्छा लग रहा कि घर में कमाई बढ़ रही है "
तलई गांव में सदस्य रीपा ब्रांड नमकीन के लिए काम करते हुए (Image Credit: Ravivar Vichar)
तिलई गांव बना आदर्श,मिले दो करोड़
इस गांव में समूह के सदस्यों की मेहनत देख रीपा (Rural Industrial park ) योजना से 2 करोड़ की मदद दी गई. अकलतरा के एडीओ (Assistant Development Officer) बैजनाथ राठौर बताते हैं -" शासन ने अकलतरा ब्लॉक को भी चुना. यहां दो करोड़ रुपए की मदद से नमकीन यूनिट तैयार की गई. इसमें बेसन की सेंव, गाठिया, बूंदी रायता, मिक्चर कई तरह का बनाया जा रहा है. इसके अलावा आलू के चिप्स भी तैयार किए जा रहे."
गांव-गांव जाकर संपर्क
शुरुआत में ही गांव के युवाओं को भी इसमें जोड़ा गया. लगभग 20 लोग इस यूनिट से जुड़ गए. महिलाएं आसपास के गांव में मार्केटिंग में जुट गई. इस यूनिट से जुड़े सूरज कटारे आगे बताते हैं -" इस यूनिट में तैयार हो रहे नमकीन प्रोडक्ट्स से महिलाओं को ख़ास काम के साथ पहचान मिल. अभी डेढ़ से 2 क्विंटल नमकीन के अलग-अलग प्रोडक्ट रोज तैयार किए जा रहे."महिलाएं अपने स्तर पर सोशल मिडिया में गांव-गांव जाकर संपर्क कर रही.कुछ महिलाएं मार्केटिंग में काफी तैयार हो गईं.
रीपा (RIPA) योजना में हर जिले में कुछ ब्लॉक को दो-दो करोड़ रुपए की मदद दी गई. इससे आजीविका मिशन बिहान (Ajeevika Mission Bihan ) नई यूनिट लगाने और समूह को रोजगार से जोड़ने का काम कर रही. आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक (DMM) उपेंद्र कुमार दुबे कहते हैं -"अकलतरा ब्लॉक के तिलई में कई योजनाओं से महिलाओं को काम मिला.अभी तक बतख, मुर्गी पालन, मछली पालन, सब्जी उत्पादन के साथ रीपा की मदद से बड़ी यूनिट डाली गई. इस नमकीन यूनिट बनाए जा रहे प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग में और महिलाओं की ट्रेनिंग दी जाएगी."
तलई गांव में लगाई यूनिट में नमकीन तैयार करते हुए सदस्य (Image Credit: Ravivar Vichar)
अधिकारियों ने दिया बढ़ावा
इस यूनिट के लिए जनपद के सीईओ (CEO) सत्यव्रत तिवारी ने खुद विजिट की. महिलाओं को आश्वस्त किया कि रीपा ब्रांड को और पहचान दिलाई जाएगी. यहां तक कि जिला पंचायत (ZP) की सीईओ (CEO) ज्योति पटेल ने जिले के सभी उन ब्लॉक की समीक्षा की, जहां रीपा योजना की मदद से यूनिट लगाई गई. जिले के पांच ब्लॉक में रीपा के दो-दो करोड़ की मदद समूहों को नए रोजगार से जोड़ने के लिए शासन ने दी है.