बायो-फ़र्टिलाइज़र से खेती में नई क्रांति लाती संगीता सवालाखे

संगीता का यह काम ना सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद है बल्कि केमिकल प्रदुषण से भी धरती की रक्षा कर रहा है. यह क्रांति है हर उस किसान की ज़िंदगी में जो आज तक बिना जाने इन केमिकल्स के शिकार बने हुए थे.

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रिसिका जोशी
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Sangeeta Swalakhe

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बायो ऑल्टरनेटिव्स की क्रांति लाती संगीता सवालाखे

एग्रीकल्चरल एंटोमोलगी में अपनी मास्टर्स पूरी करने के बाद, संगीता एक ऐसी जगह के किसानों के संपर्क में आई, जहां आए दिन किसानों की आत्महत्या की खबरें सामने आ जाती थी. संगीता हैरान थी, की जो किसान अपनी फसल को बढ़ाने के लिए केमिकल फर्टिलाइज़र्स और पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल कर रहा था, उसकी प्रोडक्शन में बढ़ौतरी होने के बजाय दिन पर दिन कमतरी आ रही थी. इस कारण किसानों का कर्ज़ा बढ़ रहा था, और उसे चुकाने के लिए फसल ही नहीं उग रही थी.

संगीता सवालाखे समझ नहीं पा रही थी कि आख़िर परेशानी क्या है, और तभी से उसने ठान लिया कि वह इस समस्या का हल निकाल कर ही दम लेगी. उसने सोच लिया, वह इन किसानों के लिए केमिकल फर्टिलाइज़र्स और पेस्टिसाइड्स का सस्ता ऑल्टरनेटिव ढूंढ कर इन किसानों की मदद करेगी. नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के हिसाब से 2021 में महाराष्ट्र में 37.3% किसान आत्महत्या के मामले सामने आए थे. यह भारत में किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे ज़्यादा है और इसीलिए संगीता पुरे जोश के साथ इस काम को करने में लग गयी.

Sangita sawalakhe

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विदर्भ बायोटेक लिमिटेड में बना रही 16 प्रकार के बायो- फर्टिलाइज़र्स और पेस्टिसाइड्स

संगीता ने जैविक कीट नियंत्रण प्रणालियों के बारे में पढ़ना शुरू किया और उसे सफ़ेद ग्रब, माइलबग, माइट्स, एफिड्स और जैसिड्स जैसे कीटों को नियंत्रित करने के विकल्प मिल गए. उन्होंने 1998 में विदर्भ बायोटेक लिमिटेड की शुरुआरत की, जो 16 प्रकार के बायो-पेस्टिसाइड्स, फंगीसाइड्स और फर्टिलाइज़र्स बेचती है. पारंपरिक खेती के अलावा, इनका उपयोग हाइड्रोपोनिक्स और एक्वापोनिक्स खेती में भी किया जा सकता है.

Sangita Swalakhe

Image Credits: The Better India

10,000 से ज़्यादा किसानों की कर चुकीं है मदद

संगीता सवालाखे कहती है- “हम इन उत्पादों को फंगस, बैक्टीरिया और वायरस जैसे माइक्रो ऑर्गेनिज़मस का उपयोग कर बनाते हैं जो नग्न आंखों से नहीं देखे जा सकते हैं लेकिन फसलों के लिए उपयोगी हैं. हम उन्हें फसलों का मित्र कहते हैं." संगीता सवालाखे ने अपना जीवन केमिकल पेस्टीसियड्स और फर्टिलाइज़र्स के आर्गेनिक ऑल्टरनेटिव्स के आविष्कार करने के लिए समर्पित कर दिया है. पिछले तीन दशकों में, उन्होंने महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और पंजाब में 10,000 से ज़्यादा किसानों को आर्गेनिक पेस्टीसियड्स और फर्टिलाइज़र्स के उपयोग के साथ जैविक खेती अपनाने में मदद की है.

संगीता का यह काम ना सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद है बल्कि केमिकल प्रदुषण से भी धरती की रक्षा कर रहा है. यह क्रांति है हर उस किसान की ज़िंदगी में जो आज तक बिना जाने इन केमिकल्स के शिकार बने हुए थे.

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