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Image Credits: The Hitavada
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देश में महिला किसान SHGs को सरकार किसानी के जुड़े सारे उपकरणों से लैस कराने की तैयारी कर चुकी है. भारत एक किसान प्रधान देश है. सरकार की प्रायोरिटी में से एक है भारत का किसान. फार्मिंग के तरीको में डेवलपमेंट को तेज़ करने के लिए राज्य सरकार तकनिकी विकास पर भी ध्यान दे रही है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के दौरे पर आए केमिकल और फ़र्टिलाइज़र मंत्री मनसुख मांडविया ने किसानी में सुगमता के लिए किए जा रहे प्रयासों का रिव्यु किया.
केंद्रीय मंत्री ने खेती में ड्रोन उपयोग को प्रोत्साहित करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे नीतिगत प्रयासों की सराहना करते हुए कहा- "Central Government स्वयं सहायता समूह (SHG) को खेती-किसानी में उपयोग कम रेट्स में ड्रोन उपलब्ध कराएगी. खेती में लागत कम हो इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और ड्रोन उपयोग को भी प्रोत्साहन दे रही है, ताकि किसानों को कीटनाशक और खाद के छिड़काव में मदद कर सकें."
Self Help Group की महिलाएं ड्रोन्स का इस्तेमाल कर, किसानी की तकनीकों में आगे बढ़ पाएंगी. प्रदेश में केमिकल फ्री प्राकृतिक खेती को लेकर चल रहे अभियान की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा- "रासायनिक फर्टिलाइज़र्स के ज़्यादा और असंतुलित प्रयोग से फसलों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. इनके स्थान पर अल्टरनेटिव फर्टिलाइज़र्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. जैसे यूरिया की जगह पर सल्फर कोटेड (गोल्ड यूरिया) और नैनो तरल यूरिया और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) की जगह पर नैनो डीएपी आदि."
उन्होंने कहा- "पीएम प्रणाम योजना के अंतर्गत फ़र्टिलाइज़र सब्सिडी से बचत की धनराशि की आधी धनराशि राज्य सरकारों को किसान हितैषी योजनाओं के लिए दी जाएगी." बैठक में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी ने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश में किसानी करते वक़्त ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रोत्साहित किया. किसान महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर राज्य में तकनीकों में सुधार लाने का हर संभव प्रयास कर रही है. किसानी भारत देश की नीव है और इस मजबूत बनाने के लिए किसानी से जुड़ी महिलाओं सशक्त करना एक बड़ी कड़ी है.