MP के Dewas जिले में टोंक खुर्द की रहने वाली भावना शिवहरे पर उस वक़्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनके पति राजेश शिवहरे की कोरोना में मौत हो गई.आर्थिक परिशानियों के बीच भावना ने self help group से मदद ली .काम की बढ़ती रफ़्तार के साथ भावना ने खुद की पहचान बनाई.
राशन दुकान से खोले कमाई के नए रास्ते
भावना शिवहरे ने अपने दोनों बच्चों को पढ़ने के साथ खुद आर्थिक मजबूत होने की ठानी.
कृष्णा स्वयं सहायता समूह की भावना बताती है-"मेरे पति का कोरोना काल में निधन हो गया. रोड पर हमारा छोटा सा रेस्टोरेंट भी बंद हो गया.एक लाख का बिजली बिल का कर्ज भी.मैंने CIF से 50 हज़ार का लोन लेकर रेस्टोरेंट शुरू किया.राशन की दुकान खोली और सेल्समेन के रूप में भी कमाई शुरू हुई.अब मेरी कमाई 12 हज़ार रुपए महीने हो जाती है."
अपनी राशन दुकान पर काम करते हुए भावना शिवहरे (Image: Ravivar Vichar)
भावना ने समूह से 70 हज़ार रुपए का एक अलग लोन लिया. धीरे-धीरे बच्चों को पढ़ाने के साथ आर्थिक स्थिति ठीक हुई.
काबिलियत देख बनाया मास्टर ट्रेनर
Ajeevika Mission के अधिकारियों ने भावना की मेहनत और काबिलियत देख मास्टर ट्रेनर बनाया.
चिड़ावद Village Organization के साथ अनमोल CLF में सचिव भी बनी.
भावना शिवहरे आगे बताती है-"मैं मास्टर ट्रेनर के रूप में स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को गतिविधियों और खर्च का रिकॉर्ड रखना सिखाती हूं.इसके आलावा BC के रूप में भी सेवाएं दे रही.साथ ही मेरे भाई के साथ रेस्टोरेंट भी चला रहे."
BC का काम संभालते हुए अपने सेंटर पर भावना (Image: Ravivar Vichar)
मास्टर ट्रेनर बन जाने से भावना ने कई दूसरी महिलाओं को भी समूह संचालन के लिए तैयार किया.
Dewas Ajeevika Mission की DPM Sheela Shukla कहती हैं-"जिले में कई कमज़ोर महिलाओं ने SHG से जुड़कर योजनाओं का लाभ लिया और आर्थिक स्थिति सुधारी.कई महिलाएं Lakhpati Didi की श्रेणी में आ गई.इनमे से भावना शिवहरे भी हैं जिन्होंने मेहनत कर अपनी पहचान बनाई."
देवास जिले में कलेक्टर IAS Rishav Gupta और जिला पंचायत CEO IAS Himanshu Prajapat ने self help group की महिलाओं को promot करने के लिए कई तरह की training program चलाए.यही वजह Prime Minister Narendra Modi तक ने इस ज़िले की समूह सदस्य से बात की थी.