MP के Balaghat जिले के परसवाड़ा ब्लॉक अंतर्गत भादा की महिला चंद्रवती परते ने अपनी ज़िंदगी को खुशहाल बना लिया.अब खुद परिवार का साथ दे रही.self help group के साथ जैविक समूह भी बनाया.कमाई लगातार बढ़ने से आत्मनिर्भर हो गई.
पर्यावरण के साथ खोला जैविक संसाधन केंद्र
बालाघाट के भादा गांव की रहने वाली चंद्रवती परते सामान्य खेती मजदूरी करती रही.मिशन के साथ जुड़ी और देवी जैविक समूह बनाया. गांव की 15 महिला सदस्यों को इस समूह से जोड़ा.टीम लीडर ललिता वारीवा को बनाया.
Ajeevika Mission अधिकारियों और experts द्वारा ट्रेनिंग दिलवाई.
सेंटर पर रखी ऑर्गैनिक मेडीसीन के साथ चंद्रवती परते (Image: Ravivar Vichar)
Organic Group की सदस्य चंद्रवती परते बताती है-"इस समूह से मैंने किसानों के बीच जाकर जैविक खेती और कई तरह के organic fertilizer का उपयोग करना सिखाया.मैंने खुद जैविक संसाधन केंद्र खोला.साथ ही vermicompost ,soya tonic और organic tonic बना कर रखा.मेरी अलग से लगभग 22 हज़ार रुपए कमाई हो रही."
Organic Advance Farming से गांव में किसानों की बनी पहचान
national rural economic transformation project (NRETP) और PGS Portal से समूह की सदस्यों को ट्रेनिंग दी.इस ट्रेनिंग से गांव में इन महिलाओं ने organic advance farming के लिए चंद्रवती परते ने काम शुरू किया.
खुद ने भी सुदर्शन काढ़ा सहित organic medicine, vermi comopst बनाना शुआरु किया.किसानो ने इसका उपयोग करने से भादा गांव के किसान परिवारों की भी अलग पहचान बनी.
ऑर्गैनिक ट्रेनिंग के साथ समूह सदस्य और किसान (Image: Ravivar Vichar)
परसवाड़ा के IFC के block anchor Santosh Sonvane लगातार भादा गांव के इस समूह को प्रोमोट कर रहे.
Parswada Mission के Block Manager Sandeep Chaursia बताते हैं-"इस गांव में vermi compost और organic medicine को हम सभी बढ़ावा दे रहे.साथ ही समूह सदस्यों की मार्केटिंग में मदद कर रहे."
Balaghat के Ajeevika Mission के DM Mukesh Bisen ने बताया-"परसवाड़ा ब्लॉक के भादा गांव में Organic Group बहुत अधिक सफल रहा.यहां सदस्यों को आर्थिक लाभ के साथ किसानों को भी trained किया.हमें ख़ुशी है इस समूह की कई सदस्य lakhpati didi की श्रेणी में शामिल हैं."
जिले में आर्थिक कमज़ोर महिलाओं की आर्थिक स्थिति लगातार बदल रही.